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करौली के वन विभाग में इको रेस्टोरेशन कार्यों में घपला, विधायक रमेश मीणा ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिखकर की शिकायत

करौली जिले के सपोटरा विधायक और पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा. जिसमे करौली जिले में वन विभाग की ओर से वानिकी कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत की है. पत्र में बताया गया है कि अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए का भुगतान उठा लिया गया है. पत्र में एसीबी से जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की गई हैं.

करौली वन विभाग, Karauli Forest Department
करौली के वन विभाग में इको रेस्टोरेशन कार्यों में घपला
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Published : Jun 1, 2021, 8:17 PM IST

करौली. राजस्थान के पूर्व मंत्री और सपोटरा विधायक रमेश मीणा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा. जिसमें करौली जिले में वन विभाग करौली और मासलपुर रेंज में वानिकी कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत की गई है. पत्र में बताया गया है कि अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए का भुगतान उठा लिया गया है. पत्र में एसीबी से जांच करा कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की गई हैं.

करौली वन विभाग, Karauli Forest Department
विधायक रमेश मीणा ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिखकर की शिकायत

पढ़ेंः चित्तौड़गढ़ विधायक के पेट्रोल पंप पर चोरी, 50 हजार की नकदी ले उड़े...सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू

विधायक रमेशचंद्र मीना की ओर से मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया गया है कि वर्ष 2020-21 में करौली और मासलपुर रेंज में नरेगा योजना के तहत इको रेस्टोरेशन कार्य कराना दर्शाया गया है. बताया गया है कि ग्राम पंचायत सौरया, खूबनगर, चैनपुर बर्रिया, महोली, लैदोर कला, कंचनपुर,कोटा छाबर, गुबरेडा, जमूरा नारायणा फतेहपुर भावली मासलपुर रतियापुरा सहित अन्य क्षेत्र में करीब 34 कार्य कराना दर्शाया गया है.

इन कार्यों के लिए 759.59 लाख रुपए की राशि व्यय दिखाई गई है. आरोप है कि हकीकत में इको रेस्टोरेशन कार्य हुए नहीं और अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी मस्टररोल भरकर करीब 598.64 का भुगतान उठा लिया गया. इसके लिए फर्जी तरीके से मनरेगा में मस्टरोल भी जारी की गई. पत्र में शिकायत की गई है कि अधिकारियों ने फर्जी कारी और मिलीभगत कर बड़े स्तर पर हेराफेरी की और सरकारी राशि को चूना लगाया.

पढ़ेंः उदयपुर में दिनदहाड़े SBI बैंक का ATM तोड़ने का प्रयास, मौके पर कर्मचारी के पहुंचने से चोरी विफल

यह भी उल्लेख किया गया है कि वन विभाग के नियम अनुसार जहां 5 साल पूर्व पेड़ पौधे स्थापित हो गए हैं उस क्षेत्र में रेस्टोरेशन कार्य नहीं किया जा सकता. क्योंकि रेस्टोरेशन कार्य से वन संपत्ति को नुकसान होता है. जबकि अधिकारियों ने गंभीर लापरवाही करते हुए इन क्षेत्र में भी रेस्टोरेशन कार्य कराना दर्शाया हुआ है. पत्र में सभी कार्यों की एसीबी से जांच करा कर दोषियों के विरुद प्रभावी कार्रवाई का आग्रह किया गया है.

मस्टर रोल कहीं की कार्य दर्शाया कहीं काः

करौली विधायक रमेश मीणा की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया गया है कि वन विभाग की गंभीर अनियमितता का एक नमूना यह भी है कि मस्टर रोल किसी पंचायत की और कार्य होना किसी दूसरी पंचायत में दर्शाया गया है. इसकी सूची सलंग्न करते हुए बताया गया है कि भंवर पुरा प्रथम और द्वितीय में इको रेस्टोरेशन कार्य बसेड़ी ग्राम पंचायत की मस्ट रोल से दर्शाया है, जबकि भंवर पुरा गांव रामपुर धाबाई ग्राम पंचायत में है. इसी प्रकार मंडी मोहनपुरा में इको रेस्टोरेशन कार्य खोहरी ग्राम पंचायत से दर्शाया गया है. जबकि मंडी मोहनपुरा गांव राहिर ग्राम पंचायत में है. पत्र में मस्टर रोल जारी होने और इस प्रकार फर्जी कार्य कर भुगतान उठाने की जांच कराकर प्रभावी कार्रवाई का आग्रह किया गया है.

