करौली. शहर सहित जिलेभर में लॉकडाउन के चलते शिव पार्वती के प्रतीक गणगौर का पर्व सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया. महिलाओं ने हर्षोल्लास के साथ गणगौर पूजन किया. साथ ही सोलह सिंगार कर ईसर और गणगौर का पूजन किया. इस अवसर पर महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए उपवास भी रखा.
शहर में गणगौर पर्व के अवसर पर महिलाएं सजी-धजी दिखी और कोरोना वायरस की प्रकोप के चलते एक जगह एकत्रित होकर डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए गणगौर ईसर का पूजन किया. मान्यता है कि गणगौर ईसर को भगवान शिव और पार्वती का रूप माना जाता है. इसलिए गणगौर के दिन इस पूजा का विशेष महत्व बताया गया है.
पढ़ेंः लॉक डाउन: जयपुर में दुकानों और मंडियों में अभी भी जनता की भीड़ उमड़ रही
महिलाओं ने गणगौर के अवसर पर मंगल गीत गाए और विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार कर पूजा अर्चना किया. इस दौरान महिलाओं ने पूजा करके अपने अमर सुहाग की कामना की. नवविवाहित युवतियों ने अपने सुआग के लिए व्रत रख दीर्घायु की कामना की. गणगौर के मौके पर घरों में गुना बनाए गए और गुना का ही गणगौर को प्रसाद लगाया गया. वहीं नवविवाहित युवतियों ने संज धजकर गणगौर माता की पूजा-अर्चना कर घरों में विशेष पकवान बनाए गए.
बता दें कि गणगौर का त्योहार प्राचीन काल से ही मनाया जाता है. जिसमें शिव पार्वती भगवान के प्रतीक मिट्टी की गणगौर बनाई जाती हैं और उसकी महिलाएं पूजा करती हैं. गणगौर की पूजा होली के दूसरे दिन से ही चालू हो जाती है. जिसका क्रम 16 दिन तक चलता रहता है. लेकिन इस बार कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते सादगी पूर्ण ही गणगौर का पूजन किया गया.
पढ़ेंः CORONA EFFECT: लॉक डाउन के चलते गरीब तबकों का बुरा हाल...
महिलाओं ने अपने ही घर परिवार की महिलाओं के साथ गणगौर पूजन किया और सोशल डिस्टेंस का अबकी बार विशेष ध्यान रखा गया. जबकि पहले आसपास के मोहल्ले की सभी महिलाएं गणगौर का पूजन सामूहिक रूप से किया करती थी.परन्तु इस बार कोरोना वायरस की भयभीता के चलते सोशल डिस्टेंस रखा जा रहा है.