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Special: करौली में मानसून की बेरुखी से बांधों में पानी की स्थिति डगमगाई

देश-प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश से भले ही बाढ़ के हालात बने हों. लेकिन प्रदेश का ही करौली जिला मानसून की बेरुखी से अभी तक जूझ रहा है. मानसून की बेरुखी का ही नतीजा है कि जिले के अधिकाशं बांध-तालाब अभी तक जल हिलोरों के लिए तरस रहे हैं. देखिए इस स्पेशल रिपोर्ट में जिले के बांधों की स्थिति...

Karauli weather news, Karauli dam empties
मानसून की बेरुखी से खाली रह गए बांध
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Published : Sep 2, 2020, 8:42 PM IST

करौली. कहते हैं कि जब सावन आता है तो हर तरफ हरियाली छा जाती है. सूखी नदियां भी कलकल बहने लगती हैं, लेकिन इस बार मानसून की बेरुखी के कारण सावन माह के बाद भादो माह के आधे दिन निकलने के बाद भी जिले के नदी नालों से लेकर बड़े बांध तक पानी के लिए तरस गए हैं.

मानसून की बेरुखी से खाली रह गए बांध

जल संसाधन विभाग के मुताबिक अब तक पिछले सालों की तुलना में औसत से भी कम बरसात दर्ज की गई है. देश-प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश से भले ही बाढ़ के हालात बने हों. लबालब होकर बांध-तालाब छलक उठे हों, लेकिन करौली जिला मानसून की बेरुखी से अभी तक अच्छी बारिश को तरस रहा है.

पढ़ें- स्पेशलः प्राकृतिक सौंदर्यता को लॉकडाउन ने बढ़ाया, मानसून ने निखारा

सावन में भी अधूरी रही आस के बाद अब भादो में पूरा होने की आमजन उम्मीद लगाए बैठे हैं. मानसून की बेरुखी का ही नतीजा है कि जिले के अधिकांश बांध-तालाब अभी तक जल हिलोरों के लिए तरस रहे हैं. बांध-तालाबों में जलतरंगें देखने को लालयित जिलेवासी ईश्वर से इलाके में अच्छी बारिश की कामना कर रहे हैं, लेकिन बदरा केवल जिले के कुछ इलाकों में बूंदाबांदी-बारिश करके तरसा रहे हैं.

प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार करौली जिला इस बार मानसून में भी पिछड़ गया है. स्थिति यह है कि सावन बीतने के बाद भादो माह के आधे दिन निकलने के बाद भी जिले में औसत बारिश तक नहीं हुई है. जल संसाधन विभाग के अनुसार जिले में औसत बारिश से भी कम वर्षा हुई है.

रह गए बांध खाली

जल संसाधन विभाग के अधीन जिले में छोटे-बड़े कुल 13 बांध हैं, लेकिन उनमें से 8 बांध ही आशिंक रूप से भरे हैं. केवल मामचारी बांध पर ही पूर्ण भराव हुआ है. बाकी के बचे बांध लबालब तो दूर पूर्ण क्षमता के आसपास तक नहीं पहुंचे हैं. जिले का प्रमुख पांचना बांध भी आशिंक रूप से भरा है. कुल 258.62 मीटर की भराव क्षमता का पांचना बांध का जलस्तर अभी 257.90 मीटर पर है.

पढ़ें- जैसलमेर: ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर लबालब, 14 साल के बाद पहली बार आया इतना पानी

अन्य बड़े बांधों की बात करें तो 17 फीट की भराव क्षमता के नींदर बांध में भी अभी लगभग 13 फीट पानी है. इनमें से सबसे बुरी स्थिति हिंडौन इलाके के सबसे बड़े जगर बांध की है, जिसका पेटा पूरी तरह पानी को तरस रहा है. कुल 30 फीट भराव क्षमता के जगर में महज लगभग 7 फीट पानी है. कमोबेश इसी प्रकार बेरुंडा, बिशनसंमद, फतेहसागर, खिरखिरी बांध की है, जिनमें भी लगभग 4-6 फीट पानी की आवक हुई है.

पानी को तरसे जिले के 4 बांध

जिले के 13 प्रमुख बांधों में से 4 बांध सूखे की मार झेल रहे हैं. इन बांधों में करौली तहसील के बांधवा बांध, टोडाभीम तहसील का मोहनपुरा बांध और न्यूट्रेक महस्वा बांध एवं सपोटरा तहसील का भूमेन्द्र सागर बांध बिल्कुल खाली रह गया है.

जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करौली के बांधवा बांध कुल 12 फिट का है, जिसमें बिल्कुल पानी की आवक नहीं हुई है. इसी प्रकार टोडाभीम तहसील के मोहनपुरा-16 फीट, न्युट्रेक महस्वा-8 फीट और सपोटरा तहसील का भूमेंद्र सागर 16 फीट भी पानी को तरस गया है. जानकारों का कहना है कि इन बांधों के पास अतिक्रमण और मानसून की बेरुखी के कारण यह बांध खाली रह गए हैं.

मानसून से अधिकारियों को है उम्मीद

जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता विजय कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में अब तक जो बारिश हुई है, उसका औसत 445 एमएम है. जो निर्धारित औसत से काफी कम है. अब जो बारिश हुई है उनमें 8 बांध आंशिक रूप से भरे जा चुके हैं, जिनमें मामचारी बांध पर पूर्ण भराव हो चुका है. पांचना, कालीसिल, जगर, नींदर बांध में लगभग 60 प्रतिशत से अधिक पानी की आवक हो चुकी है. अभी मानसून का एक दौर शेष है. ऐसे में उम्मीद है की आगामी दिनों में पानी आ सकता है.

पानी की आवक को देखते हुए कोई जनहानि नहीं हो, ऐसे में उन्होंने सभी अधिकारियों को अलर्ट जारी किया है. सभी अधिकारी कर्मचारी 24 घंटे बांधों पर निगरानी बनाए हुए हैं.

किसानों के माथे पर छाई चिंता की लकीरें

जिले में अबकी बार मानसून की बेरुखी और ताल तलैया बांधों के जलभराव नहीं होने के कारण किसानों को फसल खराबा होने के अंदेशा के चलते माथे पर चिंता की लकीरें छाई हुई हैं. किसानों का कहना है कि इस बार मानसून की बेरुखी के कारण फसलों को नुकसान होने की संभावना है. ऐसे में उन्होंने सरकार से किसानों को राहत देने की उम्मीद की है.

यह है जिले के प्रमुख बांधों की स्थिति

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मिली सूचना के अनुसार जिले के प्रमुख बांधों में पानी की आवक यह है-

बांधकुल गेजआवक
पांचना258.62 मी257.90 मीटर
कालीसिल25 फीट5.79 मीटर
जगर30 फीट2.83 मीटर
मामचारी19 फीट5.79 मीटर
बांधवा12 फीटसूखा
बैरूण्डा12 फीट0.48 मीटर
नींदर17 फीट4.14 मीटर
विशनसंमद26 फीट1.43 मीटर
मोहनपुरा16 फीटसूखा
न्यूट्रेक महस्वा8 फीटसूखा
फतेहसागर16 फीट2.03 मीटर
भूमेंद्र सागर16 फीटसूखा
खिरखिरी19.6 फीट1.40 मीटर

करौली. कहते हैं कि जब सावन आता है तो हर तरफ हरियाली छा जाती है. सूखी नदियां भी कलकल बहने लगती हैं, लेकिन इस बार मानसून की बेरुखी के कारण सावन माह के बाद भादो माह के आधे दिन निकलने के बाद भी जिले के नदी नालों से लेकर बड़े बांध तक पानी के लिए तरस गए हैं.

मानसून की बेरुखी से खाली रह गए बांध

जल संसाधन विभाग के मुताबिक अब तक पिछले सालों की तुलना में औसत से भी कम बरसात दर्ज की गई है. देश-प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश से भले ही बाढ़ के हालात बने हों. लबालब होकर बांध-तालाब छलक उठे हों, लेकिन करौली जिला मानसून की बेरुखी से अभी तक अच्छी बारिश को तरस रहा है.

पढ़ें- स्पेशलः प्राकृतिक सौंदर्यता को लॉकडाउन ने बढ़ाया, मानसून ने निखारा

सावन में भी अधूरी रही आस के बाद अब भादो में पूरा होने की आमजन उम्मीद लगाए बैठे हैं. मानसून की बेरुखी का ही नतीजा है कि जिले के अधिकांश बांध-तालाब अभी तक जल हिलोरों के लिए तरस रहे हैं. बांध-तालाबों में जलतरंगें देखने को लालयित जिलेवासी ईश्वर से इलाके में अच्छी बारिश की कामना कर रहे हैं, लेकिन बदरा केवल जिले के कुछ इलाकों में बूंदाबांदी-बारिश करके तरसा रहे हैं.

प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार करौली जिला इस बार मानसून में भी पिछड़ गया है. स्थिति यह है कि सावन बीतने के बाद भादो माह के आधे दिन निकलने के बाद भी जिले में औसत बारिश तक नहीं हुई है. जल संसाधन विभाग के अनुसार जिले में औसत बारिश से भी कम वर्षा हुई है.

