करौली. जिला स्थापना दिवस से 1 दिन पहले शनिवार को जिले के विकास से संबंधित विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें प्रबुद्धजनों ने जिले के विकास के संबंध में अपने-अपने विचार व्यक्त किए. वहीं, अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने उन्हें पूर्ण करने का आश्वासन दिया.
संगोष्ठी में अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर ने जिले के विकास को बढ़ावा देने के लिए. पर्यटन, रेलवे लाइन, पेयजल, हाईवे, धार्मिक, स्वच्छता, शिक्षा, चिकित्सा सहित अन्य आवश्यक बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए, उन्हें पूर्ण करने का आश्वासन दिया. संगोष्ठी में जिले के गणमान्य नागरिक वेणूगोपाल शर्मा, मदनमोहन स्वामी, अरूण जिंदल, बृजकिशोर, रामेश्वर ठेकेदार, सत्येन्द्र चतुर्वेदी, उद्योसिंह, पूर्व उपजिला प्रमुख प्रेमलखन मीना ने जिले में अब तक हुए विकास एवं आगामी विकास की संभावना के संबंध में विस्तार से चर्चा की.
उन्होंने कहा कि भले ही करौली जिला अपनी 23वीं वर्षगांठ मना रहा है. लेकिन, विकास की दृष्टि से आज भी अछूता है. इन 23 सालों में जिला मुख्यालय पर NH-11B हाईवे सड़क मार्ग का जरूर निर्माण हुआ. लेकिन, विकास की दृष्टि से अब भी काफी पिछड़ा जिला है. जिले में पर्यटन क्षेत्र में काफी संभावना हैं.
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रेलवे का रुका पड़ा काम, रोडवेज डिपो, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज, शहर से 5 किलोमीटर दूर बने जिला अस्पताल की जर्जर हालत, मासलपुर तहसील में स्टोनमार्ट के निर्माण की मांग. शासन और प्रशासन की अनदेखी के कारण धरातल पर नहीं उतर पाई है. इस अवसर पर PRO धर्मेन्द्र मीना, विकास अधिकारी श्रीराम मीना, वरिष्ठ सहायक सुनील दत्त जाटव, सहित शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे. बता दें कि करौली की स्थापना यादव वंश के शासक अर्जुनसिंह द्वारा की गई थी. स्थापना के समय इसका नाम कल्याणपुरी था, करौली 19 जुलाई 1997 को सवाई माधोपुर से अलग होकर राजस्थान का 32 वां जिला बना.