करौली. बीते दिन सोमवार की रात को एक पैंथर ने हमला कर चार गोवंश को अपना शिकार बना लिया. पैंथर के हमले से चारो गोवंश की मौके पर ही मौत हो गई, जिसके बाद पैथर के मूवमेंट से ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है.
सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पैंथर को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. बता दें कि करौली के वन क्षेत्र रेंज नैनियाकी के वनखंड क्षेत्र सिमीर खोह के चिंगीपुरा गांव में सोमवार रात्रि को पैंथर ने हमला कर चार गोवंश को अपना शिकार बना लिया. उसके बाद पैंथर के हमले से चारो गोवंश की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं इसके बाद से पैथर के मूवमेंट से ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है. सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पैंथर को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया है.
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सपोटरा इलाके के वन क्षेत्र नैनियाकी के वनखंड सिमीर खोह के चिंगीपुरा गांव में रात्री को पैंथर ने हमला करके 4 गोवंश का शिकार किया है. यह गोवंश गौशाला में बंधे हुए थे. इसके बाद सुबह जब ग्रामीण पहुंचे तो घटना का पता चला. जिसके बाद वन विभाग और पुलिस को सूचना दी गई तो वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्हें गौशाला में पैंथर के पंजे के मार्क नजर आए. इसके बाद वन विभाग ने आसपास के इलाके में सर्चिंग शुरू कर दी है. इसके साथ ही, ग्रामीणों को अकेले घर से बाहर नहीं निकलने और मवेशियों को बाहर न बांधने के लिए कहा गया है.
इस दौरान क्षेत्रीय वन अधिकारी मोहनलाल सैनी ने बताया कि रेंज नैनियाकी के वन खंड सिमिर खोह के गांव चिंगीपुरा स्थित गौशाला में बंधे हुए गोवंश का वन्य जीव पैंथर ने शिकार किया है. जिसके बाद ग्रामीणों की सूचना पर टीम घटनास्थल पर पहुंची और टीम को घटनास्थल पर वन्य जीव पैंथर के पगमार्क मिले हैं. फिलहाल ग्रामीणों को अंधेरे में घरों के भीतर से बाहर नहीं निकलने और अपनी मवेशियों को घरों के भीतर बांधने के लिए कहा गया है.
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वहीं सैनी ने कहा कि गांव के चारों ओर जंगल ही जंगल है और पैंथर का मूवमेंट बना हुआ है. सूचना देने पर ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम ने अपना सर्चिंग अभियान शुरू कर दिया है. और साथ ही कैमरे भी लगा दिए गए है ताकि पैंथर के मूवमेंट पर निगरानी रखी जा सके. इधर चार गोवंश का शिकार बनाने और पैंथर के पगमार्क मिलने की पुष्टि होने के बाद से क्षेत्र के ग्रामीणों औऱ जंगल में बकरियां चराने वाले चरवाहों में दहशत का माहौल बना हुआ है. वहीं पैंथर के डर से ग्रामीणों ने खेतों में आवारा मवेशियों से फसलों की रखवाली के लिए जाना छोड़ दिया है.