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सांगोद में अग्रसेन जयंती पर रक्तदान शिविर का आयोजन, 109 लोगों ने किया रक्तदान - भारत विकास परिषद सांगोद

शनिवार को भारत विकास परिषद शाखा सांगोद के सहयोग से जैन सोशल ग्रुप की ओर से अग्रसेन जयंती के मौके पर शनिवार को रक्तदान शिविर आयोजित हुआ. शिविर में रक्तदाताओं ने बढ़चढ़ कर स्वेच्छा से रक्तदान किया.

Blood Donation Camp Sagond, रक्तदान शिविर सागोंद
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Published : Sep 29, 2019, 8:03 AM IST

सांगोद (कोटा). शनिवार को भारत विकास परिषद शाखा सांगोद के सहयोग से जैन सोशल ग्रुप की ओर से अग्रसेन जयंती के मौके पर शनिवार को रक्तदान शिविर आयोजित हुआ. शिविर में रक्तदाताओं ने बढ़चढ़ कर स्वेच्छा से रक्तदान किया.

सांगोद में आयोजित किया गया रक्तदान शिविर

भारत विकास परिषद के अध्यक्ष अनिल मंगल ने बताया कि अग्रसेन जयंती के उपलक्ष में बीते 13 सालों से लगातार रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है. इस बार रक्तदाताओं में रक्तदान को लेकर खासा उत्साह नजर आया. सुबह से ही यहां रक्तदाताओं की भीड़ लगी रही. जेएलएन बीएड् कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ अन्य महिला-पुरूषों ने भी बढ़ चढ़ कर रक्तदान किया. शिविर में दोपहर तक चले शिविर में 109 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया.

डॉक्टर मनु माथुर ने बताया कि रक्तदान एक शुभ कार्य है. शरीर से जो ब्लड लिया जाता है वो मात्रा में 350 मिलीग्राम होता है जो शरीर के ब्लड अनुपात में बहुत कम मात्रा है. 1 यूनिट ब्लड से हम चार लोगों की जान बचा सकते हैं. बच्चे जिनका जीवन ही ब्लड पर आधारित रहता ऐसे में लोगों को ऐसे बच्चों के लिए रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए.

पढे़ं- विश्व हार्ट दिवसः जयपुर में 'गार्डियन्स ऑफ द हार्ट' अभियान का आगाज

रक्तदान से शरीर में किसी भी प्रकार की कमजोरी और नुकसान नहीं होता. 24 घण्टे ब्लड का शरीर मे प्रचुर मात्रा बन जाता है और व्यक्ति तीन महीने में ब्लड देने लायक हो जाता है. एक व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है. इससे शरीर नया ब्लड बनता है जो शरीर के लिए लाभकारी होता है और व्यक्ति स्वस्थ और तंदुरुस्त बना रहता है.

सांगोद (कोटा). शनिवार को भारत विकास परिषद शाखा सांगोद के सहयोग से जैन सोशल ग्रुप की ओर से अग्रसेन जयंती के मौके पर शनिवार को रक्तदान शिविर आयोजित हुआ. शिविर में रक्तदाताओं ने बढ़चढ़ कर स्वेच्छा से रक्तदान किया.

सांगोद में आयोजित किया गया रक्तदान शिविर

भारत विकास परिषद के अध्यक्ष अनिल मंगल ने बताया कि अग्रसेन जयंती के उपलक्ष में बीते 13 सालों से लगातार रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है. इस बार रक्तदाताओं में रक्तदान को लेकर खासा उत्साह नजर आया. सुबह से ही यहां रक्तदाताओं की भीड़ लगी रही. जेएलएन बीएड् कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ अन्य महिला-पुरूषों ने भी बढ़ चढ़ कर रक्तदान किया. शिविर में दोपहर तक चले शिविर में 109 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया.

डॉक्टर मनु माथुर ने बताया कि रक्तदान एक शुभ कार्य है. शरीर से जो ब्लड लिया जाता है वो मात्रा में 350 मिलीग्राम होता है जो शरीर के ब्लड अनुपात में बहुत कम मात्रा है. 1 यूनिट ब्लड से हम चार लोगों की जान बचा सकते हैं. बच्चे जिनका जीवन ही ब्लड पर आधारित रहता ऐसे में लोगों को ऐसे बच्चों के लिए रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए.

पढे़ं- विश्व हार्ट दिवसः जयपुर में 'गार्डियन्स ऑफ द हार्ट' अभियान का आगाज

रक्तदान से शरीर में किसी भी प्रकार की कमजोरी और नुकसान नहीं होता. 24 घण्टे ब्लड का शरीर मे प्रचुर मात्रा बन जाता है और व्यक्ति तीन महीने में ब्लड देने लायक हो जाता है. एक व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है. इससे शरीर नया ब्लड बनता है जो शरीर के लिए लाभकारी होता है और व्यक्ति स्वस्थ और तंदुरुस्त बना रहता है.

Intro:Body:सांगोद(कोटा)
मोतीलाल सुमन
सांगोद में रक्तदान शिविर का हुवा ,109 लोगो किया स्वैछिक रक्तदान।

शनिवार को सांगोद में भारत विकास परिषद शाखा सांगोद के सहयोग से जैन सोशल ग्रुप की ओर से अग्रसेन जयंती के मौके पर शनिवार को रक्तदान शिविर आयोजित हुआ। शिविर में रक्तदाताओं ने बढ़ चढ़ कर स्वैच्छा से रक्तदान किया। भारत विकास परिषद के अध्यक्ष अनिल मंगल ने बताया कि अग्रसेन जयंती के उपलक्ष में बीते 13 सालों से लगातार रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस बार रक्तदाताओं में रक्तदान को लेकर खासा उत्साह नजर आया। सुबह से ही यहां रक्तदाताओं की भीड़ लगी रही। जेएलएन बीएड् कॉलेज के छात्र-छात्राध्यापिकाओं के साथ अन्य महिला-पुरूषों ने भी बढ़ चढ़ कर रक्तदान किया। शिविर में दोपहर तक चले शिविर में 109 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया।वही डॉक्टर मनु माथुर ने बताया कि रक्तदान एक शुभ कार्य है शरीर से जो ब्लड लिया जाता है वो मात्रा में मात्र 350 मिलीग्राम होता है जो शरीर के ब्लड अनुपात में बहुत कम मात्रा है,1 यूनिट ब्लड से हम चार लोगों की जान बचा सकते है ।टेलिसिमिक बच्चे जिनका जीवन ही ब्लड पर आधरित रहता है ऐसे में लोगो को ऐसे बच्चो की लिए रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए।रक्तदान से शरीर में किसी भी प्रकार की कमजोरी ओर नुकसान नही होता।24 घण्टे ब्लड का शरीर मे प्रचुर मात्रा बन जाता है ।ओर व्यक्ति तीन महीने मे ब्लड देने लायक हो जाता है एक व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है इससे शरीर नया ब्लड बनता है जो शरीर के लिए लाभकारी होता है ओर व्यक्ति स्वस्थ और तंदरुस्त बना रहता है।

बाईट डॉक्टर मनु माथुर ब्लड बैंक कोटा Conclusion:
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