कोटा. जिले के कनवास एसडीएम राजेश डागा ने बुधवार को कनवास में आंगनबाडी केन्द्रों और राष्ट्रीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कनवास का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खाद्य सामग्री वितरित रजिस्टर का अवलोकन किया. साथ ही रजिस्टर में अंकित बच्चों और महिलाओं को प्राप्त गेहूं व चने के बारे में दूरभाष से व कार्यालय में बुलवाकर भौतिक सत्यापन भी किया गया.
आंगनबाड़ी कार्यकताओं ने बताया कि प्रत्येक गर्भवती और धात्री महिला को तीन किलो गेहूं, एक किलो चने की दाल और प्रत्येक बच्चे को ढाई किलो गेहूं व एक किलो चने की दाल का वितरण किया जाता है. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि उनके द्वारा गेहूं वितरित करने हेतु कोई वास्तविक माप अनुसार गेहूं वितरण के लिए कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं थे. ऐसे ही किसी बर्तन में ही गेहूं भरकर वास्तविक मात्रा की जगह अनुमानित मात्रा में गेहूं वितरण किया जा रहा है.
पढ़ें- पोते ने लट्ठ से मार-मारकर दादा की हत्या कर दी, जानें पूरा मामला
निरीक्षण के दौरान 2 आंगनबाड़ी केन्द्र बंद पाए गए. विद्यालय कनवास के पीछे आंगनबाड़ी केन्द्र पर उपस्थित सहायिका ने बताया कि केन्द्र पर आंगनबाड़ी कार्यकता के परिवार में किसी की मृत्यु होने के कारण कार्यकर्ता केन्द्र पर मौजूद नहीं है और उनके द्वारा पोषाहार व संधारित रजिस्टर भी साथ में घर पर रखा हुआ है.
एक अन्य केन्द्र भी निरीक्षण के दौरान बंद पाया गया, जिसके कारण केन्द्र से वितरित पोषाहार व अन्य जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई. आंगनबाड़ी केन्द्र नंबर 4 पर कार्यकर्ता चन्द्रलेखा गौत्तम द्वारा जिस बर्तन से माप कर गेहूं वितरित किया जा रहा था, उसके माप अनुसार सात सौ ग्राम प्रति जग कम गेहूं वितरित करना पाया गया.
इस पर कनवास एसडीएम राजेश डागा ने महिला एवं बाल विकास अधिकारी सांगोद को निर्देश दिए कि वे निरीक्षण के दौरान बंद पाए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों के कार्यकर्ताओं के विरुद्व कार्रवाई करें. साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कमी को पूर्ण करावें.