कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को नगर निगम कोटा उत्तर के सहायक अभियंता को 1.5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. यह रिश्वत आरोपी ने बकाया बिल की राशि के भुगतान करने की एवज में पीड़ित की कार में बैठकर नगर निगम के बाहर ली है.
4 लाख रुपए की मांग : एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बताया कि 1 सप्ताह पहले उन्हें एक परिवादी ने शिकायत दी थी. इसमें उसने बताया था कि नगर निगम कोटा उत्तर में उसने निर्माण से संबंधित कोई कार्य किया था, जिसका बकाया 12.98 लाख रुपए का बिल उसे पास करवाना है. इसके लिए कोटा नगर निगम उत्तर के सहायक अभियंता रामहंस मीणा 4 लाख रुपए यानी बिल राशि का 30 फीसदी रिश्वत की मांग कर रहा है. शिकायत के बाद एईएन और परिवादी के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी. इसके बाद आरोपी ने शुक्रवार को परिवादी को बातचीत के लिए बुलाया था.
परिवादी की गाड़ी में बैठकर लिया रिश्वत : उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रकरण पर ट्रैप से पहले सत्यापन की कार्रवाई भी हुई, जिसमें आरोपी एईएन मीणा ने सौदा 2.5 लाख रुपए में तय किया. इस मामले में परिवादी ने आज ही रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 1.5 लाख रुपए आरोपी एईएन मीणा को देना तय किया. आरोपी एईएन ड्यूटी खत्म करने के बाद नगर निगम के बाहर पहुंचा और अपनी गाड़ी से उतरकर चंबल गार्डन के नजदीक परिवादी की गाड़ी में बैठ गया. इसके बाद रिश्वत की राशि उसने ली. यह राशि लेने के बाद परिवादी का इशारा मिलते ही उसकी कार से ही रिश्वत राशि के साथ आरोपी रामहंस मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया.
एडिशनल एसपी ने बताया कि आरोपी रामहंस मीणा पुत्र बृजमोहन मीणा मूल रूप से करौली जिले के टोडाभीम तहसील के बालघाट थाना इलाके के पहाड़ी गांव निवासी है. उसके कोटा निवास पर भी टीम भेजी गई है. एसीबी अधिकारियों को शक है कि इस पूरे मामले में एक अन्य भी संलिप्त है, हालांकि उसके संबंध में सत्यापन और पुष्टि नहीं हुई है, इसकी भी जांच की जा रही है.