कोटा. राजस्थान के कोटा को उत्तर प्रदेश के इटावा से जोड़ने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से 414 किलोमीटर लंबी चंबल एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है. करीब 20 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे को अटल प्रोगेसिव-वे नाम दिया गया है. चंबल एक्सप्रेस-वे का निर्माण पहले एनएचएआई के मध्यप्रदेश के श्योपुर प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट (पीआईयू) के अधीन दिया गया था, लेकिन इसे बदलकर अब कोटा पीआईयू में ट्रांसफर कर दिया है.
कोटा में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर टेक्निकल और प्रोजेक्ट डायरेक्टर जेपी गुप्ता इसे देख रहे हैं. यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई के बीच बन रहे 8 लेन के एक्सप्रेस-वे से अलग है. इसमें किसानों की जमीन तो अवाप्त होगी, लेकिन खेत पर जाने का रास्ता बंद नहीं होगा. इस एक्सप्रेस-वे के साथ ही किसानों के लिए एक सर्विस लेन भी पैरेलल बनाया जाएगा, यह लगातार एक्सप्रेस-वे के साथ ही बनेगा.
414 किमी लंबा हाईवेः एनएचएआई के जीएम जेपी गुप्ता का कहना है कि कोटा के कराडिया से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के इटावा रोड पर खत्म होगा. बीच में मध्यप्रदेश के बीच 3 जिले भिंड, मुरैना और श्योपुर से यह गुजरेगा. कोटा जिले के इटावा से खातौली में यह एक्सप्रेस-वे गुजरेगा, खातौली पर ही राजस्थान की सीमा खत्म होगी. चंबल एक्सप्रेस-वे कुल लंबाई 414 किलोमीटर है, राजस्थान से 71.4 किलोमीटर का हाईवे गुजरेगा. कोटा पीआईयू के पास राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में भी 20 किलोमीटर का एरिया है, जिसका निर्माण भी कोटा पीआईयू के अधिकारी ही करवाएंगे.
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कराडिया व सीमलिया ऐसी जगह जहां से क्रॉस कर रहे हैं तीन हाईवेः कोटा से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित कराडिया व सीमलिया के पास तीन नेशनल हाईवे का जंक्शन बनेगा. जिनमें दो एक्सप्रेस-वे शामिल हैं. संभवतः यह देश की पहली जगह है, जहां पर दो एक्सप्रेस-वे मिलेंगे. इसके अलावा राजस्थान में पहली जगह है, जहां पर 3 नेशनल हाईवे एक ही जगह से क्रॉस कर रहे हैं. भारत माला प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे को छह लेन का बनवाया जा रहा है. इसके लिए कोटा शहर में प्रवेश करने का जंक्शन कराडिया में बनाया जा रहा है. इस जगह पर ही यह नेशनल हाईवे 27 को भी क्रॉस कर रहा है. ऐसे में कोटा आने के लिए एक्सप्रेस-वे से उतर कर वाहन चालक हाईवे 27 पर होकर पहुंचेंगे. इसके साथ ही चंबल एक्सप्रेस-वे की शुरुआत भी यहीं से होने वाली है. ऐसे में यूपी के इटावा मध्य प्रदेश के भिंड, मुरैना से आने वाले वाहन यही उतरेंगे. साथ ही यहां से जाने वाले वाहन भी यहीं से चढ़ेंगे.
दो हाई लेवल ब्रिज और एक आरओबी बनेगाः जेपी गुप्ता ने बताया कि दो बड़े ब्रिज बनेंगे एक कालीसिंध नदी पर और दूसरा पार्वती नदी पर. कालीसिंध पर बनने वाला हाई लेवल ब्रिज कोटा जिले में बड़ौद गांव के आसपास बनेगा. दूसरी तरफ पार्वती नदी पर बनने वाला ब्रिज कोटा और मध्यप्रदेश की सीमा पर खातोली के पास बनेगा. साथ ही कोटा- बीना रेल लाइन को यह दीगोद स्टेशन के नजदीक क्रॉस करेगा. ऐसे वहां भी रेलवे और ब्रिज बनाया जाएगा. यह सभी स्ट्रक्चर फोरलेन के अनुसार होंगे. ऐसे में कालीसिंध और पार्वती की पुलिया भी चार लेन की होगी. इसके अलावा करीब 300 से ज्यादा स्ट्रक्चर चंबल कमांड एरिया डेवलपमेंट (CAD) की नहरों, धोरों व ड्रेनों के भी बनाए जा रहे हैं.
