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मुख्यमंत्री गहलोत पहुंचे विधायक भरत सिंह के घर, MLA ने विरोध में कराया था मुंडन - CM Gehlot visits tonsure MLA Bharat singh house

कोटा के विधायक भरत सिंह ने कहा कि मेरा चेहरा ही अब विरोध करेगा. इन मुद्दों को लेकर मैं बात कर रहा हूं. मैं अपने मुंह से कोई बात नहीं बोलूंगा. वह अपने आप ही महसूस करेंगे कि मुझे किन बात को लेकर तकलीफ है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 14, 2023, 11:13 AM IST

Updated : Sep 14, 2023, 11:26 AM IST

कोटा. सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज विधायक भरत सिंह से मिलने पहुंचे हैं. विधायक भरत सिंह बीते दिनों नाराज थे और लगातार मुख्यमंत्री और अधिकारियों के खिलाफ बयानबाजी भी कर रहे थे. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज भरत सिंह से मिलने पहुंचे हैं. इस मौके पर भरत सिंह ने कहा कि मेरा चेहरा ही अब विरोध करेगा. इन मुद्दों को लेकर मैं बात कर रहा हूं. मैं अपने मुंह से कोई बात नहीं बोलूंगा. वह अपने आप ही महसूस करेंगे कि मुझे किन बात को लेकर तकलीफ है. किसी ने नंगे पैर जिला बनाने को लेकर मांग की थी, जब जिला बन गया, तो यह प्रतीकात्मक विरोध किया था. उसी तरह से मैं भी प्रतीकात्मक विरोध करता रहूंगा. यह मुद्दा मेरे लिए अब महत्वपूर्ण भी नहीं रखता है. मैं बच्चों की तरह जिद नहीं कर सकता, मैंने अपनी बात कह दी है, लेकिन सर पर बाल नहीं रखकर विरोध जारी रहेगा. बता दें कि लगातार खान की झोपड़ियां गांव को बारां जिले से कोटा में शामिल करने और सीमलिया थाने में कांग्रेस नेताओं पर दर्ज मुकदमे के मामले में जल्द कार्रवाई की मांग उठा रहे थे.

बीजेपी और कांग्रेस में अंतर, भाजपा में होता तो बाहर फेंक देते : विधायक भरत सिंह ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में यही अंतर है. भीलवाड़ा के शाहपुरा से विधायक कैलाश मेघवाल काफी वरिष्ठ हैं और लगातार भाजपा से विधायक भी रहे हैं. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया है, क्योंकि उन्होंने पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी की थी. वहीं हमारी पार्टी में लोकतंत्र और संविधान है, मैं लगातार पार्टी के नेताओं के खिलाफ मुद्दे उठाता था और बोलता था. इसके बावजूद भी मेरा सम्मान किया जाता है. मुझे पार्टी से बाहर नहीं निकाला गया. साथ ही कोई नोटिस भी नहीं दिया गया, अगर मैं भाजपा में होता तो बाहर फेंक दिया जाता.

पढ़ें विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, कहा- अशोक गहलोत का ईमान मर चुका, मुंडन करवाकर केश भेंट कर रहा हूं

जो बात मुझे गलत लगे उन्हें उठाता हूं : भरत सिंह ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखता रहा हूं, क्योंकि मैं पत्र लिखता हूं, उनको मैं सार्वजनिक भी कर देता हूं. ताकि लोगों को पता चल जाए मैं क्या बोल रहा हूं. मुख्यमंत्री से मेरे संबंध हमेशा मधुर रहे हैं, लेकिन जिन मुद्दों पर मैं सहमत नहीं हूं, उन पर नाराजगी प्रकट करनी होती है. मैं मेरे पिता से भी बोलता रहता था. यह मेरा स्वभाव है, जो गलत लगता है, उस पर बोलता हूं. सचिन पायलट राजीव गांधी के जन्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में नहीं आएं थे. उनके नहीं आने के क्या कारण रहे होंगे, उसमें जाना नहीं चाहता हूं. मेरा निशाना यह था कि पायलट आप नहीं आए, मगर आपके पिता की तस्वीर हमने लगा दिया. आपके पिता हमारे बीच में आ गए. हालांकि हकीकत यह थी कि पायलट, डोटासरा, रंधावा सब अपनी जगह हैं.

पढ़ें अशोक गहलोत के लिए एमएलए भरत सिंह बोले मुख्यमंत्री जिंदाबाद गृहमंत्री मुर्दाबाद

नहीं लगाएं गृह मंत्री मुर्दाबाद के नारे : भरत सिंह ने कहा कि परसों जब लोगों को बुला लिया था और यह कहा था कि गृह मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाएंगे, लेकिन हमें पता चला कि गृह मंत्री और मुख्यमंत्री एक ही हैं. इसलिए हमने नारे नहीं लगाएं. रावण भी जलाया है, बीजेपी के समय का रावण था. इसलिए हमने जला दिया था. यह रावण 10 साल से घर में रखा था. इतना लंबा रावण रखते भी नहीं है, इसलिए दशहरा के पहले ही रावण हमने मार दिया है.

पढ़ें पीएम मोदी के तरह सीएम गहलोत को भी घमंड, पायलट भी नहीं कर पाए साहस : भरत सिंह

पूछ पर लटके गहलोत को दिखाएंगे सीएम को : भरत सिंह दो-तीन तस्वीरें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिखाएंगे. जिनमें एक उनके बेटे ने बनाई है. इस कृति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. यह तीनों नेता एक शेर के नीचे है. किसी तस्वीर में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शेर की पूछ पर लटके हुए है. भारत सिंह का कहना है कि मेरा बेटा चित्रकार है कि किस मंशा से यह बनाई है. यह वही बता सकता है, लेकिन मैं मुख्यमंत्री को यह तस्वीर जरूर दिखाऊंगा. इसके साथ ही जवाहर कला केंद्र जयपुर की एक तस्वीर भी दिखाऊंगा. जिसमें रावण तलवार चलाता हुआ हंसता नजर आ रहा है.

कोटा. सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज विधायक भरत सिंह से मिलने पहुंचे हैं. विधायक भरत सिंह बीते दिनों नाराज थे और लगातार मुख्यमंत्री और अधिकारियों के खिलाफ बयानबाजी भी कर रहे थे. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज भरत सिंह से मिलने पहुंचे हैं. इस मौके पर भरत सिंह ने कहा कि मेरा चेहरा ही अब विरोध करेगा. इन मुद्दों को लेकर मैं बात कर रहा हूं. मैं अपने मुंह से कोई बात नहीं बोलूंगा. वह अपने आप ही महसूस करेंगे कि मुझे किन बात को लेकर तकलीफ है. किसी ने नंगे पैर जिला बनाने को लेकर मांग की थी, जब जिला बन गया, तो यह प्रतीकात्मक विरोध किया था. उसी तरह से मैं भी प्रतीकात्मक विरोध करता रहूंगा. यह मुद्दा मेरे लिए अब महत्वपूर्ण भी नहीं रखता है. मैं बच्चों की तरह जिद नहीं कर सकता, मैंने अपनी बात कह दी है, लेकिन सर पर बाल नहीं रखकर विरोध जारी रहेगा. बता दें कि लगातार खान की झोपड़ियां गांव को बारां जिले से कोटा में शामिल करने और सीमलिया थाने में कांग्रेस नेताओं पर दर्ज मुकदमे के मामले में जल्द कार्रवाई की मांग उठा रहे थे.

बीजेपी और कांग्रेस में अंतर, भाजपा में होता तो बाहर फेंक देते : विधायक भरत सिंह ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में यही अंतर है. भीलवाड़ा के शाहपुरा से विधायक कैलाश मेघवाल काफी वरिष्ठ हैं और लगातार भाजपा से विधायक भी रहे हैं. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया है, क्योंकि उन्होंने पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी की थी. वहीं हमारी पार्टी में लोकतंत्र और संविधान है, मैं लगातार पार्टी के नेताओं के खिलाफ मुद्दे उठाता था और बोलता था. इसके बावजूद भी मेरा सम्मान किया जाता है. मुझे पार्टी से बाहर नहीं निकाला गया. साथ ही कोई नोटिस भी नहीं दिया गया, अगर मैं भाजपा में होता तो बाहर फेंक दिया जाता.

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जो बात मुझे गलत लगे उन्हें उठाता हूं : भरत सिंह ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखता रहा हूं, क्योंकि मैं पत्र लिखता हूं, उनको मैं सार्वजनिक भी कर देता हूं. ताकि लोगों को पता चल जाए मैं क्या बोल रहा हूं. मुख्यमंत्री से मेरे संबंध हमेशा मधुर रहे हैं, लेकिन जिन मुद्दों पर मैं सहमत नहीं हूं, उन पर नाराजगी प्रकट करनी होती है. मैं मेरे पिता से भी बोलता रहता था. यह मेरा स्वभाव है, जो गलत लगता है, उस पर बोलता हूं. सचिन पायलट राजीव गांधी के जन्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में नहीं आएं थे. उनके नहीं आने के क्या कारण रहे होंगे, उसमें जाना नहीं चाहता हूं. मेरा निशाना यह था कि पायलट आप नहीं आए, मगर आपके पिता की तस्वीर हमने लगा दिया. आपके पिता हमारे बीच में आ गए. हालांकि हकीकत यह थी कि पायलट, डोटासरा, रंधावा सब अपनी जगह हैं.

पढ़ें अशोक गहलोत के लिए एमएलए भरत सिंह बोले मुख्यमंत्री जिंदाबाद गृहमंत्री मुर्दाबाद

नहीं लगाएं गृह मंत्री मुर्दाबाद के नारे : भरत सिंह ने कहा कि परसों जब लोगों को बुला लिया था और यह कहा था कि गृह मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाएंगे, लेकिन हमें पता चला कि गृह मंत्री और मुख्यमंत्री एक ही हैं. इसलिए हमने नारे नहीं लगाएं. रावण भी जलाया है, बीजेपी के समय का रावण था. इसलिए हमने जला दिया था. यह रावण 10 साल से घर में रखा था. इतना लंबा रावण रखते भी नहीं है, इसलिए दशहरा के पहले ही रावण हमने मार दिया है.

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पूछ पर लटके गहलोत को दिखाएंगे सीएम को : भरत सिंह दो-तीन तस्वीरें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिखाएंगे. जिनमें एक उनके बेटे ने बनाई है. इस कृति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. यह तीनों नेता एक शेर के नीचे है. किसी तस्वीर में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शेर की पूछ पर लटके हुए है. भारत सिंह का कहना है कि मेरा बेटा चित्रकार है कि किस मंशा से यह बनाई है. यह वही बता सकता है, लेकिन मैं मुख्यमंत्री को यह तस्वीर जरूर दिखाऊंगा. इसके साथ ही जवाहर कला केंद्र जयपुर की एक तस्वीर भी दिखाऊंगा. जिसमें रावण तलवार चलाता हुआ हंसता नजर आ रहा है.

Last Updated : Sep 14, 2023, 11:26 AM IST

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