ETV Bharat / state

Special : रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ेंगे लहसुन के दाम! महंगा बीज खरीदने को मजबूर होंगे किसान

व्यापारियों का मानना है कि अबकी रिटेल में लहसुन 300 रुपए प्रति किलो से अधिक के भाव पर बिक सकता है. ये उसका अब तक का उच्चतम स्तर होगा. साथ ही मंडी में भी आने वाले दिनों में इसकी कीमत 25000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकती है.

Rajasthan Latest News  kota latest news  ETV Bharat Rajasthan News  Rajasthan Hindi News  कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन  kota grain and seeds merchant association  भामाशाह कृषि उपज मंडी  Agriculture news  Rajasthan Agriculture news  रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ेंगे लहसुन के दाम  महंगा बीज खरीदने को मजबूर होंगे किसान  Garlic prices will increase at record level  farmers will be forced to buy expensive seeds  लहसुन 300 रुपए प्रति किलो  खरीफ की फसल की बुवाई  लहसुन का उत्पादन  कोटा में लहसुन का उत्पादन  उद्यानिकी विभाग के उपनिदेशक आनंदीलाल मीणा  Rajasthan Garlic Farmers  Rajasthan Garlic Farmers
Rajasthan Latest News kota latest news ETV Bharat Rajasthan News Rajasthan Hindi News कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन kota grain and seeds merchant association भामाशाह कृषि उपज मंडी Agriculture news Rajasthan Agriculture news रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ेंगे लहसुन के दाम महंगा बीज खरीदने को मजबूर होंगे किसान Garlic prices will increase at record level farmers will be forced to buy expensive seeds लहसुन 300 रुपए प्रति किलो खरीफ की फसल की बुवाई लहसुन का उत्पादन कोटा में लहसुन का उत्पादन उद्यानिकी विभाग के उपनिदेशक आनंदीलाल मीणा Rajasthan Garlic Farmers Rajasthan Garlic Farmers
author img

By

Published : Aug 17, 2023, 7:12 PM IST

रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ेंगे लहसुन के दाम!

कोटा. किसानों ने वर्तमान में खरीफ की फसल की बुवाई की है, जो अक्टूबर और नवंबर में आएगी. इसके बाद नवंबर-दिसंबर में ही रबी की फसल की बुवाई होगी, जिसमें लहसुन को बोया जाएगा. हालात ऐसे हैं कि बीते साल जिस लहसुन के दामों ने किसानों को रुलाया था, आज उसके दाम आसमान छू रहे हैं. व्यापारियों का मानना है कि रिटेल में लहसुन 300 रुपए प्रति किलो से ज्यादा के दाम पर भी बिक सकता है और यह उसका अब तक का सबसे उच्चतम स्तर होगा. मंडी व्यापारियों का तो यह भी मानना है की मंडी में भी लहसुन के दाम आने वाले दिनों में 25,000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं. ऐसे में किसान को लहसुन के बीज के लिए भी भारी भरकम कीमत अदा करनी होगी. जिन किसानों ने बीते साल लहसुन का उत्पादन नहीं किया था. वो भी अबकी लहसुन के दाम बढ़ने से बुवाई के लिए इच्छुक होंगे, लेकिन उन्हें भी अब महंगा बीज खरीदना पड़ेगा.

जानें क्यों बढ़ रही कीमत - भामाशाह कृषि उपज मंडी की ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने बताया कि इस बार लहसुन के दाम 15000 रुपए क्विंटल के आसपास है. फसल को आने में अभी काफी समय है. ऐसे में दाम आने वाले समय में 25,000 रुपए क्विंटल तक भी जा सकते हैं. साथ ही बीते साल जो छूटा हुआ लहसुन यानी छर्री के दाम 3000 रुपए प्रति क्विंटल थे, इस बार बढ़कर 7500 से 8000 रुपए प्रति क्विंटल है. इस बार एक्सपोर्ट भी काफी हुआ है इसके चलते भी दाम बढ़े हैं. साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान सबसे बड़े सप्लायर राज्य हैं. इन दोनों ही जगह पर उत्पादन कम हुआ है. आने वाले दिनों में रिटेल के दाम भी टमाटर की तरह काफी ऊंचे जा सकते हैं, क्योंकि डिमांड और सप्लाई का गैप रहेगा. ऐसे में उम्मीद है कि 28 से 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक दाम जा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें - इस बार 40% गिरेगा लहसुन का रकबा, अच्छी क्वालिटी और कम उत्पादन से बढ़ेगी किसानों की आय

लहसुन प्रोसेसिंग यूनिट से होगा फायदा - अविनाश राठी का कहना है कि हाड़ौती में बीते 7 से 8 सालों से लहसुन का उत्पादन बढ़ा है. ऐसे में जब उत्पादन ज्यादा होता है तो किसान अपना रकबा कम कर लेते हैं, क्योंकि उन्हें दाम नहीं मिल पाते हैं. वहीं, जब मंडी में अच्छे दाम किसानों को मिलते हैं, तब रकबा अगले साल बढ़ जाता है. लेकिन फिर दम कंट्रोल में आ जाते हैं. यह चक्र लगातार चलता रहता है, क्योंकि लहसुन को स्टोर करके नहीं रखा जा सकता है. इसको डिहाइड्रेट करके फ्लेक्स या फिर पाउडर फॉर्म में रखा सकता है. इसलिए सरकार को इस तरह के प्लांट लगाने चाहिए, ताकि किसानों को बराबर एक समान दाम मिलते रहे. दाम में उतार-चढ़ाव होने से किसानों को काफी नुकसान हो जाता है.

