करौली. जिले के विभिन्न गांवों के ग्रामीणों ने सोमवार को बन्धबारेठा सेंचुरी में सम्मलित किए गए नवीन वनखण्डों के विरोध में कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. मामले को लेकर ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा. जिले के सम्मलित किए गए नवीन वनखण्डों को सेंचुरी से हटाए जाने की मांग की. इस दौरान ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने पर आदोंलन की चेतावनी दी है.
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर बताया कि बन्धबारेठा सेंचुरी जो कि भरतपुर जिले में पड़ता है. इसमें करौली जिले के वन उपखंड मेवला, जमूरा, टिमकोली, पहाड़ ताली, बांसवाड़ी आदि को हाल ही में जोड़ा गया है. जिनमें लगभग 124 गांव आते हैं. इन गांवों में रहने वाले लोगों का जीवन पशु पालन पर आधारित है.
ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर रोजगार का कोई अन्य साधन नहीं है. अगर बन्धबारोठा सेंचुरी में इन गांवो को सम्मिलित किया जाता है तो इनको कभी भी अन्यत्र जगह पर विस्थापित किया जा सकता है. जिससे ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा जो कि किसी भी हाल में सरकार के इस फैसले को ग्रामीण मंजूर नहीं करेंगे. इस क्षेत्र को सेंचरी में जोड़े जाने पर यहां की समस्त जनता पुरजोर विरोध करती है. अगर सरकार ने इन निम्न उपखंड को बन्धबारेठा सेंचुरी से अलग नहीं किया गया और इन निम्न उपखंडों में सेंचुरी बनाने का कार्य किया गया तो ग्रामीणों की ओर से आंदोलन किया जाएगा फिर भी मांगे नहीं मानने पर भीषण आंदोलन किया जाएगा.
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ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि समस्त 124 गांवों की जनता मरने मारने पर उतारू हो जाएगी. किसी भी हाल में ग्रामीण इस सेंचुरी का निर्माण नहीं होने देंगे. आंदोलन के बीच जो भी जनहानि होगी उसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी. इस दौरान पूर्व विधायक दर्शन सिंह, गुर्जर हाकिम सिंह, बैंसला सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंच और ग्रामीण मौजूद रहे.