रह गए बांध खाली

जल संसाधन विभाग के अधीन जिले में छोटे-बड़े कुल 13 बांध हैं, लेकिन उनमें से 8 बांध ही आशिंक रूप से भरे हैं. केवल मामचारी बांध पर ही पूर्ण भराव हुआ है. बाकी के बचे बांध लबालब तो दूर पूर्ण क्षमता के आसपास तक नहीं पहुंचे हैं. जिले का प्रमुख पांचना बांध भी आशिंक रूप से भरा है. कुल 258.62 मीटर की भराव क्षमता का पांचना बांध का जलस्तर अभी 257.90 मीटर पर है.

पढ़ें- जैसलमेर: ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर लबालब, 14 साल के बाद पहली बार आया इतना पानी

अन्य बड़े बांधों की बात करें तो 17 फीट की भराव क्षमता के नींदर बांध में भी अभी लगभग 13 फीट पानी है. इनमें से सबसे बुरी स्थिति हिंडौन इलाके के सबसे बड़े जगर बांध की है, जिसका पेटा पूरी तरह पानी को तरस रहा है. कुल 30 फीट भराव क्षमता के जगर में महज लगभग 7 फीट पानी है. कमोबेश इसी प्रकार बेरुंडा, बिशनसंमद, फतेहसागर, खिरखिरी बांध की है, जिनमें भी लगभग 4-6 फीट पानी की आवक हुई है.

पानी को तरसे जिले के 4 बांध

जिले के 13 प्रमुख बांधों में से 4 बांध सूखे की मार झेल रहे हैं. इन बांधों में करौली तहसील के बांधवा बांध, टोडाभीम तहसील का मोहनपुरा बांध और न्यूट्रेक महस्वा बांध एवं सपोटरा तहसील का भूमेन्द्र सागर बांध बिल्कुल खाली रह गया है.

जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करौली के बांधवा बांध कुल 12 फिट का है, जिसमें बिल्कुल पानी की आवक नहीं हुई है. इसी प्रकार टोडाभीम तहसील के मोहनपुरा-16 फीट, न्युट्रेक महस्वा-8 फीट और सपोटरा तहसील का भूमेंद्र सागर 16 फीट भी पानी को तरस गया है. जानकारों का कहना है कि इन बांधों के पास अतिक्रमण और मानसून की बेरुखी के कारण यह बांध खाली रह गए हैं.

मानसून से अधिकारियों को है उम्मीद

जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता विजय कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में अब तक जो बारिश हुई है, उसका औसत 445 एमएम है. जो निर्धारित औसत से काफी कम है. अब जो बारिश हुई है उनमें 8 बांध आंशिक रूप से भरे जा चुके हैं, जिनमें मामचारी बांध पर पूर्ण भराव हो चुका है. पांचना, कालीसिल, जगर, नींदर बांध में लगभग 60 प्रतिशत से अधिक पानी की आवक हो चुकी है. अभी मानसून का एक दौर शेष है. ऐसे में उम्मीद है की आगामी दिनों में पानी आ सकता है.

पानी की आवक को देखते हुए कोई जनहानि नहीं हो, ऐसे में उन्होंने सभी अधिकारियों को अलर्ट जारी किया है. सभी अधिकारी कर्मचारी 24 घंटे बांधों पर निगरानी बनाए हुए हैं.

किसानों के माथे पर छाई चिंता की लकीरें

जिले में अबकी बार मानसून की बेरुखी और ताल तलैया बांधों के जलभराव नहीं होने के कारण किसानों को फसल खराबा होने के अंदेशा के चलते माथे पर चिंता की लकीरें छाई हुई हैं. किसानों का कहना है कि इस बार मानसून की बेरुखी के कारण फसलों को नुकसान होने की संभावना है. ऐसे में उन्होंने सरकार से किसानों को राहत देने की उम्मीद की है.

यह है जिले के प्रमुख बांधों की स्थिति

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मिली सूचना के अनुसार जिले के प्रमुख बांधों में पानी की आवक यह है-

बांधकुल गेजआवक
पांचना258.62 मी257.90 मीटर
कालीसिल25 फीट5.79 मीटर
जगर30 फीट2.83 मीटर
मामचारी19 फीट5.79 मीटर
बांधवा12 फीटसूखा
बैरूण्डा12 फीट0.48 मीटर
नींदर17 फीट4.14 मीटर
विशनसंमद26 फीट1.43 मीटर
मोहनपुरा16 फीटसूखा
न्यूट्रेक महस्वा8 फीटसूखा
फतेहसागर16 फीट2.03 मीटर
भूमेंद्र सागर16 फीटसूखा
खिरखिरी19.6 फीट1.40 मीटर
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