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शादी की अंगूठी गिरवी रख ब्याज पर लेकर आया था रिश्वत देने के लिए 35 सौ रुपए

ACB ने शनिवार बड़ी कार्रवाई करते हुए पटवाली मधुसूदन मीणा और उसके अधीन काम करने वाले कार्मिक परशुराम प्रजापत को रिश्वत लेत गिरफ्तार कर लिया. घूसखोर पटवारी ने परिवादी की जमीन नापने की एवज में 5 हजार रुपए की मांग की थी. जिसका बंदोबस्त परिवादी ने अपनी शादी की अंगूठी बेचकर किया था.

ACB ने पटवारी को रिश्वत लेत रंगे हाथों पकड़ा
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Published : Jun 8, 2019, 10:27 PM IST

कोटा. एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की टीम ने कार्रवाई करते हुए पटवारी मधुसूदन मीणा और उसके अधीन काम करने वाले कार्मिक परशुराम प्रजापत को रिश्वत लेते शनिवार गिरफ्तार कर लिया. दोनों को एसीबी ने ₹3500 की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. बताया जा रहा है कि इन्होंने परिवादी की रास्ते में पड़ी जमीन की नपाई के एवज में ली है.

ACB ने पटवारी को रिश्वत लेत रंगे हाथों पकड़ा

वहीं, मामले में सामने आया कि दोनों, परिवादी रवि प्रकाश नागर को पिछले महीने की 20 तारीख से परेशान कर रहे थे और उसकी जमीन की नपाई नहीं कर रहे थे. रवि प्रकाश जब भी इनके पास आता था, तो उससे यह रिश्वत की राशि की डिमांड करते थे. ऐसे में परेशान होकर उसने एसीबी से शिकायत कर दी. हालांकि, रविप्रकाश ने इनके लिए रिश्वत की राशि भी जमा कर ली थी. इसके लिए उसने अपनी शादी की अंगूठी गिरवी रखकर 3 फीसदी के ब्याज पर पैसा लेकर आया है.

परिवादी ने बताया कि वह रोज ही पटवारी के चक्कर लगाता था. कभी उनके घर कभी दफ्तर में चला जाता था, लेकिन पैसे नहीं देने तक उसकी बात ही नहीं सुनी जा रही थी और उससे कहा जाता था कि पैसे हो जिस दिन आ जाना. हम जमीन की नपाई कर देंगे. परिवादी ने कहा कि मेरे पास किराए के पैसे भी नहीं हैं, मेरे बच्चे परेशान हो रहे हैं. इससे परेशान होकर मैंने एसीबी में शिकायत दी है.

वहीं, रिश्वतखोर पटवारी को किसी का डर नहीं था. रवि प्रकाश ने कहा कि उसके पास जितने पैसे हैं वो ले ले, लेकिन नपाई कर दें. पर रिश्वतखोर पटवारी मधुसूदन मीणा ₹5000 लेने पर तुला हुआ था. परिवादी रवि प्रकाश नागर ने कहा कि उसके पास 8 बीघा जमीन है. ऐसे में उसकी जमीन की हकाई नहीं हो पा रही है. क्योंकि रास्ते के सीमांकन का विवाद है और उसने इसके लिए थाने में शिकायत दी थी. थानेदार के कहने पर उसने तहसील में एप्लीकेशन लगाई और जमीन की नपाई के आदेश 20 मई को ही तहसीलदार ने कर दिए थे, लेकिन इसके बाद से ही वह रिश्वतखोर पटवारी मधुसूदन के चक्कर लगा रहा था. अब मधुसूदन ट्रैप हो गया तो रवि प्रकाश का कहना है कि उसकी जमीन की हकाई कैसे होगी? क्योंकि नया पटवारी कब आएगा, तब वह अपनी जमीन की नपाई करवा पाएगा. उसका कहना है कि आसपास की दूसरी जमीनों की हकाई पूरी हो गई है.

कोटा. एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की टीम ने कार्रवाई करते हुए पटवारी मधुसूदन मीणा और उसके अधीन काम करने वाले कार्मिक परशुराम प्रजापत को रिश्वत लेते शनिवार गिरफ्तार कर लिया. दोनों को एसीबी ने ₹3500 की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. बताया जा रहा है कि इन्होंने परिवादी की रास्ते में पड़ी जमीन की नपाई के एवज में ली है.

ACB ने पटवारी को रिश्वत लेत रंगे हाथों पकड़ा

वहीं, मामले में सामने आया कि दोनों, परिवादी रवि प्रकाश नागर को पिछले महीने की 20 तारीख से परेशान कर रहे थे और उसकी जमीन की नपाई नहीं कर रहे थे. रवि प्रकाश जब भी इनके पास आता था, तो उससे यह रिश्वत की राशि की डिमांड करते थे. ऐसे में परेशान होकर उसने एसीबी से शिकायत कर दी. हालांकि, रविप्रकाश ने इनके लिए रिश्वत की राशि भी जमा कर ली थी. इसके लिए उसने अपनी शादी की अंगूठी गिरवी रखकर 3 फीसदी के ब्याज पर पैसा लेकर आया है.

परिवादी ने बताया कि वह रोज ही पटवारी के चक्कर लगाता था. कभी उनके घर कभी दफ्तर में चला जाता था, लेकिन पैसे नहीं देने तक उसकी बात ही नहीं सुनी जा रही थी और उससे कहा जाता था कि पैसे हो जिस दिन आ जाना. हम जमीन की नपाई कर देंगे. परिवादी ने कहा कि मेरे पास किराए के पैसे भी नहीं हैं, मेरे बच्चे परेशान हो रहे हैं. इससे परेशान होकर मैंने एसीबी में शिकायत दी है.

