करौली. जिले में बढ़ते कोरोना ग्राफ के बाद आपातकालीन स्थिति में मरीजों को रेफर करने के लिए एम्बुलेंस धारकों द्वारा मनमाने किराये की वसूली को रोकने के लिए जिला परिवहन अधिकारी ने एम्बुलेंस किराये का निर्धारण किया है. जिससे मरीजों के परिजनों को आर्थिक समस्या का सामना ना करने पड़े.
जिला परिवहन अधिकारी नरेश बसवाल ने बताया कि मोटरयान अधिनियम 1988 के अंतर्गत एंबुलेंस यान को परिवहन यान श्रेणी में रखा गया है. एंबुलेंस यान को मोटर अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कर देयता से मुक्त रखा गया है. कोरोना महामारी को देखते हुए इन सेवाओं को व्यवसायिक श्रेणी में नहीं मानकर सामाजिक सेवा यान माना गया है.
परिवहन आयुक्त महेन्द्र सोनी द्वारा वर्तमान में कोविड-19 कोरोना महामारी के समय आमजन को सुलभ एवं सस्ती सेवा उपलब्ध कराने एवं समस्त राज्य में एम्बुलेंसों की दरों में एकरूपता लाने के लिए प्रादेशिक व जिला परिवहन अधिकारियों द्वारा जारी आदेशों को अतिक्रमित राज्य में एम्बुलेंस व शव वाहन का किराया निर्धारित किया गया है.
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परिवहन अधिकारी ने बताया कि प्रथम 10 किलोमीटर तक 500 रुपये आना-जाना, 10 किलोमीटर के पश्चात वाहन मारुति वैन, मार्सल मैक्स आदि को किराया 12.50 रुपये प्रति किलोमीटर, टबेरा, इनोवा, बोलेरो, कुरजर, राईनों आदि 14.50 रुपये, अन्य बड़े एम्बुलेन्स/ शव वाहन का 17.50 रुपये प्रति किलोमीटर, एसी वाहन होने पर एक रुपये प्रति किलोमीटर अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा.
कोविड के मरीज एवं शव को लाने-ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पीपीई किट एवं सैनिटाइजर का व्यय प्रति चक्कर 350 रुपये अतिरिक्त वसूल किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि वाहनों का किराया दोनों तरफ का देय होगा. क्योंकि ये वाहन वापसी यात्रा में उपयोग में नहीं लिए जा सकते हैं. अतः 10 किलोमीटर चलने पर दोगुना किया लिया जा सकेगा.