करौली. जिले में हुई बारिश से खेतों में पानी भर जाने से क्षेत्र के अन्नदाताओं को बड़ा नुकसान हुआ है. बारिश से किसानों की तिलहन और बाजरे की फसलें खराब हो गई हैं. पहले ही कर्ज में डूबे किसान फसल खराब होने से ज्यादा परेशान हैं.
बता दें कि जिले के चंबल नदी मे कोटा बैराज से छोडे़ गये पानी की आवक चलते चंबल उफान पर आ गई. जिससे किनारे पर बसे आसपास के गांवों में पानी घुस गया. वहीं टोडाभीम इलाके के गांवों में दस दिनों पहले हुई बारिश से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है. जहां गांव टापू बन जाने के कारण खेतों में पानी भरने से बाजरे की फसल खराब हो गई. वहीं बारिश होने से टोडाभीम इलाके के किसानों की तिहलन की फसलों में रोग लग गया. जिससे खराब हो गई. पहले ही कर्ज में डूबे किसान फसल खराब होने से ज्यादा परेशान हैं.
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वहीं पूर्व जिला प्रमुख शिवदयाल मीना ने बताया की टोडाभीम इलाके के गांवों में फसल खराबे का जायजा लिया गया है. दस दिन पहले बारिश होने से किसानों की 80 फीसदी तक फसल खराब हो गई है. ऐसे में 20 फीसदी सही बची फसल को खराब फसल के बीच से अलग नहीं किया जा सकता है. इसलिए सरकार शत-प्रतिशत फसल खराब मानते हुए किसानों को राहत प्रदान करे. सरकार से मांग की गई है कि फसल खराबे का सर्वे करवाकर किसानों को सहायता राशि दी जाए.
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इसके साथ ही जिला कलेक्टर से मिलकर भी मांग की जायेगी. राजस्थान सरकार के खाद्य और नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता विभाग के मंत्री रमेश मीणा ने भी माना है की किसानों की फसल चौपट हो गई है. गांवों के निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कहा कि किसानों की फसलों का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलवाया जायेगा. वहीं खराब हुई फसलों का सर्वे कराने के लिए प्रशासन को निर्देश दिये गये हैं.