जयपुर: प्रदेश की भजनलाल सरकार में सरपंचों के कार्यकाल को लेकर बड़ा फैसला लिया है. एमपी मॉडल के तहत सरपंचों का कार्यकाल बढ़ेगा. जिसको लेकर सरकार ने आदेश जारी किए है. अब 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' का मार्ग प्रशस्त हुआ है. सरपंचों को दिए गए अधिकार और कार्यकाल के तोहफे पर प्रदेश भर के सरपंचों में खुशी की लहर छा गई है. इसके लिए सभी सरपंचों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर, ग्रामीण विकास मंत्री करोड़ी लाल मीणा सहित सभी मंत्रियों और विधायकों का धन्यवाद किया है.
सरपंच संघ ने जताई खुशी: सरपंच संघ राजस्थान के मुख्य प्रवक्ता रफीक पठान ने बताया कि सरपंचों के कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल के नेतृत्व में लंबा संघर्ष किया गया. इसके तहत मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री गणों से समय-समय पर मुलाकात करके इस मांग को प्रमुखता से रखते हुए सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने की बात रखी गई थी. इसके तहत पंचायत समिति, जिला व प्रदेश स्तर पर समय-समय पर ज्ञापन दिए गए. इतना ही नहीं धरना-प्रदर्शन कर सरकार से मांग मनवाने के लिए लंबा संघर्ष किया गया था. उसी के परिणामस्वरूप प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सरपंच संघ के पदाधिकारियों के साथ कई बार मुलाकात की और उन मुलाकातों में सकारात्मक रिजल्ट के संकेत दिए थे.
गत बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल के नेतृत्व में 21 सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की थी और शीघ्र आदेश निकालने का आग्रह किया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कार्यकाल को लेकर फाइल का अनुमोदन किया और पंचायत राज विभाग ने उसके आदेश जारी करते हुए सरपंचों को बहुत बड़ा तोहफा दिया.
सरकार ने लिया ये निर्णय: दरअसल, ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग ने सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करने और प्रशासनिक समिति बनाने के नोटिफिकेशन जारी कर दिए हैं. इस आदेश के बाद 6759 ग्राम पंचायतों में जनवरी में चुनाव कराने की जगह सरकार ने मौजूदा सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्त करने का फैसला किया है. सरपंचों की सहायता के लिए हर ग्राम पंचायत लेवल पर एक प्रशासकीय कमेटी भी बनेगी. इसमें उप सरपंच और वार्ड पंच मेंबर होंगे. भजनलाल सरकार ने मध्य प्रदेश मॉडल पर यह फैसला किया है. पहले मध्य प्रदेश सहित कई भाजपा शासित राज्य भी इसी तरह सरपंचों को प्रशासक बना चुके हैं. प्रदेश की सभी पंचायती राज संस्थाओं के एक साथ चुनाव करवाने के लिए इसे काफी अहम माना जा रहा है.
सरपंच समिति से सलाह लेकर काम करेंगे:
- जिन पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया है, उनमें सरपंच प्रशासक का काम करेंगे, लेकिन उन्हें प्रशासनिक समिति से राय लेनी होगी.
- कलेक्टर हर ग्राम पंचायत में प्रशासक लगाने और प्रशासनिक समिति बनाने का काम करेंगे.
- पंचायती राज विभाग की अधिसूचना के अनुसार सभी जिलों के कलेक्टर जिन ग्राम पंचायत का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उसमें प्रशासक लगाने और प्रशासनिक समिति बनाने का काम करेंगे.