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नगर निगम की गोताखोर टीम पर विसर्जन करने आए युवकों का हमला - कोटा विसर्जन

कोटा के भीतरिया कुंड में चम्बल नदी में मंगलवार को माता की मूर्ति के विसर्जन के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे. विसर्जन के लिए लगाई नगर निगम की रेस्कयू टीम बोट के द्वारा मूर्ति को लेजाकर विसर्जन किया जा रहा था. वहीं मंगलवार रात को कुछ शराबी युवकों और नगर निगम की टीम पर बोट में बैठकर जाने के लिए हंगामा करने लगे. उनको मना करने पर उत्पाती युवकों ने नगर निगम के रेस्कयू कर्मचारियों पर हमला कर दिया. इसमें एक कर्मचारी को चोट लगी. वहीं बोट को स्टार्ट कर बीच नदी में पहुंचकर जान बचाई. इनका आरोप है कि पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करने के बाद भी जाब्ता मौके पर नही पहुंचा.

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Published : Oct 9, 2019, 1:48 PM IST

कोटा. मंगलवार को सुबह से ही माता जी की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए लोग आते रहे. इस विसर्जन में हमेशा नगर निगम की गोताखोर टीम को छोटी बड़ी नावों के साथ लगाया जाता है. वहीं नगर निगम के गोताखोर विष्णु श्रंगी ने बताया कि पिछले12 सालों से माता जी की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगर निगम की गोताखोर टीम यहां लगाई जाती रही है.

गोताखोर टीम द्वारा कंट्रोल को सूचना के बाद भी नहीं पहुंची पुलिस

पिछले चार साल पहले भी मूर्ति विसर्जन करते वक्त एक युवक की नदी में डूबने से मौत हो गई थी. जब से मूर्ति के साथ किसी को नदी के बीच लेजाने की मनाही थी. उन्होंने बताया कि देर रात को कुछ युवक शराब के नशे में माता जी की प्रतिमा लेकर आये. वह नाव से नदी में जाने से मना किया. इस बात से नाराज हो कर नदी किनारे खड़े गोताखोरों पर हमला कर दिया.

यह भी पढ़ें- रावण का पुतला गिरने पर नाराज हुए जनप्रतिनिधि, कहा- भूमि पूजन और शुद्धिकरण नहीं कराया, इसलिए हुआ हादसा

गोताखोरों ने हमला देख नाव में बैठकर नदी के बीच पहुंचकर अपनी जान बचाई. नगर निगम की गोताखोर टीम ने पुलिस पर आरोप लगाया कि फोन करने के बावजूद कोई पुलिस का जाब्ता मौके पर नहीं पहुचा. इसमें अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता तो इसमें किसकी जिम्मेदारी बनती.

कोटा. मंगलवार को सुबह से ही माता जी की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए लोग आते रहे. इस विसर्जन में हमेशा नगर निगम की गोताखोर टीम को छोटी बड़ी नावों के साथ लगाया जाता है. वहीं नगर निगम के गोताखोर विष्णु श्रंगी ने बताया कि पिछले12 सालों से माता जी की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगर निगम की गोताखोर टीम यहां लगाई जाती रही है.

गोताखोर टीम द्वारा कंट्रोल को सूचना के बाद भी नहीं पहुंची पुलिस

पिछले चार साल पहले भी मूर्ति विसर्जन करते वक्त एक युवक की नदी में डूबने से मौत हो गई थी. जब से मूर्ति के साथ किसी को नदी के बीच लेजाने की मनाही थी. उन्होंने बताया कि देर रात को कुछ युवक शराब के नशे में माता जी की प्रतिमा लेकर आये. वह नाव से नदी में जाने से मना किया. इस बात से नाराज हो कर नदी किनारे खड़े गोताखोरों पर हमला कर दिया.

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गोताखोरों ने हमला देख नाव में बैठकर नदी के बीच पहुंचकर अपनी जान बचाई. नगर निगम की गोताखोर टीम ने पुलिस पर आरोप लगाया कि फोन करने के बावजूद कोई पुलिस का जाब्ता मौके पर नहीं पहुचा. इसमें अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता तो इसमें किसकी जिम्मेदारी बनती.

Intro:नगर निगम की गोताखोर टीम पर विसर्जन करने आए युवकों का हमला मौके पर वोट स्टार्ट कर बचाई जान हमले में कर्मचारी चोटिल मौके पर रुकते तो हो सकती थी बड़ी घटना

भीतरिया कुंड घाट का मामला मौके पर गोताखोर टीम द्वारा कंट्रोल को सूचना के बाद भी नहीं पहुंची पुलिस

विसर्जन करते समय कोई जनहानि ना हो इसके लिए नगर निगम गोताखोर टीम वोट सहित मौके पर थी मौजूद युवकों को आगे आने के लिए रोकना पड़ा भारी

कोटा के भीतरिया कुंड में चम्बल नदी में मंगलवार को माता की मूर्ति के विसर्जन के लिए सेकड़ो लोग पहुचे।विसर्जन के लिए लगाई नगर निगम की रेस्कयू टीम बोट के द्वारा मूर्ति को लेजाकर विषर्जन किया जा रहा था।वही मंगलवार रात को कुछ शराबी युवकों ओर नगर निगम की टीम पर बोट में बैठकर जाने के लिए हंगामा करने लगे।उनको मना करने पर उत्पाती युवकों ने नगर निगम के रेस्कयू कर्मचारियो पर हमला कर दिया इसमे एक कर्मचारी के चोटे लगी वही बोट को स्टार्ट कर बीच नदी में पहुच कर जान बचाई।इनका आरोप है कि पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करने के बाद भी जाप्ता मोके पर नही पहुंचा।
Body:मंगलवार को सुबह से ही माता जी की प्रतिमाओं के विषर्जन के लिए लोग आते रहे।इस विसर्जन में हमेशा नगर निगम की गोताखोर टीम को छोटी बड़ी नावों के साथ लगाया जाता है।वही नगर निगम के गोताखोर विष्णु श्रंगी ने बताया कि पिछले12 सालों से माता जी की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगर निगम की गोताखोर टीम यहां लगाई जाती रही है।पिछले चार साल पहले भी मूर्ति विसर्जन करते वक्त एक युवक की नदी में डूबने से मौत हो गई थी।जब से मूर्ति के साथ किसी को नदी के बीच लेजाने की मनाही थी।उन्होंने बताया कि देर रात को कुछ युवक शराब के नशे में माता जी की प्रतिमा लेकर आये तो वह नाव से नदी में जाने से मना किया तो इस बात से नाराज हो कर नदी किनारे खड़े गोताखोरों पर हमला कर दिया गोताखोरों ने हमला देख नाव में बैठकर नदी के बीच पहुच कर अपनी जान बचाई।
Conclusion:नगर निगम की गोताखोर टीम ने पुलिस पर आरोप लगाया कि फोन करने के बावजूद कोई पुलिस का जाप्ता मोके पर नही पहुचा।इसमे अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता तो इसमे किसकी जिम्मेदारी बनती।
बाईट-विष्नु श्रंगी, गोताखोर नगर निगम
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