कोटा. चंबल नदी से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी ने जिले में काफी तबाही मचाई है. इससे कोटा शहर की जो कॉलोनियां और बस्तियां प्रभावित हुई है, वहां बिजली तंत्र भी पूरी तरह से तहस-नहस हो गया है. ऐसे में प्रशासन ने डूब एरिया में करंट के चलते कोई हादसा नहीं हो इसके लिए एहतियात के तौर पर बिजली बंद करवाई थी. हालांकि बिजली तंत्र को पानी ने भारी नुकसान पहुंचाया है.
बता दें कि 5 हजार से ज्यादा घरों की बिजली बंद थी, उनमें से केवल एक हजार घरों की बिजली सोमवार देर रात से अब तक दुरुस्त हो पाई है. ऐसे में 4 हजार घरों के हजारों लोग अभी भी बिना बिजली के ही बैठे हुए हैं. यह लोग अभी भी अंधेरे में ही हैं.
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निजी बिजली कंपनी केईडीएल के सीओओ मुकेश गर्ग ने बताया कि उन्होंने 39 एरिया में बिजली सप्लाई बंद की थी, जिनमें चंबल पुलिया के नीचे की बस्तियां और कॉलोनियां, बापू बस्ती, बालिता के कुछ एरिया, कुन्हाड़ी की कॉलोनियां, खाई रोड, दोस्तपुरा, खंडगावडी और नंदा की बाड़ी शामिल है. जिनमें से 15 जगह पर बिजली तंत्र डूब से बाहर आ गया है ऐसे में उसे दुरुस्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 40 अधिकारियों सहित 200 कार्मिक इस काम में जुटे हुए हैं. हालांकि अभी भी कई जगह पर बिजली तंत्र पानी में डूबा हुआ है. ऐसे में उन एरिया में पानी उतरने के बाद ही ठीक किया जा सकेगा.
इसके साथ ही पानी का तेज बहाव आने से चंबल नदी से गुजर रही 33 केवी की लाइन और टावर भी पूरी तरह से डैमेज हो गया है. यह नदी में ही गिर गया है. बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि यह लाइन सकतपुरा से नयापुरा क्षेत्र में सप्लाई की थी. ऐसे में नयापुरा एरिया को वैकल्पिक तौर पर दूसरी जगह से जोड़कर सप्लाई दी जा रही है.
हालांकि इसको दुरुस्त करने में 15 दिन लगेंगे. अधिकारियों का कहना है कि 10 से ज्यादा ट्रांसफार्मर और अन्य उपकरण इस बाढ़ में खराब हो गए हैं. कुछ एरिया में अभी भी पानी भरा हुआ है. ऐसे में जब पानी उतर जाएगा तो सभी ट्रांसफॉर्मर को लगातार त्वरित गति से बदला जाएगा.