करौली. गुर्जर आरक्षण आंदोलन के प्रणेता व पटरी वाले बाबा के नाम से चर्चित कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला शुक्रवार शाम को पंचतत्व में विलीन हो गए. गुरुवार की सुबह 6:00 बजे जयपुर से उनका पार्थिव देह करौली जिले के टोडाभीम उपखंड क्षेत्र के पैतृक गांव मूंडिया के लिए रवाना हुआ. पार्थिव शरीर करीब 8 स्थानों पर लोगों के अंतिम दर्शनों और श्रद्धांजलि के लिए रखा गया.
जयपुर से अंतिम सफर पर निकली कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की शवयात्रा कानोता, दौसा, भांडारेज, खेड़ली, दुब्बी कलाई, सिकंदरा, मानपुरा मोड़, बालाजी, पाटोली, पीपलखेड़ा, महुआ, गाजीपुर, खेड़ला, सलेमपुर थाना देवबंद रोड नयागांव, पाटकटरा, सेलपुरा होते हुए उनके पैतृक निवास मुंडिया पहुंची. इस दौरान कर्नल बैंसला के निवास पर समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी.
पढ़ें. अंतिम समय तक योद्धा की तरह लड़ते रहे कर्नल बैंसला...गुड हेल्थ, गुड एजुकेशन के मंत्र से कौम को जगाया
जुझारू व्यक्तित्व के धनी रहे पटरी वाले बाबा गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने गुरुवार सुबह जयपुर के निजी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली थी जिनका शुक्रवार को पैतृक गांव मुड़िया में हिंदू रीती रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बड़े पुत्र दौलत सिंह ने अंतिम संस्कार में मुखाग्नि दी. गुर्जर आंदोलन के प्रणेता बैंसला के अंतिम दर्शन के लिए दाह संस्कार के समय जनसैलाब उमड़ पड़ा. अंतिम संस्कार में श्रद्धांजलि देने के लिए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, मंत्री शकुंतला रावत, मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, पूर्व विधायक मानसिंह गुर्जर, सासंद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, सासंद रंजिता कोली सहित लाखों की संख्या में लोग मौजूद रहे.