करौली. राजकीय कन्या महाविद्यालय में चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ. यह संगोष्ठा राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली की ओर से आयोजित लैंगिक समानता के मुद्दे और चुनौतियों के विषय पर आयोजित थी. संगोष्ठी में देशभर के वक्ताओं ने महिलाओं की समस्याओं पर चर्चा करते हुए उन समस्याओं के समाधान के बारे में भी चर्चा की.
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संगोष्ठी में वक्ताओं ने ना केवल देश अपितु विश्व की सभी महिलाओं की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा की महिलाओं को बाहर तो लड़ना ही पड़ता है अपितु उसे अपने लिए खुद के परिवार से भी लड़ना पड़ता है. वक्ताओं ने कहा की लैंगिक समानता की शुरुआत घर से होनी चाहिए. वक्ताओं ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने, शिक्षित होने और महिलाओं से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के समाधान के बारे में भी अपने विचार रखें. तकनीकी सत्र में सह अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह कोठारी ने महिला सुरक्षा, महिलाओं की सीमित आर्थिक जरूरतें, महिलाओं की विभिन्न सामाजिक और आर्थिक संगठनों में उच्च पदासीन ना होना आदि बातों के कारण व्याप्त लैंगिक असमानता की ओर ध्यान आकर्षित किया.
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समापन सत्र में डॉ. सुरेंद्र प्रताप कोठारी, डॉ. भरत पारीक, डॉ. सुरेंद्र यादव, मुनेश लाल मीणा, हरकेश मीणा, डॉ. नेहा, डॉ. सुमित्रा,आयशा आदि को संगोष्ठी के सफल संचालन के लिए स्मृति चिन्ह भेंट किया गया. इसके साथ ही संगोष्ठी संयोजक रितेश जैन ने सभी प्रतिभागियों तथा आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया.