करौली. जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार मानसून सक्रिय होने जा रहा है. अच्छी वर्षा होने की संभावना को देखते हुए सभी जिला और ब्लाक स्तरीय अधिकारी मानसून पूर्व तैयारियों का प्लान तैयार कर लें.
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जिला कलक्टर ने गुरूवार को डीओआईटी में वीसी के जरिए बैठक की. उन्होंने बैठक में सिंचाई, नगर परिषद, पंचायती राज, राजस्व, चिकित्सा, शिक्षा, बिजली, सानिवि, पुलिस, रसद, सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को विभागीय कार्ययोजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये.
⦁ जिला व ब्लॉक स्तर पर वर्षा से पूर्व नाले-नालियों की सफाई करवाने, जलभराव की जगहों को दुरस्त करवाने, मडपंपों को ठीक करवाने, प्रतिदिन होने वाली वर्षा की सूचना देने, वर्षा से होने वाली जन और पशु हानि की सूचना देने, इसके अलावा अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कार्मिकों को निर्देश प्रदान कर स्पष्ट रूप से आगाह कर दें कि आने वाले मानसून के समय बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ें. अपना मोबाइल हमेशा चालू रखें.
⦁ सभी अधिकारी वर्षा जनित खतरों को देखते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आवश्यक इंतजाम पूरे कर एक ऐसा प्लान तैयार करें कि अतिवृष्टि और बाढ़ जनित संभावित जनधन और पशुधन को नुकसान से बचाया जा सके.
⦁ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने, मौसम की सूचना और मानसून की गतिविधियां नियमित रूप से उपलब्ध कराने, बाढ़ की संभावना में जिलास्तरीय आपदा नियंत्रण मे सूचनाएं देने, रक्षा पेटियों, रस्सों, मसालों, टॉर्चों की व्यवस्था करने, उचित मूल्य की दुकानों पर गेहूं, केरोसिन, अन्य खाद्य सामग्री के भंडारण-वितरण की व्यवस्था.
⦁ बाढ़ की स्थिति में स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से पीड़ित व्यक्तियों तक खाद्य सामग्री पहुंचाने के निर्देश भी दिए. जनधन के सुरक्षात्मक उपाय के लिए उचित प्रबंध करें.
⦁ जिला कलेक्टर ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में अतिवृष्टि या अन्य कारणों से जलभराव और बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए जनधन के सुरक्षात्मक उपाय हेतु उचित प्रबंध किए जाएं. उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग और सिंचित क्षेत्र के सभी अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार में समस्त सिंचाई परिसंपत्तियों को वर्षा ऋतु प्रारंभ होने से पूर्व दुरुस्त कर लें.
⦁ उन्होंने समस्त बांधो और नहरों को वर्षा से संभावित नुकसान को बचाने और मरम्मत कार्य पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि निर्माणाधीन बांधों के कार्यों को भी यथासंभव पूर्ण करें ताकि वर्षा के दौरान होने वाले हादसों को टाला जा सके.
⦁ बांधों, तालाबों और नहरों के आसपास गश्ती दल लगाने, डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों, पिकनिक स्पॉट को भी चिन्हित करने, डूब क्षेत्र के गांवों को खाली कराकर उनको सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके.
⦁ सभी बांधों में पर्याप्त नावों की व्यवस्था करने, डूब क्षेत्र से पानी को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त पंप सेटों की व्यवस्था करने, नालों की सफाई कराने, बाढ़ क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण को चिन्हित कर हटाने के निर्देश भी दिए.
⦁ जलदाय, नगर परिषद एवं पंचायत समितियों में पेयजल लाइनों को दुरूस्त कराने, जल जनित बीमारियों के उपाय में डॉक्टर्स की टीम का गठन करने, आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें.
⦁ फिटनेस लाइसेंस वाली नावों और गोताखोरों की सूची तैयार करने के दिए निर्देश
जिला कलेक्टर ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को तूफान और अंधड़ में टूटने और झूलने वाले तारों के हाई रिस्क पॉइंट कवर करने और अवैध कनेक्शनों को हटाने, निचले ट्रांसफार्मरों को ऊंचा करने, ट्रांसफार्मरों के आसपास जाली लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि वर्षा के समय जन एवं पशु हानि नहीं हो. यह पूर्व में ही सुनिश्चित किया जाए.
जिले एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी गड्ढे खुले नहीं होने चाहिए. पीडब्लूडी एवं नगर परिषद के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए कि वे जिले में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में जो भवन हैं और वर्षा में ढहने की स्थिति में हैं, उनके मालिकों को नोटिस जारी किया जाए ताकि जन हानि नहीं हो.
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर सुदर्शन सिंह तोमर ने अब तक की गई तैयारियों और आगे की तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी और कार्मिक मौजूद रहे.