वहीं, रिश्वतखोर पटवारी को किसी का डर नहीं था. रवि प्रकाश ने कहा कि उसके पास जितने पैसे हैं वो ले ले, लेकिन नपाई कर दें. पर रिश्वतखोर पटवारी मधुसूदन मीणा ₹5000 लेने पर तुला हुआ था. परिवादी रवि प्रकाश नागर ने कहा कि उसके पास 8 बीघा जमीन है. ऐसे में उसकी जमीन की हकाई नहीं हो पा रही है. क्योंकि रास्ते के सीमांकन का विवाद है और उसने इसके लिए थाने में शिकायत दी थी. थानेदार के कहने पर उसने तहसील में एप्लीकेशन लगाई और जमीन की नपाई के आदेश 20 मई को ही तहसीलदार ने कर दिए थे, लेकिन इसके बाद से ही वह रिश्वतखोर पटवारी मधुसूदन के चक्कर लगा रहा था. अब मधुसूदन ट्रैप हो गया तो रवि प्रकाश का कहना है कि उसकी जमीन की हकाई कैसे होगी? क्योंकि नया पटवारी कब आएगा, तब वह अपनी जमीन की नपाई करवा पाएगा. उसका कहना है कि आसपास की दूसरी जमीनों की हकाई पूरी हो गई है.

Intro:कोटा.
कोटा एसीबी की टीम ने आज कार्रवाई करते हुए पटवारी मधुसूदन मीणा और उसके अधीन काम करने वाले एवजी कार्मिक परशुराम प्रजापत को गिरफ्तार किया है. दोनों को एसीबी ने ₹3500 की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है, जो कि उन्होंने परिवादी की रास्ते विवाद के चलते जमीन सीमांकन की नपाई की एवज में ली थी. इस मामले में सामने आया कि दोनों परिवादी रवि प्रकाश नागर को पिछले माह की 20 तारीख से परेशान कर रहे थे और उसकी जमीन की नपाई नहीं कर रहे थे. रवि प्रकाश जब भी इनके पास आता है. तो उससे यह रिश्वत की राशि की डिमांड करते थे. ऐसे में परेशान होकर उसने एसीबी से शिकायत कर दी. हालांकि रविप्रकाश ने इनके लिए रिश्वत की राशि भी जमा कर ली थी, जो यह उन्हें देने वाला था. इसके लिए उसने अपनी शादी की अंगूठी गिरवी रखकर 3 फ़ीसदी के ब्याज पर पैसा लेकर आया है.


Body:पहला अधिकारी देखा जिसका दिल नहीं पसीजा
परिवादी ने कहा कि वह रोज ही पटवारी के चक्कर लगाता था. कभी उनके घर कभी दफ्तर में चला जाता था, लेकिन पैसे नहीं देने तक उसकी बात ही नहीं सुनी जा रही थी और उससे कहा जाता था कि पैसे हो जिस दिन आ जाना. हम जमीन की नपाई के देंगे. परिवादी ने कहा कि मेरे पास किराए के पैसे भी नहीं है, मेरे बच्चे परेशान हो रहे है. कई बार में पटवारी करने के लिए आया, लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा. कई अधिकारी होते हैं वह गरीब आदमियों से रिश्वत का पैसा नहीं लेते हैं, लेकिन यह पटवारी को बात नहीं मान रहा था. इससे परेशान होकर मैंने एसीबी में शिकायत दी है.

पटवारी ने कहा बोहरे का ब्याज देर होने पर ज्यादा लगता है
रिश्वतखोर पटवारी को किसी का डर नहीं था वह बेझिझक और निडर होकर परिवादी रवि प्रकाश को परेशान करने में लगा हुआ. रवि प्रकाश ने कहा कि उसके पास जितने पैसे हैं वह ले ले, लेकिन नपाई कर दें. पर रिश्वतखोर पटवारी मधुसूदन मीणा ₹5000 लेने पर तुला हुआ था. रोज-रोज जब परिवादी उसके ऑफिस या घर जाता तब पटवारी मधुसूदन ने उससे कहा कि बोहरे का ब्याज देर होने पर ज्यादा लग जाता है. ऐसे में जल्दी पैसा दे दे नहीं तो रिश्वत की राशि बढ़ जाएगी.

परिवादी ने कहा अभी दिक्कत खत्म नहीं हुई, मेरी जमीन की हकाई कैसे होगी
परिवादी रवि प्रकाश नागर ने कहा कि उसके पास 8 बीघा जमीन है. ऐसे में उसकी जमीन की हकाई नहीं हो पा रही है. क्योंकि रास्ते के सीमांकन का विवाद है और उसने इसके लिए थाने में शिकायत दी थी. थानेदार के कहने पर उसने तहसील में एप्लीकेशन लगाई और जमीन की नपाई के आदेश 20 मई को ही तहसीलदार ने कर दिए थे, लेकिन इसके बाद से ही वह रिश्वतखोर पटवारी मधुसूदन के चक्कर लगा रहा था. अब मधुसूदन ट्रैप हो गया तो रवि प्रकाश का कहना है कि उसकी जमीन की हकाई कैसे होगी? क्योंकि नया पटवारी कब आएगा, तब वह अपनी जमीन की नपाई करवा पाएगा. उसका कहना है कि आसपास की दूसरी जमीनों की हकाई पूरी हो गई है.


Conclusion:बाइट-- रवि प्रकाश नागर, परिवादी
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