कोटा. एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की टीम ने कार्रवाई करते हुए पटवारी मधुसूदन मीणा और उसके अधीन काम करने वाले कार्मिक परशुराम प्रजापत को रिश्वत लेते शनिवार गिरफ्तार कर लिया. दोनों को एसीबी ने ₹3500 की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. बताया जा रहा है कि इन्होंने परिवादी की रास्ते में पड़ी जमीन की नपाई के एवज में ली है.
वहीं, मामले में सामने आया कि दोनों, परिवादी रवि प्रकाश नागर को पिछले महीने की 20 तारीख से परेशान कर रहे थे और उसकी जमीन की नपाई नहीं कर रहे थे. रवि प्रकाश जब भी इनके पास आता था, तो उससे यह रिश्वत की राशि की डिमांड करते थे. ऐसे में परेशान होकर उसने एसीबी से शिकायत कर दी. हालांकि, रविप्रकाश ने इनके लिए रिश्वत की राशि भी जमा कर ली थी. इसके लिए उसने अपनी शादी की अंगूठी गिरवी रखकर 3 फीसदी के ब्याज पर पैसा लेकर आया है.
परिवादी ने बताया कि वह रोज ही पटवारी के चक्कर लगाता था. कभी उनके घर कभी दफ्तर में चला जाता था, लेकिन पैसे नहीं देने तक उसकी बात ही नहीं सुनी जा रही थी और उससे कहा जाता था कि पैसे हो जिस दिन आ जाना. हम जमीन की नपाई कर देंगे. परिवादी ने कहा कि मेरे पास किराए के पैसे भी नहीं हैं, मेरे बच्चे परेशान हो रहे हैं. इससे परेशान होकर मैंने एसीबी में शिकायत दी है.
वहीं, रिश्वतखोर पटवारी को किसी का डर नहीं था. रवि प्रकाश ने कहा कि उसके पास जितने पैसे हैं वो ले ले, लेकिन नपाई कर दें. पर रिश्वतखोर पटवारी मधुसूदन मीणा ₹5000 लेने पर तुला हुआ था. परिवादी रवि प्रकाश नागर ने कहा कि उसके पास 8 बीघा जमीन है. ऐसे में उसकी जमीन की हकाई नहीं हो पा रही है. क्योंकि रास्ते के सीमांकन का विवाद है और उसने इसके लिए थाने में शिकायत दी थी. थानेदार के कहने पर उसने तहसील में एप्लीकेशन लगाई और जमीन की नपाई के आदेश 20 मई को ही तहसीलदार ने कर दिए थे, लेकिन इसके बाद से ही वह रिश्वतखोर पटवारी मधुसूदन के चक्कर लगा रहा था. अब मधुसूदन ट्रैप हो गया तो रवि प्रकाश का कहना है कि उसकी जमीन की हकाई कैसे होगी? क्योंकि नया पटवारी कब आएगा, तब वह अपनी जमीन की नपाई करवा पाएगा. उसका कहना है कि आसपास की दूसरी जमीनों की हकाई पूरी हो गई है.