करौली. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर बुधवार को नई दिल्ली के जल शक्ति मंत्रालय में महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने की. इस दौरान ईआरसीपी किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना भी बैठक में शामिल हुए और जल शक्ति मंत्री को ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के संबंध में लिखित सुझाव दिए.
किसान नेता रामनिवास मीना ने बताया कि उन्हें जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आश्वासन दिया है कि पूर्वी राजस्थान को शीघ्र ईआरसीपी की सौगात मिलेगी. मीना ने बताया कि ईआरसीपी को लेकर हुई बैठक में राजस्थान और मध्यप्रदेश के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जिनसे ईआरसीपी की स्वीकृति के लिए जल शक्ति मंत्री ने विस्तार से बात की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए. राजस्थान से जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल और अन्य अधिकारी बैठक में शामिल हुए. इन्होंने ईआरसीपी की स्वीकृति में आ रही अड़चनों से अवगत कराया. इस संबंध में मध्यप्रदेश के अधिकारियों से भी बात की गई.
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50 प्रतिशत निर्भरता पर स्वीकृति का रखा पक्ष : रामनिवास मीना ने बताया कि उन्होंने जल शक्ति मंत्री के समक्ष 50 प्रतिशत निर्भरता पर ईआरसीपी की स्वीकृति का प्रमुखता से पक्ष रखा है. उन्हें जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा. केंद्र सरकार का पूरा प्रयास है कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को चंबल का पूरा पानी मिले, ताकि पूर्वी राजस्थान की पेयजल और सिंचाई की समस्या का स्थायी समाधान हो सके और पूर्वी राजस्थान विकास के मार्ग पर प्रशस्त हो सके. इस दौरान भाजपा नेता नीरज पाराशर, किसान नेता देवेंद्र खटाना और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत भी उपस्थित रहे.