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करौली में ऑक्सीजन की कमी से मरीज की मौत, गुस्साए परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बढ़ते कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रहा है. लेकिन इसके विपरीत करौली जिला अस्पताल में चिकित्सा प्रबंधन की लापरवाही की पूरी पोल गई. अस्पताल में भर्ती मरीज को उपचार के समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने पर मरीज की तड़प-तड़प कर मौत हो गई.

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ऑक्सीजन की कमी से मरीज की मौत
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Published : May 9, 2021, 2:32 AM IST

करौली. कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बढ़ते कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रहा है. लेकिन इसके विपरीत करौली जिला अस्पताल में शनिवार को जिस प्रकार का नजारा देखने को मिला, उसने जिला चिकित्सा प्रबंधन की लापरवाही की पूरी पोल खोल रख दी. अस्पताल में भर्ती मरीज को उपचार के लिए जिस प्राण वायु ऑक्सीजन की बेहद आवश्यकता थी, उसे चिकित्सा कर्मी अधिकारियों की लापरवाही ने मौत की नींद सोने पर मजबूर कर दिया, जिसके कारण भर्ती मरीज बच्चू सिंह प्रजापति की शनिवार को ऑक्सीजन होने के बावजूद भी समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मौत हो गई.

ऑक्सीजन की कमी से मरीज की मौत

वहीं भर्ती मरीज बच्चू सिंह प्रजापति की मौत से गुस्साए परिजनों ने जिला चिकित्सा प्रबंधन की लापरवाही बताते हुए टाल-मटोल रवैया के कारण जिला चिकित्सालय के सिस्टम पर सवाल उठाते हुए हंगामा कर दिया. खुलकर लापरवाही बरतने से मौत होने के आरोप लगाए हैं. घटना की सूचना मिलने पर उपखंड अधिकारी देवेंद्र सिंह परमार मौके पर पहुंचे और परिजनों को शांत करते हुए घटना की जांच की बात कही.

यह भी पढ़ें: बीकानेर के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 3 मरीजों की मौत, प्रशासन ने नकारा

घटना से गुस्साए परिजन और प्रजापत समाज के नेता रामेश्वर प्रजापत ने जिला चिकित्सा प्रबंधन एवं चिकित्सा कर्मी की लापरवाही से मौत होने के आरोप लगाते हुए प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है. परिजनों और प्रजापत समाज के नेता रामेश्वर प्रजापत ने जिला चिकित्सा प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, हमारा मरीज बच्चू सिंह राजकीय चिकित्सालय में भर्ती था और कोरोना संक्रमित होने पर इलाज चल रहा था. हालांकि, शुक्रवार को उसकी कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी थी. लेकिन अचानक से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और ऑक्सीजन लेवल गिरता हुआ चला गया, जिस पर उसे प्राणवायु ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी. जब हमने ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा कर्मी से ऑक्सीजन लगाने की बात की तो चिकित्साकर्मी ने कहा कि आप पीएमओ से बात करो. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होने की बात कहने लगा. जबकि अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध थी, फिर भी अस्पताल प्रबंधन ऑक्सीजन की मना करता रहा.

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इसके बाद उप जिला कलेक्टर से मोबाइल पर बात करते हुए चिकित्सा प्रबंधन द्वारा मरीज को ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करवाने की घटना से अवगत करवाया तो उपखंड अधिकारी ने तुरंत पीएमओ से वार्ता करके मरीज बच्चू सिंह को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने की बात कही. उपखंड अधिकारी से मिले आदेश की पालना करते हुए पीएमओ ने ड्यूटी पर तैनात चिकित्साकर्मी को बच्चू सिंह को ऑक्सीजन लगाने के आदेश दे दिए. लेकिन चिकित्साकर्मी मरीज को ऑक्सीजन नहीं लगा पाया. जब हमने चिकित्साकर्मी से ऑक्सीजन लगाने की बात कही तो चिकित्साकर्मी टाल-मटोल रवैया करता रहा और रेगुलेटर नहीं मिलने का बहाना बनाता रहा, जिसके कारण मरीज बच्चू सिंह की तबीयत बिगड़ती चली गई और समय पर प्राणवायु ऑक्सीजन होने के बावजूद भी चिकित्साकर्मी द्वारा बरती गई लापरवाही से मौत हो गई. परिजनों का कहना है, यदि जिला चिकित्सा प्रबंधन समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवा देता तो शायद बच्चू सिंह प्रजापति की जान बच जाती.

