करौली. जिले के बालघाट कस्बे में शनिवार को ग्रामीणों ने मनरेगा में काम नहीं मिलने को लेकर पंचायत प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए विरोध जताया है. इस दौरान ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा है. साथ ही मनरेगा में काम दिलवाने की मांग की गई है. ग्रामीणो ने बताया कि देश में चल रही वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते सभी मजदूर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.
ऐसे में राज्य सरकार ने एडवाइजरी जारी करके सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनरेगा कार्य की अनुमति दी थी, ताकि जरूरतमंद गरीब परिवारों के श्रमिकों को काम के साथ रोजगार मिल सके, लेकिन ग्राम पंचायत बालघाट में लगातार जरूरतमंद गरीब श्रमिकों के नाम पिछले दो महीने से महात्मा गांधी नरेगा में कार्य करने के लिए नहीं लिखे जा रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे महिला और पुरुषों में अधिकांश ऐसे श्रमिक सम्मिलित थे, जिनका नाम एक बार भी मनरेगा मे नहीं लिखा गया है.
ग्रामीणो ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत के कार्मिकों की ओर से अपने चहेते लोगों का नाम बारी-बारी से लिखा जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार की गरीब मजदूरों के लिए चलाई गई राष्ट्रीय मनरेगा योजना का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है. प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि क्षेत्र में श्रमिकों के रूप में कार्य कर रही कई महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं. फिर भी उन्हें मनरेगा मेट नहीं बनाया जाता है. बार पुरुषों को ही मेट बनाया जाता है. इस दौरान ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन भेजकर निष्पक्ष रूप से मनरेगा में काम दिलाए जाने की मांग की है.
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वहीं प्रदर्शन के बारे में ग्राम सचिव हुसैन अहमद ने बताया की ग्रामीणों की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. आठ दिन पहले ही कार्यभार ग्रहण किया है. सरकार की ओर से ग्राम पंचायत में एक मस्टर रोल जारी किया गया है. जिसमें पहले से ही 60 मजदूर काम पर लगे हुए हैं. आगे मस्टर रोल में जो लोग रह गए हैं, उनको भी काम दिया जाएगा.