करौली. निर्भया केस के चारो दोषियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दी गई थी. चारो दोषियों में से एक करौली के कल्ला देह बस्ती निवासी मुकेश भी शामिल था. मुकेश का शव शनिवार सुबह उसके गांव पहुंचा, जहां उसके परिवार के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार किया.
बता दें कि आरोपी मुकेश को फांसी देने के बाद दिल्ली में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद मुकेश के शव को उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. जिसके बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार किया. इस दौरान चुनिंदा लोगों के बीच अंतिम संस्कार हुआ. आरोपी के भतीजों ने कहा कि उसके चाचा को उसके गुनाह की सजा मिल गई.
एक ग्रामीण ने बताया कि मुकेश की हैवानियत की वजह से करौली का नाम बदनाम हुआ था. दोषी मुकेश को सजा मिलने के बाद करौली पर लगा दाग धुल गया है. साथ ही कहा कि हम लोग अपनी जुबान से मुकेश का नाम भी नहीं लेना चाहते.
पढ़ें- झुंझुनू से लगती हरियाणा सीमा सीज, सार्वजानिक वाहनों पर लगाई रोक
मुकेश का बड़ा भाई आरोपी रामसिंह निर्भया केस का मुख्य दोषी था. दोनों साथ में दिल्ली में रहते थे. राम सिंह ड्राइवर था. मुकेश उसके साथ खलासी का काम करता था. आरोपी रामसिंह ने पहले ही मुकदमे के ट्रायल के दौरान तिहाड़ जेल में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी.