कोटा. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में आने का मौका मिला है और उनके चुने गए विधायक लगातार एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. वे अलग-अलग विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं और लोगों के मुद्दों को उठा रहे हैं. ऐसी ही मीटिंग गुरुवार को कोटा में विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, मुख्य अभियंता के कार्यालय में आयोजित हुई. बैठक में सांगोद से विधायक हीरालाल नागर और जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल भाग लेने के लिए पहुंचे.
इस दौरान हीरालाल नागर ने मीडिया से बातचीत की. जब उनसे जब पूछा गया कि वह मंत्री बनने वाले हैं, तो उन्होंने साफ जवाब दिया कि यह मंत्रियों का नाम पेपरबाजी में चलते हैं. मैं विधायक रहते हुए भी अच्छा काम कर सकता हूं, मैंने पिछले कार्यकाल में मंत्री से भी अच्छा काम करके दिखाया है, मेरी कोई तमन्ना मंत्री बनने की नहीं है. हमारी सरकार में मुख्यमंत्री पर निर्भर है कि किसे मंत्री बनाया और किसे नहीं.
गहलोत की योजनाएं बंद नहीं होंगी : हीरालाल नागर से जब पूछा गया कि गहलोत राज की कई योजनाएं चल रही हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि आम जनता और किसान के हित की जितनी भी योजनाएं प्रदेश में चल रही हैं, उन्हें बंद नहीं किया जाएगा. हमारी सरकार लगातार इसे जारी रखेगी.
मंत्री और अधिकारियों ने प्राइवेट ठेकेदार बनाकर किया भ्रष्टाचार : हीरालाल नागर ने आरोप लगाया कि बीते शासन में अलग-अलग सब डिवीजन के अनुसार किसानों के कनेक्शन करने के लिए प्राइवेट ठेकेदारों को पनपाया गया. मंत्री और अधिकारियों के इशारे पर सरकार और चीफ इंजीनियर लेवल पर किसानों को कृषि कनेक्शन करने के लिए ठेके दिए गए. इन सभी ठेकेदारों के पास संसाधन नहीं थे, इन्होंने कोई काम भी नहीं किया है.किसानों ने डिमांड राशि जमा कर दी, लेकिन इसके बावजूद भी उनके कनेक्शन दो-दो साल से नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी करीब 500 कनेक्शन कनवास इलाके में पेंडिंग चल रहे हैं, जिन्हें तुरंत विभाग के स्तर पर करवाने के निर्देश दिए गए हैं. दूसरी तरफ घटिया काम कर रहे प्राइवेट ठेकेदारों के खिलाफ भी एक्शन लेने के लिए निर्देश दिए हैं. ट्रांसफार्मर खराब होने पर उतारने की जिम्मेदारी भी विभाग की थी, लेकिन यह काम भी किसानों से ही करवाया जा रहा है. इसमें भी सख्ती करने के निर्देश दिए हैं.
FIR दर्ज नहीं करने पर होगी कार्रवाई : हीरालाल नागर ने कहा कि ट्रांसफार्मर चोरी के मामले में एक ही FIR पूरे महीने में दर्ज की जाती है. इस संबंध में एसपी से भी हमने बात की है. उन्होंने भी विश्वास दिलाया है कि जब भी ट्रांसफार्मर चोरी होगा, तुरंत मुकदमा दर्ज होगा. वर्तमान में पूरे महीने की एक एफआईआर दर्ज होने के चलते, किसान को डेढ़ माह बाद ट्रांसफर मिल पाता है, तब तक उसकी फसल चौपट हो जाती है. जो भी पुलिस अधिकारी एफआईआर तुरंत दर्ज नहीं करेगा उनके खिलाफ हम वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करेंगे और उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा.