कोटा. चित्तौड़गढ़ जिले के एक नाबालिग के प्रसव का मामला सामने आया है. 6 जून को नाबालिग ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में एक बालिका को जन्म दिया. इसके बाद किशोरी तो स्वस्थ है, लेकिन नवजात बालिका का स्वास्थ्य खराब है. जिसके चलते उसे अस्पताल में ही रखा गया है. इस संबंध में चित्तौड़गढ़ की रावतभाटा थाना पुलिस पड़ताल के लिए अस्पताल पहुंची. वहीं, इसके बाद चाइल्ड वेलफेयर कमिटी चित्तौड़गढ़ की सूचना पर कोटा सीडब्ल्यूसी आगे की कार्रवाई कर रही है.
सीडब्ल्यूसी के रोस्टर सदस्य व चेयरमैन कनीज फातिमा ने बताया कि नाबालिग चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा थाना क्षेत्र की रहने वाली है. उसने एक बच्ची को जन्म दिया है, लेकिन नवजात की तबीयत ठीक न होने के कारण उसे बच्चों के वार्ड में भर्ती किया गया है. उन्होंने बताया कि वो इस संबंध में डॉ. भारती सक्सेना व अन्य लोगों से बातचीत की है.
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वहीं, सीडब्ल्यूसी कोटा के सदस्य अरुण भार्गव ने बताया कि बालिका के अस्पताल के टिकट में उसकी आयु 18 साल बताई गई है. लेकिन चिकित्सकों को उसकी उम्र कम लगी. ऐसे में जब उसका जनआधार कार्ड चेक किया गया तो उसमें उसक आयु 12 साल दर्ज थी. इसके अनुसार उसकी उम्र अभी 15 से 16 साल है. परिजनों ने बताया कि हमारे यहां जल्दी विवाह हो जाता है. सीडब्ल्यूसी ने दोनों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए निर्देशित किया है. साथ ही कहा गया कि अगर बालिका और उसके परिजन कोई कदम उठाना चाहते हैं तो वो बाल कल्याण समिति को इसके बारे में बता सकते हैं.
बचपन में हो गया था विवाह - इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन ने चाइल्ड वेलफेयर कमिटी व पुलिस को सूचना दी थी. जिसके बाद पुलिस ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी चित्तौड़गढ़ को इसके बारे में बताया. चित्तौड़गढ़ से सूचना कोटा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को दी गई है, जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ. साथ ही सामने आया कि बालिका का बचपन में ही विवाह हो गया था. वहीं, जिस लड़के से उसका विवाह हुआ है. उसकी उम्र भी 18 से 19 साल के बीच ही बताई जा रही है.