करौली. रणथंभौर से करौली के कैलादेवी अभ्यारण में पहुंचा किलर मैन बाघ टी-104, युवक का शिकार करने के 3 दिन बाद भी वन विभाग की पकड़ से दूर है. अभ्यारण के मेदपुरा सिमिर बाग मे 3 दिन पहले युवक का शिकार करने के बाद से ही बाघ को ट्रैकुलाइज करने के लिए वन विभाग के विशेषज्ञों की टीम बाघ के मूवमेंट वाली जगह पर पहुंच गई है. लेकिन अभी भी टाइगर टीम की पकड़ से बाहर है.
बता दें कि बाघ का मुवमेंट हडिया की खोह नामक जगह पर बना हुआ है. वन विभाग की टीम को बाघ के खोह से बाहर आने का इंतजार है लेकिन अभी बाघ खोह के अंदर ही मुवमेंट कर रहा है. ऐसे में बाघ का ट्रैकुलाइज नहीं हो पा रहा है. वहीं सिमर बाग के जंगलों में टाइगर के मुवमेंट से लगभग 5 से अधिक गांवों में दहशत फैल गया है, जिससे ग्रामीण गढ़ वाले हनुमान मंदिर पर एकत्रित हो गए हैं. वहीं बाघ के लगातार मूवमेंट को लेकर ग्रामीणों की ओर से रात्रि के समय में बारी-बारी से रखवाली की जा रही है.
पढ़ें- नरभक्षी T-104 ने तीन लोगों को बनाया शिकार...तलाश जारी
ग्रामीणों ने बताया की टाइगर टी-104 का लगातार सोराजपुरा, सिमिर, बासांरी, लगेह, गोपालपुरा, मेदपुरा, चिगीपुरा, रोहडी और गुआडी आदि गांवों मे लगातार मूवमेंट बना हुआ है. उन्होंने बताया कि ग्रामीण अपनी और पशुओं की रखवाली के चलते समूह के रूप में पहरा दे रहे हैं.
बाघ को भाया सिमिर खोह
क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया की बाघ टी-104 की ओर से पिंटू की मौत के बाद गांव मे लगातार मूवमेंट बना हुआ है. बाघ हमले के बाद 5 बार क्षेत्र में आ गया है. लेकिन वन विभाग बाघ पर कार्रवाई तक नहीं कर सका. वन विभाग की ओर से क्षेत्र में गस्त की जा रही है.
प्रशासन ने दी मृतक के परिजनों को सहायता राशि
क्षेत्र के बाग गांव मे पिंटू पुत्र रामसहाय माली की बाघ के हमले से मौत हो गई थी. जिस पर प्रशासन ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए आश्वासन दिया था, जिस पर जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया के आदेश पर मौजीराम मीना, पटवारी ऋषिकेश मीना मृतक के घर पहुंच कर मृतक की पत्नी सुरेशी देवी को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि का चेक सौंपा.
वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ हडिया की खोह से बाहर नहीं आ रहा है. खोह में भी बाघ का मूवमेंट बना हुआ है. उन्होंने बताया कि टीमें लगातार ट्रैकिंग कर रही हैं. बाघ के खोह में किसी मवेशी का शिकार करने की भी संभावना है. अधिकारियों ने बताया कि बाघ के बाहर आने के बाद ही आगे कुछ किया जाएगा.