करौली. गुर्जर आरक्षण को लेकर पिछले 4 दिनों से आंदोलन की आग भड़क रही है. गुरुवार को पांचवा दिन है, लेकिन सरकार और गुर्जर समाज की बीच वार्ता अभी तक सफल नहीं हो पाई है. आंदोलन को देखते हुए गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में 6 दिनों से इंटरनेट बंद है. ऐसे में आम जनजीवन बिना इंटरनेट के थम सा गया है. लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.
गुर्जर समाज MBC (Middle backward class) आरक्षण को लेकर 5 दिनों से आंदोलन कर रहा है. गुर्जर आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर धधक रही गुर्जर आंदोलन की आग आज 5वें दिन भी शांत नहीं हो पाई है. बुधवार को भी सरकार का संदेश लेकर पहुंचे सीनियर आईएएस नीरज के. पवन और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बीच दो दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई.
वहीं, आंदोलन के मद्देनजर सरकार ने शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने, क्षेत्र में भ्रांतियां फैलने से रोकने के लिए गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. एक ओर प्रदेश में गुर्जर आरक्षण आंदोलन ने सरकार की नींदें उड़ाकर रखी है वहीं दूसरी ओर गुर्जरों का ये आंदोलन गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में रहनेवाले आमजनों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.
कोरोना के कारण शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में कोरोना काल में ऑनलाइन एजुकेशन ही छात्रों का एकमात्र सहारा बनकर उभरा है कि वे घर बैठे पढ़ाई कर सके, लेकिन गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों जयपुर, करौली, भरतपुर, दौसा के छात्रों की पढ़ाई पर गुर्जर आंदोलन ग्रहण बन गया है. ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चे और युवा इंटरनेट बंद होने से परेशान है. पिछले 4 दिनों से उनकी पढ़ाई बंद है. ऐसे में छात्रों को पढ़ाई में पीछे छूटने का डर सता रहा है.
राजस्थान पुलिस परीक्षा के अभ्यर्थी परेशान...
दूसरी ओर राजस्थान पुलिस परीक्षा के प्रवेश पत्र भी जारी हो चुके हैं. ऐसे में विधार्थियों के सामने अब प्रवेश पत्र निकलवाने को लेकर काफी परेशानी का सामना कर पड़ रहा है. इंटरनेट बंद है. इंटरनेट बंद होने से वो अपना प्रवेश पत्र कैसे निकलवाएं, उन्हें समझ नहीं आ रहा है.
ई-मित्र संचालक की कमाई पर ब्रेक...
दूसरी ओर इंटरनेट बंद होने की वजह से ऑनलाइन कामकाज ठप है. मोबाइल रिचार्ज से लेकर ऑनलाइन पेमेंट तक बंद है. ऐसे में लोगों को खासा परेशानी उठाना पड़ रहा है. वहीं सबसे ज्यादा कामकाज ई-मित्र केंद्रों पर प्रभावित हुआ है.
यह भी पढ़ें. गुर्जर आंदोलन : आज 5 वें दिन भी पटरियां जाम, रोडवेज ने शुरू की 10 बसें
करौली के ई-मित्र संचालकों का कहना है कि नेट बंद होने से सुबह से शाम तक दुकान पर खाली बैठे रहते हैं. इंटरनेट बंद होने की वजह से काम नहीं हो पा रहा. कोरोना के कारण पहले ही कमाई पर ब्रेक था, अब आंदोलन ने मुश्किलें और बढ़ा दी है. वहीं संचालकों को डर सता रहा है कि इंटरनेट ज्यादा दिन बंद रहा तो दुकान का किराया चुकाना भी मुश्किल हो जाएगा.
वर्क फ्रॉम होम करने आए, अब फंसे...
देश भर की कंपनियों ने कोरोना काल को देखते हुए वर्क होम की सुविधा दी है. देश भर की कंपनियों में काम करने वाले युवा इन दिनों अपने गृह जिले में आकर ऑनलाइन काम कर रहे थे. अब बीते दिनों से इंटरनेट बंद होने के कारण उनका सारा कामकाज ठप हो गया है. ऐसे में इंटरनेट बंद होने से युवाओं की नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है.