7 मीटर चौड़ी होगी सर्विस रोडः जेपी गुप्ता ने बताया कि हाईवे के समानांतर सर्विस रोड चलेगी. यह पूरी तरह से ग्रेवल रोड प्रस्तावित की गई है, जिसकी 7 मीटर की चौड़ाई है. कहीं अगर जगह कम है तो यह चौड़ाई कम हो सकती है. इसे जीएसबी की बनाया जाएगा, बाद में इसे डामर में भी बदला जा सकेगा. जिससे किसान अपने खेतों में आ जाएं और चले जाएं इससे लोगों के आवागमन में कोई असुविधा नहीं होगी. दूसरी तरफ कोटा जिले में सीएडी नहरें, ड्रेन और धोरे निकल रहे हैं. वहां पर किसानों के निकलने के लिए भी रास्ता हाईवे के नीचे से दिया जाएगा.
नहीं होगी कृषि यंत्रों और संसाधनों को निकलने में परेशानीः दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण से काफी दिक्कत किसानों को आई है, इनमें किसानों के लिए बनाए गए अंडरपास की ऊंचाई कम थी. ऐसे में उनमें हार्वेस्टर वह अन्य कृषि यंत्र यहां से नहीं निकल पा रहे हैं, जिससे किसान को फसल कटाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा. दूसरी तरफ कई जगह पर अंडरपास भी काफी दूरी में बने हुए हैं. इसी समस्या से निजात चंबल एक्सप्रेस-वे में किसानों को दी गई है. जनरल मैनेजर गुप्ता का कहना है कि मिनिमम 4.5 मीटर की ऊंचाई हर अंडरपास या स्ट्रक्चर में दी गई है. जिससे कि किसानों को अपने हार्वेस्टर या मशीनरी निकालने में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो.
भूमि अवाप्ति और फॉरेस्ट क्लीयरेंस का काम जारीः प्रोजेक्ट डायरेक्टर गुप्ता का कहना है कि पहले एलिमेंट फाइनल किया गया था. इसके बाद भूमि अवाप्ति कमेटी में इसकी पूरी अप्रूवल ली गई है. इसके बाद थ्री कैपिटल ए की कार्रवाई के लिए इसे भेज दिया है. यह कार्रवाई पूरी करने के बाद दीगोद और इटावा के एसडीएम उन्हें वापस फाइल भेजेंगे. जिसके बाद वे भूमि अवाप्ति के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी करेंगे. इसके बाद किसानों की भूमि अवाप्ति करना शुरू होगा. दूसरी तरफ यह प्रोजेक्ट चंबल घड़ियाल सेंचुरी के इको सेंसेटिव जोन और वन विभाग के इलाके से भी गुजर रहा है. ऐसे में दोनों की फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए आवेदन कर दिया गया है.
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26.50 मीटर पर बनेगा एक्सप्रेस-वेः जेपी गुप्ता का कहना है कि यह पूरा हाईवे के लिए 60 मीटर की जगह अधिग्रहित की जाएगी. साथ ही वन विभाग के एरिया से 50 मीटर जगह ली जाएगी. इस चार लेन के हाईवे में सवा 7 मीटर की एक लेन होगी. साथ ही डेढ़ मीटर का उपयोग शोल्डर और 2 मीटर का अर्दन शोल्डर होगा. बीच में 5 मीटर का डिवाइडर होगा. पूरी सड़क की चौड़ाई 26.50 मीटर होगी. शेष बची हुई जगह पर पौधे लगाए जाएंगे. इसके साथ ही दोनों तरफ सर्विस लेन भी बनाई जाएगी, जिसकी चौड़ाई 7 मीटर होगी.
लबान में भी जोड़ा जा सकता है दोनों एक्सप्रेस-वे कोः चंबल एक्सप्रेस-वे और दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे कोटा के कराडिया में आकर मिल रहे हैं. हालांकि, एक दूसरी योजना के तहत इन्हें जोड़ने के लिए खातोली से लबान के बीच में भी एक सड़क बनाने की योजना है. हालांकि, अभी यह डिजाइन फाइनल नहीं हुआ है, साथ ही इस पर केवल हाई लेवल पर ही चर्चा चल रही है. जिसमें कोटा के इटावा के नजदीक से लबान को सीधा जोड़ा जा सकता है, ताकि एमपी से आने वाले लोग अगर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे से दिल्ली जा सके तो उन्हें फायदा होगा.