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करौली में किसान महापंचायत का आयोजन, कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन - farmers mahapanchayat in rajasthan

करौली में सोमवार को किसान आंदोलन के समर्थन में विशाल किसान महापंचायत का आयोजन हुआ. महापंचायत के बाद किसान उपखंड कार्यालय पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.

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करौली में किसान महापंचायत का आयोजन
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Published : Feb 9, 2021, 3:14 PM IST

करौली. खेडला ग्राम पंचायत में सोमवार को किसान महापंचायत का आयोजन हुआ. महापंचायत में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग की गई और किसान आंदोलन को समर्थन देने की बात कही गई. महापंचायत के बाद किसानों ने सपोटरा उपखंड कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.

पढ़ें: सचिन पायलट की किसान महापंचायत में शामिल होने जा रहे लोगों से भरी जीप पलटी, 6 से अधिक लोग घायल

किसान महापंचायत में किसानों ने कृषि कानूनों को जमकर विरोध किया. किसानों ने कहा कि अब समय आ गया है किसान भाइयों को जागना होगा और देश में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली की सड़कों पर पहुंच कर आंदोलन कर रहे किसान भाइयों के कंधे से कंधा मिलाकर साथ देना होगा. किसानों ने कहा कि नए कृषि कानून लागू होने से देश के किसान बेरोजगार हो जाएंगे. उनको खून पसीने से तैयार की गई फसल का उचित मूल्य नहीं मिलेगा और चारों तरफ भूखमरी फैलेगी. ऐसी स्थिति में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे.

किसानों ने कहा कि यह कानून पूंजीपतियों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया है. कृषि उत्पादन पर पूंजीपतियों का अधिकार हो जाएगा, जिससे कालाबाजारी बढ़ेगी. किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार को शीघ्र तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक समर्थन मूल्य को कानूनी मान्यता प्रदान करनी चाहिए.

करौली कलेक्ट्रेट परिसर में सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान प्रदेश ग्राम साथिन कर्मचारी संघ के तत्वावधान में साथिनों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर कलेक्ट्रेट का घेराव किया. मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और विभिन्न मांगों को पूरा करने की मांग की.

करौली. खेडला ग्राम पंचायत में सोमवार को किसान महापंचायत का आयोजन हुआ. महापंचायत में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग की गई और किसान आंदोलन को समर्थन देने की बात कही गई. महापंचायत के बाद किसानों ने सपोटरा उपखंड कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.

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किसान महापंचायत में किसानों ने कृषि कानूनों को जमकर विरोध किया. किसानों ने कहा कि अब समय आ गया है किसान भाइयों को जागना होगा और देश में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली की सड़कों पर पहुंच कर आंदोलन कर रहे किसान भाइयों के कंधे से कंधा मिलाकर साथ देना होगा. किसानों ने कहा कि नए कृषि कानून लागू होने से देश के किसान बेरोजगार हो जाएंगे. उनको खून पसीने से तैयार की गई फसल का उचित मूल्य नहीं मिलेगा और चारों तरफ भूखमरी फैलेगी. ऐसी स्थिति में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे.

किसानों ने कहा कि यह कानून पूंजीपतियों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया है. कृषि उत्पादन पर पूंजीपतियों का अधिकार हो जाएगा, जिससे कालाबाजारी बढ़ेगी. किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार को शीघ्र तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक समर्थन मूल्य को कानूनी मान्यता प्रदान करनी चाहिए.

करौली कलेक्ट्रेट परिसर में सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान प्रदेश ग्राम साथिन कर्मचारी संघ के तत्वावधान में साथिनों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर कलेक्ट्रेट का घेराव किया. मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और विभिन्न मांगों को पूरा करने की मांग की.

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