कोटा. मंगलवार को सुबह से ही माता जी की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए लोग आते रहे. इस विसर्जन में हमेशा नगर निगम की गोताखोर टीम को छोटी बड़ी नावों के साथ लगाया जाता है. वहीं नगर निगम के गोताखोर विष्णु श्रंगी ने बताया कि पिछले12 सालों से माता जी की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगर निगम की गोताखोर टीम यहां लगाई जाती रही है.
पिछले चार साल पहले भी मूर्ति विसर्जन करते वक्त एक युवक की नदी में डूबने से मौत हो गई थी. जब से मूर्ति के साथ किसी को नदी के बीच लेजाने की मनाही थी. उन्होंने बताया कि देर रात को कुछ युवक शराब के नशे में माता जी की प्रतिमा लेकर आये. वह नाव से नदी में जाने से मना किया. इस बात से नाराज हो कर नदी किनारे खड़े गोताखोरों पर हमला कर दिया.
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गोताखोरों ने हमला देख नाव में बैठकर नदी के बीच पहुंचकर अपनी जान बचाई. नगर निगम की गोताखोर टीम ने पुलिस पर आरोप लगाया कि फोन करने के बावजूद कोई पुलिस का जाब्ता मौके पर नहीं पहुचा. इसमें अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता तो इसमें किसकी जिम्मेदारी बनती.