करौली. उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेलों में शुमार कैलादेवी आस्थाधाम का 20 मार्च से शुरू होने जा रहा, लेकिन कोराना वायरस के कारण कैलादेवी लख्खी मेले को रद्द किया गया है. बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद और कोरोना के मरीज मिलने के बाद 20 मार्च से शुरू होने जा रहे प्रसिद्ध कैलादेवी लख्खी मेले को रद्द किया गया है. इस मेले में उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों से लाखों यात्रियों आते हैं.
इनमें अधिकांश यात्री आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, कासगंज, हाथरस, अलीगढ़, भरतपुर ग्वालियर मुरैना शहर से आते हैं. मेले के लिए यात्रियों की आवक भी शुरू हो चुकी है. 15 दिन तक आयोजित होने वाले इस मेले के लिए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, ग्राम पंचायत, कैलादेवी ट्रस्ट की ओर से एक साथ लाखों यात्रियों के ठहराव, दर्शन आवागमन साधनों की व्यवस्था की जाती हैं.
अमावस्या प्रतिपदा अष्टमी नवमी और पूर्णिमा पर इस मेले में लाखों की संख्या मे भीड़ रहती है. ऐसे में कोरोना वायरस की दहशत के चलते इस बार प्रशासन के भी पसीना आने लगा है. इस भीड़ में कहीं कोरोना का वायरस इस क्षेत्र में ना आ जाए. मेले की व्यवस्था से अधिक प्रशासन का ध्यान इस बार कोरोना वायरस को रोकने की ओर है.
कोरोना वायरस को लेकर श्रीमहावीरजी मन्दिर के कार्यक्रम भी रद्द
कोरोना वायरस की दहशत के बीच 3 अप्रैल से 9 अप्रैल तक आयोजित होने वाले देश के प्रसिद्ध श्रीमहावीरजी मन्दिर के वार्षिक मेले के अवसर पर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यकमो को रद्द कर दिया गया है. यह निर्णय मंदिर कमेटी ने एक आपातकालीन बैठक बुलाकर जनहित में लिया है.
मंदिर कमेटी के मैनेजर नेमीकुमार पाटनी ने बताया कि विश्व में कोरोना वायरस प्रकोप के चलते हजारों लोगों की मौत हो गई है और बड़ी संख्या में लोग इस महामारी से ग्रसित है. जिसके चलते मंदिर कमेटी की आपातकालीन बैठक बुलाकर ने भगवान महावीर के वार्षिक मेले पर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन रद्द कर किए गए हैं.
वही भगवान महावीर के मेले में परम्परागत कार्यक्रम, भगवान जिनेन्द्र की रथयात्रा, नाजिम की सवारी और महावीर जयन्ती के कार्यकम केवल रस्म अदायगी के लिए होंगे. यह निर्णय मंदिर कमेटी ने 3 अप्रेल से 9 अप्रेल तक आयोजित होने वाले भगवान महावीर के लक्खी मेले पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और कोरोना के बचाव के मद्देनजर जनहित और प्रशासन के साथ सामजस्य बैठाकर सर्वसम्मति से निर्णय लिया है.
वहीं मंदिर कमेटी के जनसंपर्क अधिकारी पंडित मुकेश शास्त्री ने बताया कि 6 अप्रैल को महावीर जयंती पर औपचारिक कार्यक्रम होंगे, जबकि 7 अप्रैल को आयोजित होने वाला कवि सम्मेलन को निरस्त कर दिया गया है. 8 अप्रैल को रथ यात्रा भी परंपरा निर्वहन के लिए औपचारिक रूप से निकाली जाएगी. मेला आमंत्रण के लिए छपाए गए निमंत्रण पत्र भी किसी को नहीं भिजवाए जा रहे हैं.
बता दें कि मेले में की व्यवस्थाओं को लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक का आयोजन भी हुआ था, जिसमें जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव ने मंदिर टेस्ट के प्रतिनिधियों से मेले पर कोरोना वायरस से बचाव को लेकर चर्चा भी हुई. जिसमें टेस्ट के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर से शाम तक निर्णय लेने का समय मांगा था.
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वहीं नागरिक उपभोक्ता मामलात मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस को लेकर सजग है. कैलादेवी मेले को लेकर सीएमओ उच्चाधिकारियों सहित कलेक्टर से भी वार्ता की है. शाम तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना वायरस को लेकर बैठक भी लेंगे. जिसमें सरकार का प्रयास रहेगा कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर रोक लगाई जाए. कैलादेवी मेले पर भी रोक लगाने का प्रयास रहेगा. जिससे कोरोना वायरस फैलने से रोका जा सके.