हिंडौन सिटी (करौली). राजस्थान के चिकित्सा विभाग की खामियों की एक बदसूरत तस्वीर सामने आई है. बुधवार रात को एक पति अपनी पत्नी का शव एंबुलेंस नहीं मिलने पर ठेला गाड़ी पर रखकर ले जाता हुआ दिखाई दिया. जिसके बाद से स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे सरकार के धरे के धरे रह गए.
क्या है पूरा मामला...
फतेहपुर सीकरी का रहने वाला बबलू हिंण्डौन के सुखदेवपुरा में किराए के मकान में रहता है. बबलू पेशे से दर्जी है. बुधवार को उसकी पत्नी सरोज (34) की अचानक से तबीयत खराब हो गई. उसे उल्टी आने लगी तो बबलू ठेला गाड़ी से ही पत्नी को हिंडौन अस्पताल लाया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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बबलू को जब अपनी मृत पत्नी के शव को घर लाने के लिए अस्पताल की तरफ से वाहन नहीं मिला तो वह ठेले पर ही शव रखकर घर लाया. अस्पताल से बाहर जब बबलू अपनी गोदी में पत्नी का शव लेकर आया तो उसके छोटे-छोटे बच्चे शव से लिपट कर रोने लग गए. किसी तरह से बच्चों को चुप कराकर बबलू अपनी पत्नी का शव ठेले पर रखकर घर लेकर आया.
अस्पताल प्रशासन का क्या कहना है...
डॉक्टरों ने बताया कि एंबुलेंस मरीज के लिए होती है. मृतक के लिए शव वाहन होता है जो हिंडौन अस्पताल में नहीं है. इसके लिए अधिकारियों को पत्र लिखा गया है.