करौली. करौली जिले के टोडाभीम कस्बे के नए बस स्टैंड पर स्थित आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में दसवीं बोर्ड की परीक्षा चल रही थी. अंतिम दिन शनिवार को संस्कृत विषय की परीक्षा हो रही थी. परीक्षा के दौरान परीक्षक द्वारा एक डमी छात्र को परीक्षा देते हुए पकड़ा गया. उक्त मामले को लेकर केंद्र अधीक्षक जगराम मीणा निवासी अजीजपुर के द्वारा पुलिस थाने में आरोपी छात्र के विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु मामला दर्ज करवाया गया है.
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आदर्श विद्या मंदिर में चल रही थी परीक्षाः थानाधिकारी बृजेश कुमार मीणा ने बताया कि केंद्र अधीक्षक जगराम मीणा की रिपोर्ट के अनुसार कस्बे के आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय में बोर्ड परीक्षाओं का सेंटर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा रखा गया था. जिसमें उन्हें केंद्र अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है. उक्त परीक्षा सेंटर पर शनिवार को प्रथम पारी में कक्षा दसवीं की संस्कृत विषय की परीक्षा थी. परीक्षा के दौरान केंद्र के कमरा नंबर 2 में ड्यूटी कर रहे मनोज कुमार के द्वारा अवगत कराया गया कि रोल नंबर 2097653 का परीक्षार्थी संदिग्ध लग रहा है. उक्त सूचना पर जांच दल के सदस्य रामधारी मीणा-वरिष्ठ अध्यापक, रेखा-द्वितीय श्रेणी अध्यापिका, मनोज कुमार-उपप्रधानाचार्य एवं अनीस अहमद अध्यापक को साथ लेकर कमरा नंबर 2 में गए. जहां परीक्षक के बताए अनुसार उक्त संदिग्ध परीक्षार्थी की जांच की गई.
बड़ा भाई दे रहा था परीक्षाः पूछताछ के दौरान परीक्षार्थी द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया और परीक्षार्थी दाएं-बाएं झांकने लगा. तसल्ली देकर उसका नाम पता पूछा तो उसने अपना असली नाम कुछ और बताया. उसने स्वीकार किया कि वह अपने छोटे भाई के स्थान पर परीक्षा देने के लिए आया था. इस तरह डमी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा देना राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत दंडनीय माना गया. इसके बाद डमी परीक्षार्थी के कब्जे से छोटे भाई का प्रवेश पत्र और आधार कार्ड ले लिया गया. इसके बाद जांच दल द्वारा रिपोर्ट तैयार की गई. डमी परीक्षार्थी के कब्जे से उत्तर पुस्तिका भी कब्जे में ली गई और उसे विद्यालय में ही एक कक्ष में बैठाया गया. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.