रामगंजमंडी (कोटा). जिले में धनिया कृषि उपज मंडी में नए धनिए की आवक में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन होने से कमी आ गई थी. वहीं, कृषि उपज मंडी समिति में भी कोरोना दहशत फैलने से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते कृषि उपज मंडी को चलाया और 7 से 8 हजार बोरी ही धनिया आ पाया.
ऐसे में जब देश में चौथा लॉकडाउन लगा है और वाहनों और बाजारों में दुकानों को खोलने की छुट दी गई है, तो लॉकडाउन के बाद सोमवार को कृषि उपज मण्डी में धनिए की बंपर आवक नजर आई. पहले जब 8 हजार बोरी धनिया मंडी में आ रहा था तो अब 25 से 30 हजार बोरी धनिया मंडी में आया. नए धनिया के भाव शुरुआती तौर पर तो कमजोर है, लेकिन धनिए की आवक बढ़ने के साथ भावों में भी वृद्धि होने की संभावनाएं बनी हुई हैं. वहीं अभी धनिए के भाव 5 हजार रुपए से लेकर अच्छी क्वॉलिटी का धनिया 11 हजार रुपए तक बिका है.
बता दें कि रामगंजमण्डी धनिया कृषि उपज मंडी एशिया की सबसे बड़ी और पहली धनिया की मंडी है. यहां धनिए का सीजन शुरू होने के बाद सोमवार को बम्पर आवक हुई है. आवक के बाद जहां पूरी कृषि उपज मंडी में चारों ओर धनिया ही धनिया दिखाई दे रहा है.
वहीं, दूसरी ओर धनिए की खरीददारी करने के लिए देश की बड़ी मसाला कंपनियों के प्रतिनिधि भी नजर आएंगे. किसानों को इस बार बंपर फसल के साथ-साथ अच्छे दाम भी मिलने की उम्मीद है. वहीं, पिछले साल प्रतिदिन मंडी में 40 से 50 हजार बोरी धनिया सीजन में कृषि उपज मंडी में प्रतिदिन आता है, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद अभी तक पहली बम्पर आवक में 30 हजार बोरी धनिया आया है. जिसके चलते कृषि उपज मंडी पूरी तरह धनिए से भरी नजर आई.
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वहीं, दूसरी ओर धनिया लाने वाले वाहनों की किलोमीटर तक कतार लग जाती है. सीजन में वाहन का मंडी में बिक्री के दो से तीन दिन में नम्बर आता है. ऐसे में शहर में कृषि उपज मंडी की ओर आने वाले सभी मार्गों पर यातायात भी जाम हो जाता है. कृषि उपज मंडी में धनिए का ई ऑक्शन भी होता है.
वहीं, कृषि उपज मण्डी सचिव जवाहरलाल नागर का कहना है कि लॉकडाउन के बाद मंडी में धनिए की पहली बम्पर आवक है. जिसमें 25 से 30 हजार बोरी धनिया आया है. वहीं भाव की मानें तो 5 हजार से लेकर 11हजार रुपए तक रहा है.