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करौली सरपंच की दबंगई, ग्राम पंचायत की जमीन पर किया कब्जा

करौली में एक सरपंच ने अवैध तरीके से ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्जा कर लिया है. इस पर गांव के लोगों ने आपत्ति जताई और जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपा है.

सरपंच का विरोध करते ग्रामवासी
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Published : Mar 27, 2019, 6:49 PM IST

करौली. ग्राम पंचायत राजाखेड़ा नादौती की खातेदारी की भूमि पर सरपंच की ओर सेकब्जा किए जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. गांव के लोगों ने सरपंच और एसडीएम पर ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्जा करने और मिलीभगत का आरोप लगाया है. इसके विरोध में ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया. ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़ियासे अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि की उच्चस्तरीय जांच कर जांच में पाए जाने वाले दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए नामांतरण को रोकने की मांग भी की है.

ग्रामीणों ने बताया किकुल 7 रकबा3.85 हेक्टेयर भूमि ग्राम पंचायत की खातेदारी की भूमि है. जिस पर ग्राम पंचायत सरपंच रकम भाई और उसके परिवार वालों ने कब्जा कर फसल काश्त कर रखी है.सरपंच ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उपखंड अधिकारी सहित तहसीलदार, विकास अधिकारी से मिलीभगत कर ग्राम पंचायत की भूमि पर तहसीलदार ने धारा 177 आरटीए की कार्रवाई की. जिसका मुकदमा एसडीएम के पास है. एसडीएम ने भी 10 दिनों के अंदर मुकदमे पर कार्रवाई करते हुए फैसला कर दिया.

जिससे ग्राम पंचायत की भूमि को सिवायचक भूमि घोषित कर दिया जो कि न्याय उचित नहीं है. जिसमें एसडीएम तहसीलदार और सरपंच की मिलीभगत साफ नजर आ रही है जो की कानून के खिलाफ है. सरपंच के परिवार के कुछ लोग राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी हैं जिन्होंने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर घोटाला किया है. जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. वही मामले में जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने बताया की ग्रामीणों ने शिकायत की है मामले की जांच कराई जाएगी.

करौली. ग्राम पंचायत राजाखेड़ा नादौती की खातेदारी की भूमि पर सरपंच की ओर सेकब्जा किए जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. गांव के लोगों ने सरपंच और एसडीएम पर ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्जा करने और मिलीभगत का आरोप लगाया है. इसके विरोध में ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया. ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़ियासे अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि की उच्चस्तरीय जांच कर जांच में पाए जाने वाले दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए नामांतरण को रोकने की मांग भी की है.

ग्रामीणों ने बताया किकुल 7 रकबा3.85 हेक्टेयर भूमि ग्राम पंचायत की खातेदारी की भूमि है. जिस पर ग्राम पंचायत सरपंच रकम भाई और उसके परिवार वालों ने कब्जा कर फसल काश्त कर रखी है.सरपंच ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उपखंड अधिकारी सहित तहसीलदार, विकास अधिकारी से मिलीभगत कर ग्राम पंचायत की भूमि पर तहसीलदार ने धारा 177 आरटीए की कार्रवाई की. जिसका मुकदमा एसडीएम के पास है. एसडीएम ने भी 10 दिनों के अंदर मुकदमे पर कार्रवाई करते हुए फैसला कर दिया.

जिससे ग्राम पंचायत की भूमि को सिवायचक भूमि घोषित कर दिया जो कि न्याय उचित नहीं है. जिसमें एसडीएम तहसीलदार और सरपंच की मिलीभगत साफ नजर आ रही है जो की कानून के खिलाफ है. सरपंच के परिवार के कुछ लोग राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी हैं जिन्होंने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर घोटाला किया है. जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. वही मामले में जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने बताया की ग्रामीणों ने शिकायत की है मामले की जांच कराई जाएगी.

Intro:करौली संरपच की दंबगई


Body:सरपंच की राठौड़ी ग्राम पंचायत की जमीन पर किया कब्जा, ग्रामीणों ने एसडीएम एव सरपंच पर लगाए मिलीभगत के आरोप, करौली। करौली जिले के ग्राम पंचायत राजाखेड़ा नादौती की खातेदारी की भूमि पर सरपंच द्वारा एसडीएम से मिलीभगत कर अवैध कब्जे को रोकने को लेकर ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ विरोध जताते हुए जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपा. ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाडियां से अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि की उच्चस्तरीय जांच कर जांच में पाए जाने वाले दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए नामांतरण को रोकने की मांग भी की है.. ग्रामीणों ने बताया की कुल 7 रकवा 3.85 हेक्टेयर भूमि ग्राम पंचायत की खातेदारी की भूमि है । जिस पर ग्राम पंचायत सरपंच रकम भाई व उसके परिवार वालों ने कब्जा कर फसल काश्त कर रखी है । ग्राम पंचायत के सरपंच ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उपखंड अधिकारी सहित तहसीलदार,विकास अधिकारी से मिलीभगत कर ग्राम पंचायत की भूमि पर तहसीलदार ने धारा 177 आर टी ए की कार्रवाई की । जिसका मुकदमा एसडीएम के पास है । एसडीएम द्वारा तुरंत फुरत में 10 दिनों के अंदर मुकदमे पर कार्रवाई करते हुए फैसला कर दिया । जिससे ग्राम पंचायत की भूमि को सिवायचक भूमी घोषित कर दिया गया है । जो न्याय उचित नहीं है जिसमे एसडीएम तहसीलदार व सरपंच की मिलीभगत सीधी सीधी नजर आ रही है. जो कानून के खिलाफ है इस प्रकार के फैसले भ्रष्टाचार को जन्म दे रहे हैं जो कि सरकार की इमानदारी पर प्रश्न चिन्ह है. सरपंच के परिवार के कुछ लोग राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी हैं जिन्होंने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर घोटाला किया है जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. वही मामले में जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने बताया की ग्रामीणों ने शिकायत की है । मामले की जांच कराई जायेगी जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी ..


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