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Exclusive : निर्दलीय प्रत्याशियों के समर्थन से करौली में कांग्रेस बनाएगी बोर्ड- लाखन सिंह

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Published : Dec 14, 2020, 2:04 AM IST

Updated : Dec 14, 2020, 12:43 PM IST

करौली नगर परिषद के चुनाव परिणाम आ गए हैं. कांग्रेस विधायक लाखन सिंह ने दावा किया है कि बोर्ड उनकी ही पार्टी का बनेगा. उन्होंने 15 कांग्रेसी और निर्दलीय विजेताओं के दम पर बोर्ड बनाने की बात कही है. चुनावों में कांग्रेस और भाजपा ने 15-15 और 25 सीटें निर्दलीय ने जीती हैं.

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करौली विधायक लाखन सिंह से खास बातचीत

करौली. नगर परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. चुनाव के बाद रविवार को मतगणना का काम भी पूरा हो चुका है. नगरपरिषद के 55 वार्डों में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के 15 और भाजपा के भी 15 प्रत्याशी जीत कर आए हैं. बाकी 25 निर्दलीयों के हाथ में बोर्ड की चाबी है. ऐसे में दोनों ही पार्टियां निर्दलीयों को अपनी ओर शामिल करने का प्रयास कर रही हैं. पार्षदों की बाड़ेबंदी शुरू हो चुकी है.

करौली विधायक लाखन सिंह से खास बातचीत

इसके साथ ही कई तरह के लुभावने ऑफर दिए जा रहे हैं. चुनाव परिणाम आने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए करौली विधायक लाखन सिंह ने कांग्रेस का बोर्ड बनाने का दावा किया है. साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों का पूर्ण समर्थन मिलने की बात कही है.

पढ़ें: प्रदेश में आज विधानसभा के चुनाव हो जाएं, तो भाजपा तीन चौथाई बहुमत से जीत दर्ज करेगी: अरुण सिंह

विधायक लाखन सिंह ने कहा कि नगर परिषद इलाके के 55 वार्डों में चुनाव हुए हैं. उनका परिणाम भी आ गया है. कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की है. कांगेस का प्रदर्शन अच्छा रहा है. शहर में कांग्रेस का वोटर अधिकतर कम रहता है. उस आधार पर भी कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा है. विधायक ने माना कि टिकट वितरण की खामियों की वजह से कांग्रेस को कम सीट मिली हैं.

विधायक ने कहा कि कम सीट आने का मुख्य कारण यह रहा कि कांग्रेस के पास टिकट मांगने वालो की भीड़ अधिक थी और टिकट एक व्यक्ति को ही दिया जा सकता है. बाकी के लोग निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए. उन निर्दलीय लोगों में से 13 लोग तो ऐसे जीते हैं जो कांग्रेस के पास टिकट मांगने आए थे. लेकिन कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया. लेकिन वह अब कांग्रेस के ही हैं? कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने नाराज होकर कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ बागी प्रत्याशी के तौर पर उतरने वाले जिताऊ प्रत्याशियों के बारे में विधायक ने कहा कि राजनीति में जो बागी बनकर चुनाव लड़ते हैं वह जीतने के बाद में वह पार्टी से नहीं रहते हैं. वो निर्दलीय रहते हैं. लेकिन जब उनकी आवश्यकता पड़ती है तो उनको पार्टी में भी लिया जाता है.

यह भी पढें. निकाय चुनाव परिणामों के बाद पूनिया ने क्यों कहा- गहलोत और डोटासरा सबसे बड़े झूठे हैं

निर्दलीयों को लेकर विधायक ने कहा कि कांग्रेस के यहां उन प्रत्याशियों के लिए दरवाजे खुले हुए हैं. अगर वह आना चाहिए तो कांग्रेस पार्टी में उनका स्वागत है. कांग्रेस उनको लेने के लिए तैयार है, अगर उनका सपोर्ट मिलेगा तो निश्चित ही करौली में कांग्रेस का सभापति बनेगा. बोर्ड बनाने के मामले पर विधायक ने कहा कि 15 प्रत्याशी पार्टी के जीत कर आए हैं. 13 प्रत्याशी वह हैं जो कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़े थे और चुनाव जीते हैं वो कांग्रेस के संपर्क में हैं. वापस से कांग्रेस में आना चाहते हैं, निश्चित ही कांग्रेस सभापति का बोर्ड बनाएगी.