करौली. राजस्थान के पूर्व मंत्री और सपोटरा विधायक रमेश मीणा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा. जिसमें करौली जिले में वन विभाग करौली और मासलपुर रेंज में वानिकी कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत की गई है. पत्र में बताया गया है कि अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए का भुगतान उठा लिया गया है. पत्र में एसीबी से जांच करा कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की गई हैं.

करौली वन विभाग, Karauli Forest Department
विधायक रमेश मीणा ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिखकर की शिकायत

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विधायक रमेशचंद्र मीना की ओर से मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया गया है कि वर्ष 2020-21 में करौली और मासलपुर रेंज में नरेगा योजना के तहत इको रेस्टोरेशन कार्य कराना दर्शाया गया है. बताया गया है कि ग्राम पंचायत सौरया, खूबनगर, चैनपुर बर्रिया, महोली, लैदोर कला, कंचनपुर,कोटा छाबर, गुबरेडा, जमूरा नारायणा फतेहपुर भावली मासलपुर रतियापुरा सहित अन्य क्षेत्र में करीब 34 कार्य कराना दर्शाया गया है.

इन कार्यों के लिए 759.59 लाख रुपए की राशि व्यय दिखाई गई है. आरोप है कि हकीकत में इको रेस्टोरेशन कार्य हुए नहीं और अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी मस्टररोल भरकर करीब 598.64 का भुगतान उठा लिया गया. इसके लिए फर्जी तरीके से मनरेगा में मस्टरोल भी जारी की गई. पत्र में शिकायत की गई है कि अधिकारियों ने फर्जी कारी और मिलीभगत कर बड़े स्तर पर हेराफेरी की और सरकारी राशि को चूना लगाया.

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यह भी उल्लेख किया गया है कि वन विभाग के नियम अनुसार जहां 5 साल पूर्व पेड़ पौधे स्थापित हो गए हैं उस क्षेत्र में रेस्टोरेशन कार्य नहीं किया जा सकता. क्योंकि रेस्टोरेशन कार्य से वन संपत्ति को नुकसान होता है. जबकि अधिकारियों ने गंभीर लापरवाही करते हुए इन क्षेत्र में भी रेस्टोरेशन कार्य कराना दर्शाया हुआ है. पत्र में सभी कार्यों की एसीबी से जांच करा कर दोषियों के विरुद प्रभावी कार्रवाई का आग्रह किया गया है.

मस्टर रोल कहीं की कार्य दर्शाया कहीं काः

करौली विधायक रमेश मीणा की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया गया है कि वन विभाग की गंभीर अनियमितता का एक नमूना यह भी है कि मस्टर रोल किसी पंचायत की और कार्य होना किसी दूसरी पंचायत में दर्शाया गया है. इसकी सूची सलंग्न करते हुए बताया गया है कि भंवर पुरा प्रथम और द्वितीय में इको रेस्टोरेशन कार्य बसेड़ी ग्राम पंचायत की मस्ट रोल से दर्शाया है, जबकि भंवर पुरा गांव रामपुर धाबाई ग्राम पंचायत में है. इसी प्रकार मंडी मोहनपुरा में इको रेस्टोरेशन कार्य खोहरी ग्राम पंचायत से दर्शाया गया है. जबकि मंडी मोहनपुरा गांव राहिर ग्राम पंचायत में है. पत्र में मस्टर रोल जारी होने और इस प्रकार फर्जी कार्य कर भुगतान उठाने की जांच कराकर प्रभावी कार्रवाई का आग्रह किया गया है.

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