Garlic prices will increase at record level
बढ़ेंगे लहसुन के भाव

एक बीघा में 1 क्विंटल लहसुन - उद्यानिकी विभाग के उपनिदेशक आनंदीलाल मीणा का कहना है कि लहसुन का रकबा साल 2021 में 115000 हेक्टेयर था. लेकिन ये रकबा साल 2022 में गिरकर 79000 हेक्टेयर हो गया था. यह गिरावट करीब 30 फीसदी के आसपास है, हालांकि, इस साल लहसुन के अच्छे दाम किसानों को मिल रहे हैं. प्रति बीघा में उन्हें 1 लाख से ज्यादा का फायदा हो रहा है. कई किसानों का यह फायदा और भी ज्यादा है. ऐसे में इस बार की रबी सीजन की बुवाई में लहसुन का रकबा बढ़ जाएगा. उम्मीद है कि करीब 90000 से 1 लाख हेक्टेयर तक इसकी बुवाई चारों जिलों में हो सकती है. इसके लिए किसानों को बीज भी चाहिए. प्रति बीघा में एक क्विंटल लहसुन बीज के रूप में डाला जाता है.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan Garlic Farmers : लहसुन के दामों ने किसानों की उम्मीदों को दी नई 'ऊंचाई', 15 दिन में दुगने हुए भाव

40 से 45 हजार प्रति बीघा होगी लागत - वर्तमान में लहसुन उत्पादन में 25 से 30 हजार रुपए प्रति बीघा के अनुसार किसानों के खर्च हो रहे हैं. इसमें निराई, गुड़ाई से लेकर बीज खाद, दवाई और उसको निकालने में होने वाली मजदूरी भी शामिल है. जबकि इस बार बीज के दाम ही करीब 25 हजार रुपए क्विंटल है. ऐसे में किसान का पूरा खर्चा 40 से 45 हजार प्रति बीघा होगा. इस बार बीते साल से 10 गुना दाम पर किसानों को बीज मिलेगा.

अबकी खरीदना होगा महंगा बीज - पिछले साल किसानों को काफी सस्ता बीज मिल गया था, लेकिन बड़ी संख्या में किसानों ने लहसुन से तौबा कर ली थी. इसलिए उन्होंने लहसुन की बुवाई नहीं की थी. अबकी लहसुन की बुवाई के लिए उन्हें लहसुन खरीदना होगा. ऐसे में उन्हें इसके लिए ज्यादा कीमत अदा करनी होगी. उद्यानिकी विभाग के उपनिदेशक आनंदीलाल मीणा के अनुसार अधिकांश किसान अपने उत्पादन से ही बीज तैयार करते हैं. बीते साल किसानों ने लहसुन नहीं उगाया था, इसलिए इस बार बीज उन्हें खरीदना पड़ सकता है.

रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ेंगे लहसुन के दाम!

कोटा. किसानों ने वर्तमान में खरीफ की फसल की बुवाई की है, जो अक्टूबर और नवंबर में आएगी. इसके बाद नवंबर-दिसंबर में ही रबी की फसल की बुवाई होगी, जिसमें लहसुन को बोया जाएगा. हालात ऐसे हैं कि बीते साल जिस लहसुन के दामों ने किसानों को रुलाया था, आज उसके दाम आसमान छू रहे हैं. व्यापारियों का मानना है कि रिटेल में लहसुन 300 रुपए प्रति किलो से ज्यादा के दाम पर भी बिक सकता है और यह उसका अब तक का सबसे उच्चतम स्तर होगा. मंडी व्यापारियों का तो यह भी मानना है की मंडी में भी लहसुन के दाम आने वाले दिनों में 25,000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं. ऐसे में किसान को लहसुन के बीज के लिए भी भारी भरकम कीमत अदा करनी होगी. जिन किसानों ने बीते साल लहसुन का उत्पादन नहीं किया था. वो भी अबकी लहसुन के दाम बढ़ने से बुवाई के लिए इच्छुक होंगे, लेकिन उन्हें भी अब महंगा बीज खरीदना पड़ेगा.

जानें क्यों बढ़ रही कीमत - भामाशाह कृषि उपज मंडी की ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने बताया कि इस बार लहसुन के दाम 15000 रुपए क्विंटल के आसपास है. फसल को आने में अभी काफी समय है. ऐसे में दाम आने वाले समय में 25,000 रुपए क्विंटल तक भी जा सकते हैं. साथ ही बीते साल जो छूटा हुआ लहसुन यानी छर्री के दाम 3000 रुपए प्रति क्विंटल थे, इस बार बढ़कर 7500 से 8000 रुपए प्रति क्विंटल है. इस बार एक्सपोर्ट भी काफी हुआ है इसके चलते भी दाम बढ़े हैं. साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान सबसे बड़े सप्लायर राज्य हैं. इन दोनों ही जगह पर उत्पादन कम हुआ है. आने वाले दिनों में रिटेल के दाम भी टमाटर की तरह काफी ऊंचे जा सकते हैं, क्योंकि डिमांड और सप्लाई का गैप रहेगा. ऐसे में उम्मीद है कि 28 से 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक दाम जा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें - इस बार 40% गिरेगा लहसुन का रकबा, अच्छी क्वालिटी और कम उत्पादन से बढ़ेगी किसानों की आय

लहसुन प्रोसेसिंग यूनिट से होगा फायदा - अविनाश राठी का कहना है कि हाड़ौती में बीते 7 से 8 सालों से लहसुन का उत्पादन बढ़ा है. ऐसे में जब उत्पादन ज्यादा होता है तो किसान अपना रकबा कम कर लेते हैं, क्योंकि उन्हें दाम नहीं मिल पाते हैं. वहीं, जब मंडी में अच्छे दाम किसानों को मिलते हैं, तब रकबा अगले साल बढ़ जाता है. लेकिन फिर दम कंट्रोल में आ जाते हैं. यह चक्र लगातार चलता रहता है, क्योंकि लहसुन को स्टोर करके नहीं रखा जा सकता है. इसको डिहाइड्रेट करके फ्लेक्स या फिर पाउडर फॉर्म में रखा सकता है. इसलिए सरकार को इस तरह के प्लांट लगाने चाहिए, ताकि किसानों को बराबर एक समान दाम मिलते रहे. दाम में उतार-चढ़ाव होने से किसानों को काफी नुकसान हो जाता है.

Garlic prices will increase at record level
बढ़ेंगे लहसुन के भाव

एक बीघा में 1 क्विंटल लहसुन - उद्यानिकी विभाग के उपनिदेशक आनंदीलाल मीणा का कहना है कि लहसुन का रकबा साल 2021 में 115000 हेक्टेयर था. लेकिन ये रकबा साल 2022 में गिरकर 79000 हेक्टेयर हो गया था. यह गिरावट करीब 30 फीसदी के आसपास है, हालांकि, इस साल लहसुन के अच्छे दाम किसानों को मिल रहे हैं. प्रति बीघा में उन्हें 1 लाख से ज्यादा का फायदा हो रहा है. कई किसानों का यह फायदा और भी ज्यादा है. ऐसे में इस बार की रबी सीजन की बुवाई में लहसुन का रकबा बढ़ जाएगा. उम्मीद है कि करीब 90000 से 1 लाख हेक्टेयर तक इसकी बुवाई चारों जिलों में हो सकती है. इसके लिए किसानों को बीज भी चाहिए. प्रति बीघा में एक क्विंटल लहसुन बीज के रूप में डाला जाता है.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan Garlic Farmers : लहसुन के दामों ने किसानों की उम्मीदों को दी नई 'ऊंचाई', 15 दिन में दुगने हुए भाव

40 से 45 हजार प्रति बीघा होगी लागत - वर्तमान में लहसुन उत्पादन में 25 से 30 हजार रुपए प्रति बीघा के अनुसार किसानों के खर्च हो रहे हैं. इसमें निराई, गुड़ाई से लेकर बीज खाद, दवाई और उसको निकालने में होने वाली मजदूरी भी शामिल है. जबकि इस बार बीज के दाम ही करीब 25 हजार रुपए क्विंटल है. ऐसे में किसान का पूरा खर्चा 40 से 45 हजार प्रति बीघा होगा. इस बार बीते साल से 10 गुना दाम पर किसानों को बीज मिलेगा.

अबकी खरीदना होगा महंगा बीज - पिछले साल किसानों को काफी सस्ता बीज मिल गया था, लेकिन बड़ी संख्या में किसानों ने लहसुन से तौबा कर ली थी. इसलिए उन्होंने लहसुन की बुवाई नहीं की थी. अबकी लहसुन की बुवाई के लिए उन्हें लहसुन खरीदना होगा. ऐसे में उन्हें इसके लिए ज्यादा कीमत अदा करनी होगी. उद्यानिकी विभाग के उपनिदेशक आनंदीलाल मीणा के अनुसार अधिकांश किसान अपने उत्पादन से ही बीज तैयार करते हैं. बीते साल किसानों ने लहसुन नहीं उगाया था, इसलिए इस बार बीज उन्हें खरीदना पड़ सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.