करौली. कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बढ़ते कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन बड़े-बड़े दावे कर रहा है. लेकिन इसके विपरीत करौली जिला अस्पताल में शनिवार को जिस प्रकार का नजारा देखने को मिला, उसने जिला चिकित्सा प्रबंधन की लापरवाही की पूरी पोल खोल रख दी. अस्पताल में भर्ती मरीज को उपचार के लिए जिस प्राण वायु ऑक्सीजन की बेहद आवश्यकता थी, उसे चिकित्सा कर्मी अधिकारियों की लापरवाही ने मौत की नींद सोने पर मजबूर कर दिया, जिसके कारण भर्ती मरीज बच्चू सिंह प्रजापति की शनिवार को ऑक्सीजन होने के बावजूद भी समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मौत हो गई.

ऑक्सीजन की कमी से मरीज की मौत

वहीं भर्ती मरीज बच्चू सिंह प्रजापति की मौत से गुस्साए परिजनों ने जिला चिकित्सा प्रबंधन की लापरवाही बताते हुए टाल-मटोल रवैया के कारण जिला चिकित्सालय के सिस्टम पर सवाल उठाते हुए हंगामा कर दिया. खुलकर लापरवाही बरतने से मौत होने के आरोप लगाए हैं. घटना की सूचना मिलने पर उपखंड अधिकारी देवेंद्र सिंह परमार मौके पर पहुंचे और परिजनों को शांत करते हुए घटना की जांच की बात कही.

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घटना से गुस्साए परिजन और प्रजापत समाज के नेता रामेश्वर प्रजापत ने जिला चिकित्सा प्रबंधन एवं चिकित्सा कर्मी की लापरवाही से मौत होने के आरोप लगाते हुए प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है. परिजनों और प्रजापत समाज के नेता रामेश्वर प्रजापत ने जिला चिकित्सा प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, हमारा मरीज बच्चू सिंह राजकीय चिकित्सालय में भर्ती था और कोरोना संक्रमित होने पर इलाज चल रहा था. हालांकि, शुक्रवार को उसकी कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी थी. लेकिन अचानक से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और ऑक्सीजन लेवल गिरता हुआ चला गया, जिस पर उसे प्राणवायु ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी. जब हमने ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा कर्मी से ऑक्सीजन लगाने की बात की तो चिकित्साकर्मी ने कहा कि आप पीएमओ से बात करो. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होने की बात कहने लगा. जबकि अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध थी, फिर भी अस्पताल प्रबंधन ऑक्सीजन की मना करता रहा.

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इसके बाद उप जिला कलेक्टर से मोबाइल पर बात करते हुए चिकित्सा प्रबंधन द्वारा मरीज को ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करवाने की घटना से अवगत करवाया तो उपखंड अधिकारी ने तुरंत पीएमओ से वार्ता करके मरीज बच्चू सिंह को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने की बात कही. उपखंड अधिकारी से मिले आदेश की पालना करते हुए पीएमओ ने ड्यूटी पर तैनात चिकित्साकर्मी को बच्चू सिंह को ऑक्सीजन लगाने के आदेश दे दिए. लेकिन चिकित्साकर्मी मरीज को ऑक्सीजन नहीं लगा पाया. जब हमने चिकित्साकर्मी से ऑक्सीजन लगाने की बात कही तो चिकित्साकर्मी टाल-मटोल रवैया करता रहा और रेगुलेटर नहीं मिलने का बहाना बनाता रहा, जिसके कारण मरीज बच्चू सिंह की तबीयत बिगड़ती चली गई और समय पर प्राणवायु ऑक्सीजन होने के बावजूद भी चिकित्साकर्मी द्वारा बरती गई लापरवाही से मौत हो गई. परिजनों का कहना है, यदि जिला चिकित्सा प्रबंधन समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवा देता तो शायद बच्चू सिंह प्रजापति की जान बच जाती.

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