यह भी पढ़ें. गुर्जर आंदोलन के बाद अब बेरोजगरों ने भी बढ़ाई सरकार की मुश्किलें, पंचायती राज चुनाव में सरकार के खिलाफ खोलेगी मोर्चा
कुछ युवा तो अब कई किलोमीटर दूर जाकर इधर-उधर बैठकर काम निपटाने को मजबूर है. वहीं कई गुर्जर आंदोलन को खत्म होने के इंतजार में बैठे हैं. ऐसे में उन पर पेंडेंसी का बोझ बढ़ता ही जा रहा है.
रोजगार पर भी असर...
व्यापारी इंटरनेट सुविधा से घर बैठे ही बड़ी मंडियों के भाव जान लेते हैं. अब इंटरनेट बंद होने से उन्हें मार्केट का भाव नहीं पता चल रहा है. कई ऑनलाइन होनेवाले व्यापार पूरी तरह से ठप हो गए हैं.
स्वास्थ्य केंद्र, बैकों की इंटरनेट भी ठप...
सरकार ने BSNL की ब्रांड बैंड इंटरनेट को ऑफिस की व्यवस्था को देखते हुए सुचारू रखा है, लेकिन शहर के कई इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में BSNL की इंटरनेट सुविधा नहीं होने से कई स्वास्थ्य केंद्रों और छोटी बैंकों मे इंटरनेट व्यवस्था ठप है. जिसकी वजह से मरीजों सहित लोगों को परेशानी का सामना कर पड़ रहा है. लोग अपने कार्य के लिए इधर-उधर चक्कर काटने को मजबूर हैं. वहीं जिन जगहों पर बीएसएनएल की लाइन भी है, वहां पर नेट स्पीड कम होने की वजह से कई घंटों का इंतजार करना पड़ता है. इस कारण लोगों में अब धीरे-धीरे आक्रोश पनप रहा है.
रेल सेवा बुरी तरह से प्रभावित...
गुर्जर आरक्षण के चलते रेलवे यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को डायवर्टेड रूट से चलाया जा रहा है. वहीं रेलवे को माल गाड़ियों के नहीं चलने से करोड़ों का नुकसान हो रहा है. कोटा सहित आसपास के स्टेशनों के माल गोदाम से भी कामकाज बंद हो गया है. यात्री ट्रेनें रद्द होने या डायवर्ट होने से भी रिफंड करवाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ गई है. रेलवे के मुताबिक, करीब 10 ट्रेनों के रूट को बदला गया है, जिसमें सबसे अधिक ट्रेनें भरतपुर रूट की हैं.
250 बसों का संचालन बंद...
आंदोलन को देखते हुए राजस्थान रोडवेज की 250 बसों के सेवा बंद कर दी गई थी. हालांकि, गुरुवार को 5वें दिन रोडवेज ने 10 बसों का संचालन शुरू किया है. जिसमें जयपुर, अलवर और गन्नापुर सहित करौली के रूटों पर बस सेवा शुरू की गई है. वहीं जैसे-जैसे यात्री भार बढ़ेगा, रोडवेज और बसों के चलाने की तैयारी में जुट गया है.
यह भी पढ़ें. गुर्जर आरक्षण आंदोलन Day-4: रेलवे ट्रैक पर गुर्जरों की हुंकार, दो दौर की वार्ता के बाद भी नहीं बनी सहमति
गुर्जर आंदोलन के कारण इंटरनेट सेवा, बस सेवा और रेल सेवा बुरी तरह से प्रभावित है. अकेले करौली में सरकार को करीब 76 लाख के राजस्व का घाटा हो रहा है. बुधवार को सरकार और गुर्जर समाज के बीच दो दौर का वार्ता भी हुआ, जो सफल नहीं रहा. ऐसे में लंबे समय तक आम सेवाएं बाधित रही तो आमजन परेशान तो हैं ही राज्य सरकार को भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा.