करौली. सपोटरा उपखंड के बुकना गांव में 7 सितंबर को दबंगों द्वारा जलाए गए राधा गोपाल मंदिर के पुजारी बाबू वैष्णव के घर का मंजर देख हर किसी का कलेजा मुंह को आ जाता है. उनके छोटे से झोपड़े में दर्द, गरीबी और गमगीन परिजनों का रूदन ही सुनाई देता है. घर के अंदर का मंजर देखा तो हर किसी का दिल पसीज गया.
दबंगों द्वारा जलाए गए बाबू पुजारी की पत्नी से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो पुजारी की पत्नी ने रोते हुए कहा कि कैलाश मीणा ने मेरे पति को पेट्रोल डालकर जलाया, अब परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा है. आरोपी के परिजन हमें लगातार धमकी दे रहे हैं. आखिरकार हम जिएं तो कैसे जिएं, हम सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग करते हैं.
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टीम ने जब परिजनों से बात की तो उन्होंने बताया कि परिवार में 6 बहन और एक भाई है. पांच बहनों का विवाह हो गया है, लेकिन एक बहन अभी भी अविवाहित है. अब इस घर को चलाने वाला कोई नहीं बचा है. राधा गोपाल मंदिर पर पूजा करने पर जो चढ़ावा आता था और गांव से आटा मांगकर हम अपना पेट भरते थे. अब खाने को आटा भी नहीं है. आखिर हम अपना पेट कैसे भरेंगे.
ईटीवी भारत की टीम ने जब दबंगों द्वारा जलाए गए बाबू पुजारी के बेटे देशराज से बात की तो उसने रूंधे हुए गले से कहा कि आरोपी कैलाश मीणा ने मेरे पिताजी को पेट्रोल डालकर जला दिया. अब हम बेसहारा हो गए हैं. घर चलाना भी मुश्किल है, मुझे मेरा घर चलाने के लिए नौकरी चाहिए. लेकिन सरकार, सरकारी नौकरी नहीं दे रही है और संविदा की नौकरी देकर अपना पल्ला झाड़ रही है. जब बाबू पुजारी की झोपड़ी के अंदर जाकर देखा तो वहां का दृश्य हर किसी के दिल को झकझोर कर देने वाला था. झोपड़ी के अंदर गिनती के चार-पांच बर्तन रखे हुए थे तो एक कोने में दो चार किलो आटा पड़ा हुआ था. वहीं झोपड़ी में एक दो कपड़ों से बंदी पोटली टंगी हुई थी.
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गांव की एक महिला ने बताया कि पुजारी के 6 बेटियां और एक बेटा है. पांच बेटियों की शादी बाबू पुजारी के रहते कर दी गई. लेकिन एक बेटी अभी भी कुंवारी है जिसका विवाह नहीं हुआ है. अब बाबू पुजारी के मरने के बाद परिवार में कमाने खिलाने वाला कोई नहीं बचा है और सरकार ने भी पीड़ित परिवार को ज्यादा आर्थिक सहायता नहीं दी है. अब इन बच्चों का पेट कैसे भरेगा.
परिवार ने की सुरक्षा की मांग
परिवार के लोगों ने बताया अभी भी गांव के आरोपी परिवार से हमारे परिवार को खतरा है. परिवार को सुरक्षा चाहिए. आरोपी परिवार की महिलाएं बीते दिन घर पर आकर खुलेआम धमकी देकर गई हैं, उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है.
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एक झोपड़ी में रहता है परिवार
ईटीवी भारत की टीम ने जब घर का जायजा लिया तो परिवार एक झोपड़ी में निवास करता है. घर पर एक मानसिक विक्षिप्त बालक और विकलांग बेटी रहती है. घर में एक चूल्हा बना है जिस पर खाना पकाया जाता है. साथ ही पहनने ओढ़ने और फटे-पुराने कपड़ों के अलावा कुछ भी नहीं है. और खाना बनाने के बर्तन है. खास बात है यह है की पीड़ित परिवार के पास बिजली का कनेक्शन तक नहीं है. रात को दीपक जला कर घर में उजाला किया जाता है.