भाजपा द्वारा कांग्रेस के निर्वाचित प्रत्याशियों से संपर्क में रहने और बोर्ड बनाने का दावा करने पर विधायक ने कहा कि सभी जीते कांग्रेस के प्रत्याशी पार्टी के संपर्क में हैं. यह तो जिस दिन सभापति का चुनाव होगा, उस दिन पता चलेगा कितने कांगेस के जाते प्रत्याशी जाते हैं और कितने बीजेपी के आते हैं.

करौली. नगर परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. चुनाव के बाद रविवार को मतगणना का काम भी पूरा हो चुका है. नगरपरिषद के 55 वार्डों में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के 15 और भाजपा के भी 15 प्रत्याशी जीत कर आए हैं. बाकी 25 निर्दलीयों के हाथ में बोर्ड की चाबी है. ऐसे में दोनों ही पार्टियां निर्दलीयों को अपनी ओर शामिल करने का प्रयास कर रही हैं. पार्षदों की बाड़ेबंदी शुरू हो चुकी है.

करौली विधायक लाखन सिंह से खास बातचीत

इसके साथ ही कई तरह के लुभावने ऑफर दिए जा रहे हैं. चुनाव परिणाम आने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए करौली विधायक लाखन सिंह ने कांग्रेस का बोर्ड बनाने का दावा किया है. साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों का पूर्ण समर्थन मिलने की बात कही है.

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विधायक लाखन सिंह ने कहा कि नगर परिषद इलाके के 55 वार्डों में चुनाव हुए हैं. उनका परिणाम भी आ गया है. कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की है. कांगेस का प्रदर्शन अच्छा रहा है. शहर में कांग्रेस का वोटर अधिकतर कम रहता है. उस आधार पर भी कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा है. विधायक ने माना कि टिकट वितरण की खामियों की वजह से कांग्रेस को कम सीट मिली हैं.

विधायक ने कहा कि कम सीट आने का मुख्य कारण यह रहा कि कांग्रेस के पास टिकट मांगने वालो की भीड़ अधिक थी और टिकट एक व्यक्ति को ही दिया जा सकता है. बाकी के लोग निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए. उन निर्दलीय लोगों में से 13 लोग तो ऐसे जीते हैं जो कांग्रेस के पास टिकट मांगने आए थे. लेकिन कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया. लेकिन वह अब कांग्रेस के ही हैं? कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने नाराज होकर कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ बागी प्रत्याशी के तौर पर उतरने वाले जिताऊ प्रत्याशियों के बारे में विधायक ने कहा कि राजनीति में जो बागी बनकर चुनाव लड़ते हैं वह जीतने के बाद में वह पार्टी से नहीं रहते हैं. वो निर्दलीय रहते हैं. लेकिन जब उनकी आवश्यकता पड़ती है तो उनको पार्टी में भी लिया जाता है.

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निर्दलीयों को लेकर विधायक ने कहा कि कांग्रेस के यहां उन प्रत्याशियों के लिए दरवाजे खुले हुए हैं. अगर वह आना चाहिए तो कांग्रेस पार्टी में उनका स्वागत है. कांग्रेस उनको लेने के लिए तैयार है, अगर उनका सपोर्ट मिलेगा तो निश्चित ही करौली में कांग्रेस का सभापति बनेगा. बोर्ड बनाने के मामले पर विधायक ने कहा कि 15 प्रत्याशी पार्टी के जीत कर आए हैं. 13 प्रत्याशी वह हैं जो कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़े थे और चुनाव जीते हैं वो कांग्रेस के संपर्क में हैं. वापस से कांग्रेस में आना चाहते हैं, निश्चित ही कांग्रेस सभापति का बोर्ड बनाएगी.

भाजपा द्वारा कांग्रेस के निर्वाचित प्रत्याशियों से संपर्क में रहने और बोर्ड बनाने का दावा करने पर विधायक ने कहा कि सभी जीते कांग्रेस के प्रत्याशी पार्टी के संपर्क में हैं. यह तो जिस दिन सभापति का चुनाव होगा, उस दिन पता चलेगा कितने कांगेस के जाते प्रत्याशी जाते हैं और कितने बीजेपी के आते हैं.

Last Updated : Dec 14, 2020, 12:43 PM IST
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