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Kota Bundi Dugdh Sangh election: बीजेपी और कांग्रेस के शहरी नेता मिलकर किसानों को हराना चाहते हैंः पूर्व चेयरमैन

कोटा-बूंदी दुग्ध संघ के चुनाव को लेकर पूर्व चेयरमैन श्रीलाल गुंजल का कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस नेता मिलकर किसानों को हराना चाहते हैं.

Kota Bundi Dugdh Sangh election
Kota Bundi Dugdh Sangh election: बीजेपी और कांग्रेस के शहरी नेता मिलकर किसानों को हराना चाहते हैंः पूर्व चेयरमैन
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Published : Apr 14, 2023, 3:51 PM IST

Updated : Apr 15, 2023, 12:19 AM IST

पूर्व चेयरमैन ने कांग्रेस और बीजेपी पर लगाए आरोप

कोटा. कोटा-बूंदी दुग्ध संघ के चुनाव चल रहे हैं. इसमें पूर्व चेयरमैन श्रीलाल गुंजल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस और बीजेपी के शहरी नेता मिलकर किसानों को हराना चाहते हैं. उनका कहना है कि वह किसानों के साथ है और किसानों को चुनाव लड़ने में मदद कर रहे हैं, लेकिन कोटा और बूंदी के शहरी नेता एकजुट होकर किसानों को हराना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इन चुनावों में हरीकृष्ण बिरला, चैन सिंह राठौड़ के संयोजक बने हुए हैं. दूसरी तरफ राजस्थान सरकार के काबीना मंत्री शांति धारीवाल भी इनकी मदद कर रहे हैं.

श्रीलाल गुंजल ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी नेता चैन सिंह राठौड़ को अध्यक्ष बनाने में सब लोग जुड़े हुए हैं. जबकि उनका बेटा डेयरी में ही ठेकेदारी करता हैं. श्रीलाल गुंजल ने कहा कि बूंदी में 593 समितियां हैं. जबकि कोटा में 347. इसके बावजूद बूंदी में 8 की जगह 6 वार्ड कर दिए गए हैं और कोटा में वार्ड बढ़ाकर 4 की जगह 6 कर दिए गए हैं. सरकार पूरी तरह से डेयरी के चुनाव में हस्तक्षेप कर रही है. उन्होंने कहा कि इन 12 वार्ड में से 6 में निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. जबकि 5 पर चुनाव हो रहे हैं, वहीं एक में कोई भी नामांकन नहीं है.

पढ़ेंः बिरला गुट के सामने खड़ा हुआ गुंजल गुट, पार्षद बोले- कांग्रेस को जिताने वालों को बना रहे नेता प्रतिपक्ष...

हमारे सदस्यों के फार्म किए रिजेक्टः श्रीलाल गुंजल ने आरोप लगाया कि 13 अप्रैल को सदस्यों के फॉर्म भरे गए थे, जिसके बाद आपत्ति मांगी गई थी. जिसमें सरकार के दबाव में हमारे सदस्यों के खिलाफ छोटी-मोटी आपत्ति पर भी फार्म खारिज कर दिए गए हैं. इसीके चलते उनके छह सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने आरोप लगा दिया कि सरकार ऐसे लोगों की मदद कर रही है, जिनके पास ना गाय है ना बकरी. ना ही वे खेती किसानी करते हैं. छोटे चुनाव में सरकार का इस तरह का रोल अच्छा नहीं है. यह किसानों की संस्था है, केवल किसान ही आना चाहिए. साथ ही उन्होंने चैन सिंह राठौड़ पर यह भी आरोप लगाया है कि वे लोगों को धमका रहे हैं और खुद के लिए वोट मांग रहे हैं.

पढ़ेंः प्रहलाद गुंजल का यूडीएच मंत्री पर आरोप, विकास कार्यों के चलते 26 लोगों की गई जान

नहीं धमकाया है किसी भी सदस्य कोः इन आरोपों पर चैन सिंह राठौड़ का कहना है कि उनके परिवार का कोई सदस्य डेयरी में ठेकेदारी नहीं कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने किसी भी सदस्य को नहीं धमकाया है. हम पूरी तरह से निष्पक्षता से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि वे खेती किसानी से भी जुड़े हुए हैं. इसी के दम पर संचालक बने हैं. अब अन्य सदस्यों के लिए वह काम कर रहे हैं.

पूर्व चेयरमैन ने कांग्रेस और बीजेपी पर लगाए आरोप

कोटा. कोटा-बूंदी दुग्ध संघ के चुनाव चल रहे हैं. इसमें पूर्व चेयरमैन श्रीलाल गुंजल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस और बीजेपी के शहरी नेता मिलकर किसानों को हराना चाहते हैं. उनका कहना है कि वह किसानों के साथ है और किसानों को चुनाव लड़ने में मदद कर रहे हैं, लेकिन कोटा और बूंदी के शहरी नेता एकजुट होकर किसानों को हराना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इन चुनावों में हरीकृष्ण बिरला, चैन सिंह राठौड़ के संयोजक बने हुए हैं. दूसरी तरफ राजस्थान सरकार के काबीना मंत्री शांति धारीवाल भी इनकी मदद कर रहे हैं.

श्रीलाल गुंजल ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी नेता चैन सिंह राठौड़ को अध्यक्ष बनाने में सब लोग जुड़े हुए हैं. जबकि उनका बेटा डेयरी में ही ठेकेदारी करता हैं. श्रीलाल गुंजल ने कहा कि बूंदी में 593 समितियां हैं. जबकि कोटा में 347. इसके बावजूद बूंदी में 8 की जगह 6 वार्ड कर दिए गए हैं और कोटा में वार्ड बढ़ाकर 4 की जगह 6 कर दिए गए हैं. सरकार पूरी तरह से डेयरी के चुनाव में हस्तक्षेप कर रही है. उन्होंने कहा कि इन 12 वार्ड में से 6 में निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. जबकि 5 पर चुनाव हो रहे हैं, वहीं एक में कोई भी नामांकन नहीं है.

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हमारे सदस्यों के फार्म किए रिजेक्टः श्रीलाल गुंजल ने आरोप लगाया कि 13 अप्रैल को सदस्यों के फॉर्म भरे गए थे, जिसके बाद आपत्ति मांगी गई थी. जिसमें सरकार के दबाव में हमारे सदस्यों के खिलाफ छोटी-मोटी आपत्ति पर भी फार्म खारिज कर दिए गए हैं. इसीके चलते उनके छह सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने आरोप लगा दिया कि सरकार ऐसे लोगों की मदद कर रही है, जिनके पास ना गाय है ना बकरी. ना ही वे खेती किसानी करते हैं. छोटे चुनाव में सरकार का इस तरह का रोल अच्छा नहीं है. यह किसानों की संस्था है, केवल किसान ही आना चाहिए. साथ ही उन्होंने चैन सिंह राठौड़ पर यह भी आरोप लगाया है कि वे लोगों को धमका रहे हैं और खुद के लिए वोट मांग रहे हैं.

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नहीं धमकाया है किसी भी सदस्य कोः इन आरोपों पर चैन सिंह राठौड़ का कहना है कि उनके परिवार का कोई सदस्य डेयरी में ठेकेदारी नहीं कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने किसी भी सदस्य को नहीं धमकाया है. हम पूरी तरह से निष्पक्षता से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका कहना है कि वे खेती किसानी से भी जुड़े हुए हैं. इसी के दम पर संचालक बने हैं. अब अन्य सदस्यों के लिए वह काम कर रहे हैं.

Last Updated : Apr 15, 2023, 12:19 AM IST
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