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करौली : ब्लैक फंगस बीमारी का खौफ...CMHO ने आमजन के लिए जारी की एडवाइजरी - Karauli CMHO Black Fungus

करौली जिले में ब्लैक फंगस का खौफ देखा जा रहा है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आमजन के लिए एडवाइजरी जारी कर सजग और सावधान रहकर ब्लैक फंगस की रोकथाम करने की अपील की है.

Karauli CMHO Black Fungus
करौली सीएमएचओ ब्लैक फंगस
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Published : May 21, 2021, 9:29 PM IST

करौली. जिले में कोविड-19 को नियंत्रित करते-करते ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) की जकड़न ने आमजन को झकझोर कर दिया है. हालांकि सजगता और सावधानियां रखकर ब्लैक फंगस की रोकथाम संभव है. इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आमजन के लिए एडवाइजरी जारी कर बीमारी से बचाव की अपील की है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ दिनेशचंद मीना ने बताया कि ब्लैक फंगस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है. जो तेजी से नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलता है. जैसा कि हाल ही के समय में म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसके शुरुआती लक्षण नाक के एक तरफ सूजन, नाक से बदबू आना, नाक का बार बार सूखा हो जाना, सिर दर्द, साइनस की दिक्कत होती है. इसके बढ़ने पर नाक के ऊपरी हिस्से पर काले घाव, इंफेक्शन वाली जगह काली पड़ जाना, कुछ मरीजों को आंखों में दर्द, धुंधला दिखाई देना आँख में सूजन होती है.

पढ़ें- जानिए कैसे खुद को ब्लैक फंगस के शिकार से बचाएं

इनको है ज्यादा खतरा

डाॅ मीना ने बताया कि कोविड-19 रोगी, अनियंत्रित डायबिटिज, कोविड-19 के इलाज मे स्टेराॅयड का अत्यधिक उपयोग एवं कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली स्थिति जैसे एड्स, कैंसर, किडनी या लिवर ट्रांस्प्लांट होने वाले रोगियों की ब्लैक फंगस का अधिक खतरा बना रहता है.

बचाव के अपनाएं ये तरीके

डाॅ मीना ने बताया कि ब्लड शुगर को कंट्रोल रखकर, मास्क का उपयोग, कोविड-19 के इलाज में स्टेराॅयड का चिकित्सकीय परामर्श अनुसार उचित उपयोग, ऑक्सीजन ह्यूमिडिफायर में साफ पानी का उपयोग किया जाए तो इससे बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि जो कोरोना संक्रमित ओरल ट्रीटमेंट या घर पे बिना किसी ऑक्सिजन सपोर्ट के ठीक हुए हैं उन्हें इसकी सम्भावना बहुत कम है. लक्षणों के पाये जाने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सा संस्थान में संपर्क करने की सलाह दी गई है.

करौली. जिले में कोविड-19 को नियंत्रित करते-करते ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) की जकड़न ने आमजन को झकझोर कर दिया है. हालांकि सजगता और सावधानियां रखकर ब्लैक फंगस की रोकथाम संभव है. इसके लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आमजन के लिए एडवाइजरी जारी कर बीमारी से बचाव की अपील की है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ दिनेशचंद मीना ने बताया कि ब्लैक फंगस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है. जो तेजी से नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलता है. जैसा कि हाल ही के समय में म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसके शुरुआती लक्षण नाक के एक तरफ सूजन, नाक से बदबू आना, नाक का बार बार सूखा हो जाना, सिर दर्द, साइनस की दिक्कत होती है. इसके बढ़ने पर नाक के ऊपरी हिस्से पर काले घाव, इंफेक्शन वाली जगह काली पड़ जाना, कुछ मरीजों को आंखों में दर्द, धुंधला दिखाई देना आँख में सूजन होती है.

पढ़ें- जानिए कैसे खुद को ब्लैक फंगस के शिकार से बचाएं

इनको है ज्यादा खतरा

डाॅ मीना ने बताया कि कोविड-19 रोगी, अनियंत्रित डायबिटिज, कोविड-19 के इलाज मे स्टेराॅयड का अत्यधिक उपयोग एवं कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली स्थिति जैसे एड्स, कैंसर, किडनी या लिवर ट्रांस्प्लांट होने वाले रोगियों की ब्लैक फंगस का अधिक खतरा बना रहता है.

बचाव के अपनाएं ये तरीके

डाॅ मीना ने बताया कि ब्लड शुगर को कंट्रोल रखकर, मास्क का उपयोग, कोविड-19 के इलाज में स्टेराॅयड का चिकित्सकीय परामर्श अनुसार उचित उपयोग, ऑक्सीजन ह्यूमिडिफायर में साफ पानी का उपयोग किया जाए तो इससे बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि जो कोरोना संक्रमित ओरल ट्रीटमेंट या घर पे बिना किसी ऑक्सिजन सपोर्ट के ठीक हुए हैं उन्हें इसकी सम्भावना बहुत कम है. लक्षणों के पाये जाने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सा संस्थान में संपर्क करने की सलाह दी गई है.

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