करौली. राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा बुधवार को करौली दोरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने सोमवार को कुड़गांव थाना क्षेत्र में सड़क हादसे का शिकार हुए लोगों के परिजनों को ढांढस बंधाया. वो मृतकों के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे थे. उन्होंने मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष और खुद की ओर से आर्थिक सहायता दी. इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन तोमर, सपोटरा एसडीएम कैलाश चंद शर्मा, डीएसओ राम सिंह मीणा और डीएसपी किशोर बुटोलिया भी मौजूद रहे.
बता दें कि 2 दिन पहले कुड़गांव थाना क्षेत्र में ट्रैक्टर-ट्रॉली को ओवरटेक करने के प्रयास में जीप और एक अन्य वाहन की भिड़ंत में 3 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में 2 महिलाएं थीं और एक युवक शामिल था. महिलाएं सगी बहनेंं थी. इनमें से एक बहन की पुत्री की शादी 29 जून को होनी है.
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मंत्री रमेश मीणा पहले आड़ा डूंगर गांव पहुंचे और हादसे में मृत दो सगी बहनों के परिवारजनों को ढांढस बंधाया. यहां मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि सरकार और वो खुद पीड़ित परिवार के साथ हैं. उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी. मंत्री ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये के चेक सौंपे. इस दौरान ग्रामीणों ने क्षेत्र में अवैध बजरी के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के तेज रफ्तार से दौड़ने से आए दिन हादसे होने की शिकायत की. इस पर मंत्री ने कहा कि उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. क्षेत्र में इस प्रकार के हादसों पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जाएंगे.
इसके बाद मंत्री रमेश मीणा नयावास गांव पहुंचे और हादसे में मृत युवक के परिजनों को ढांढस बंधाया. मंत्री के पहुंचने पर युवक की मां और भाई बिलख पड़े. उन्होंने कहा कि वो गरीब हैं. जिसे पढ़ा रहे थे, उसे हादसे ने छीन लिया. मंत्री ने कहा कि उन्हें हर संभव सहायता दिलाई जाएगी. उन्होंने एक लाख रुपये की सहायता राशि का चेक सौंपते हुए अन्य योजनाओं में लाभान्वित कराने का आश्वासन भी दिया.
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वहीं, मंत्री रमेश मीणा ने सड़क हादसे में मृत 3 लोगों के शवों का देर रात पोस्टमॉर्टम कराने को लेकर कहा कि आखिर ऐसी क्या जल्दी थी कि पुलिस ने रात 10 बजे शवों का पोस्टमॉर्टम करा दिया. कुडगांव थाना अधिकारी परिजनों को लेकर कलेक्टर के आवास पहुंचे और रात में पोस्टमॉर्टम की परमिशन ली. इसके पीछे पुलिस की मंशा मामला रफा-दफा करने की लगती है. मंत्री ने कहा कि रात में शव मोर्चरी में रखे जाते हैं. लेकिन, पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने और मामला रफा-दफा करने की नियत से रात को ही शवों के पोस्टमॉर्टम करा दिया, जबकि अंतिम संस्कार दूसरे दिन सुबह 9 बजे किया गया. मंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले को रफा-दफा करने के लिए घरवालों पर दबाव बनाया और रात में ही पोस्टमॉर्टम करवाया.
मंत्री रमेश मीणा ने जताई नाराजगी
सड़क हादसे में मृत परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंचे मंत्री रमेश मीणा ने क्षेत्र में अवैध बजरी से लदे वाहनों के दौड़ने को लेकर काफी नाराजगी जताई. उन्होंने पुलिस पर मिलीभगत के आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के लिए आदमी की जान की कीमत कुछ नहीं है. पुलिस के लिए तो बजरी फायदे का सौदा है. मंत्री ने कहा कि अवैध बजरी से लदे वाहन धड़ल्ले से दौड़ते हैं. कई बार हादसे में लोगों की जान गई है. लेकिन पुलिस को कोई परवाह नहीं. उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से कहा कि अवैध बजरी पुलिस की मिलीभगत से चल रही है. पुलिस के निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक के अधिकारी की मिलीभगत नजर आती है. लेकिन, बजरी का यह खेल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि वो इस बारे में मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे. अवैध वाहनों से लोगों की जान जाए, ये किसी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा.
मंत्री रमेश मीणा बने हमदर्द
मंत्री रमेश मीणा ने सड़क हादसे में मृत 3 लोगों के परिजनों को स्वयं की ओर से भी 11 हजार रुपये नगद आर्थिक सहायता प्रदान की है. आडाडूंगर गांव में मृतक महिला की पुत्री की 29 जून की शादी है और मौत के चलते परिजनों के सामने समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में मंत्री उनके बीच हमदर्द बनकर पहुंचे. मंत्री ने दोनों महिलाओं के परिजनों को 11-11 हजार रुपये की सहायता राशि दी. मंत्री की पहल पर ग्रामीण और अन्य क्षेत्रीय सरपंच भी आगे आए और लाखों रुपये की सहायता परिजनों को प्रदान की गई. नयावास गांव में मृत युवक के परिजनों को भी मंत्री ने 11 हजार रुपये और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी नगद सहायता राशि प्रदान की.