जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के निजी आवास के बाहर प्रदर्शन और भीड़ को उग्र करने के मामले में नरेश मीणा के खिलाफ बारां जिले में दर्ज एफआईआर से जुड़ी केस डायरी 20 जनवरी को अदालत में पेश करने को कहा है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश नरेश मीणा की अग्रिम जमानत याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि घटना को लेकर किसी भी व्यक्ति के कोई चोट नहीं आई है. पुलिस ने सिर्फ अंदेशा होने के आधार पर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है. वहीं, पूर्व में प्रकरण में आरोपी बनाए गए अन्य लोगों को जमानत मिल चुकी है. याचिका में कहा गया कि उसके खिलाफ राजनीतिक द्वेषता से कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में उसे अंदेशा है कि इस एफआईआर में उसे गिरफ्तार किया जाएगा. ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए.
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वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में मनोज शर्मा को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है. ऐसे में वे राज्य सरकार का पक्ष रखेंगे. इस पर अदालत ने मामले की केस डायरी तलब करते हुए मामले की सुनवाई 20 जनवरी को तय की है. याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि सितंबर, 2023 में नरेश मीणा ने अन्य लोगों के साथ तत्कालीन मंत्री प्रमोद जैन भाया के आवास के बाहर धरना दिया था. वहीं, बाद में बारां के स्थानीय थाना पुलिस ने घटना को लेकर मामला दर्ज किया था. नरेश मीणा पर आरोप लगाया गया कि उसने भीड़ को उकसाकर तत्कालीन मंत्री के घर का घेराव किया, जिससे मंत्री और उनके परिजनों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ.