कोटा: पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जोधपुर निवासी चार लोगों को साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है. यह चारों अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग हैं और चीन में बैठे हुए साइबर ठगों के साथ मिलकर भारत के लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे. इसके बाद उनका पैसा यूएसडीटी और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांसफर करते थे और उसे वापस चीन में साइबर ठगों को भेज देते थे.
क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांसफर करने और चीन भेजने के संबंध में ये लोग स्थानीय नागरिकों के खाते का उपयोग करते थे और उनके अकाउंट का ही मदद लेते थे, जिसकी एवज में इन्हें 10 से 20 फीसदी तक कमीशन मिलता था. इस मामले में जोधपुर निवासी अक्षय कुमार नाई, रामदीन जाट, भोम सिंह राजपूत और राकेश जाट को गिरफ्तार किया है. कोटा सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक व्यक्ति के मोबाइल में करीब 50 करोड़ का चीन में ट्रांजैक्शन होना सामने आया है. यह पूरा पैसा साइबर ठगी का है, जिसे भारतीयों से ठगा गया है. साथ ही अभी इनसे लगातार पूछताछ की जा रही है.
इनके द्वारा ऑपरेट किए जा रहे खातों के खिलाफ देश में कई जगह पर पोर्टल पर शिकायत दर्ज है. डॉ. दुहन ने बताया कि कोटा के एक व्यक्ति से हुई ठगी के मामले में जोधपुर से इन लोगों को पूछताछ के लिए लेकर आए थे. जब उनके फोन के डाटा को चेक किया तो उसमें साइबर अपराध से जुड़ा हुआ काफी डाटा मिला है, जिसमें चीन से संबंध की बात भी सामने आई. मामले को गंभीरता से लेकर विश्लेषण किया तो संगठित गिरोह के रूप में चार लोग सामने आए हैं. ये बड़े स्तर पर साइबर फ्रॉड में चल रहे थे.
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चीन से हो रहा था साइबर फ्रॉड, क्रिप्टो में ट्रांसफर कर पैसे को ले जा रहे थे चीन : कोटा सिटी एसपी दुहन ने बताया कि साइबर फ्रॉड भारत में हुआ और चीन से साइबर फ्रॉड ऑपरेट होता है. ये लोग भारतीय नागरिकों के बैंक खातों को किराए पर लेकर चीनी नेशनल्स को देते थे. इसमें सिम, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, आईडी समेत सब चीज होती थी. वे लोग इन अकाउंट्स में ठगी का पैसा डालते थे. इसके बाद उन खातों से पैसा क्रिप्टो में बदल कर ट्रांसफर कर लेते थे. यह चीन भेज दिया जाता था. यह बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गिरोह काम कर रहा था और भारत का पैसा साइबर फ्रॉड के जरिए चीन जा रहा था. इस संबंध में स्वतः संज्ञान लेते हुए साइबर थाना अधिकारी सतीश चंद्र चौधरी ने मुकदमा दर्ज कराया है. मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर का है, इसलिए इस मामले में साइबर फ्रॉड के साथ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में कार्रवाई की जा रही है.
लाखों रुपये में किराए पर लेटे थे खाता, अकाउंट होल्डर पर भी होगा एक्शन : अमृता दुहन ने बताया कि ठग गैंग के सदस्य लोगों को झांसा में लेने के बाद उनका नया अकाउंट खोलते थे और उसका पूरा किट अपने कब्जे में ले लेते थे. इसके लिए हजारों रुपये उन्हें किराया देते थे. कई मामलों में तो दो से तीन लाख रुपये तक भी इन्होंने किराया दिया है. अकाउंट को ऑपरेट करने का काम उनके पास ही रहता था, साथ ही जिन चीन से जुड़े हुए साइबर ठगों को भी इन अकाउंट्स को संचालित करने के लिए दे देते थे. एसपी का कहना है कि अगर कोई भी अपना खाता खुलवा कर किसी और को देता है तो वह इस साइबर फ्रॉड का हिस्सा है. ऐसे लोगों के खिलाप भी कार्रवाई की जाएगी.