सवाई माधोपुर: साइबर क्राइम पुलिस थाना टीम द्वारा साइबर ठगी करने वाली अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस ने आरोपियों से 2 लाख 40 हजार रुपए की राशि भी बरामद की है. साथ ही 4 लाख 97 हजार रुपए होल्ड कराए हैं. वहीं पुलिस साइबर ठगी गैंग के सरगना की तलाश में जुटी है. पुलिस उपाधीक्षक राजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पकड़ी गई साइबर ठगी करने वाली अंतरराज्यीय गैंग ने भोपाल में भी इसी तरह दो बैंक मैनेजर से ठगी को अंजाम दिया है.
पुलिस ने अंतरराज्यीय गैंग के सदस्य मोहम्मद सलीम पुत्र जाहीर, राजेश कुमार सेनी उर्फ सोनू पुत्र तेजराम सिंह, विक्की कुमार पुत्र रमेश सिंह जाटव, प्रदीप कुमार पुत्र करतार सिंह जाट, शुभम नारायण त्यागी उर्फ प्रिंस पुत्र मुकेश और आनंद उर्फ अभिषेक पुत्र भीष्म सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से 11 मोबाइल व 2 लाख 40 हजार रुपए बरामद किए हैं. वहीं 4 लाख 97 हजार रुपए बैंक में होल्ड कराए हैं. लगभग तीन लाख रुपए साइबर ठगों द्वारा बैंक में जमा करवाए गए हैं. जिनकी बरामदगी के पुलिस प्रयास कर रही है.
पुलिस उप अधीक्षक राजेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि एसबीआई शाखा कलेक्ट्रेट के प्रबंधक सीताराम मीना से 17 दिसम्बर, 2024 को 14 लाख 57 हजार रुपए की साइबर ठगी हुई थी. शाखा प्रबंधक ने रिपोर्ट में बताया कि 17 दिसम्बर, 2024 को श्री कृपा फोर व्हीलर प्राईवेट लिमिटेड के पार्टनर जयदीप के नाम से अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया और फर्म के खाते की चैकबुक खत्म होना बताकर अर्जेन्ट भुगतान करने व एक करोड़ रुपए की पॉलिसी कराने का लालच देकर वाट्सअप पर फर्जी लेटरपैड भेजकर 14 लाख 57 हजार रुपए चांद एन्टरप्राइजेज मुरादाबाद के खाते में भुगतान करवा लिए. पुलिस टीम को आरोपियों की तलाश के लिए दिल्ली, गाजियाबाद, मुरादाबाद रवाना किया गया. सात दिन तक पुलिस टीम ने यहां रहकर आरोपियों को गिरफ्तार किया.
पुलिस ने आरोपियों से 2 लाख 40 हजार रुपए बरामद किए व यश बैंक के खाते में 4 लाख 97 हजार रुपए होल्ड कराए. पुलिस घटना को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है. पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि आरोपियों से प्रारंभिंक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी संगठित रूप से एक चैन बनाकर बैंक खाते किराये पर लेकर 10 प्रतिशत कमिशन के हिसाब से खाता सरगना को उपलब्ध कराते थे. मास्टरमाइंड अपने साथियों के साथ लोगों से फ्रॉड कर निकाली गई राशि उन खातों में भेज देते थे. उसी राशि को एटीएम व अन्य जरिये से नकदी निकालकर 6 आरोपी अपना कमिशन रखकर शेष राशि मास्टरमाइंड को ट्रांसफर कर देते थे.
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अज्ञात लोगों को विश्वास में लेकर बैंक में चालू खाता खुलवाती है तथा उनमें फ्रॉड के पैसे का ट्रांजेक्शन करती है. पकड़ी गई साइबर ठगी करने वाली अंतर्राज्यीय गैंग के सदस्यों द्वारा पूर्व में भोपाल में इसी तरह से फोर व्हीलर कम्पनी का ऑनर बनकर बैंक ऑफ बड़ौदा, मैनेजर से 9 लाख 90 हजार रुपए व आईसीआईसीआई बैंक मैनेजर से कुल 33 लााख 22 हजार रुपए फ्रॉड कर ट्रांसफर कराए हैं. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ करने के साथ ही साइबर ठगी गैंगे के मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी हुई है.