करौली. कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को गौशालाओं में संधारित गोवंश के भरण-पोषण 2020-21 माह के प्रथम चरण की सहायता राशि दिए जाने के संबंध में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में जिला कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को नियमित रूप से गौशालाओं की नियमित मॉनिटरिंग करने के साथ गोवंश के सड़कों पर नहीं घुमने के लिए निर्देशित किया.
जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने गौशालाओं की विस्तार से समीक्षा करते हुए पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले की पंजीकृत गौशालाओं में संधारित गोवंश की संख्या का नियमित रूप से निरीक्षण करते रहें और गौशालाओं के गोवंश सड़कों पर न घूमें, यह सुनिश्चित करें. पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. खुशीराम मीना ने बताया कि गौशालाओं का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है और पशुओं की टैगिंग की जाती है. अगर टैगिंग वाला गोवंश सड़क पर घूमता नजर आता है तो अनुदान नहीं दिया जाता है.
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उन्होंने बताया कि जिले में राजस्थान गौसंरक्षण एवं सवंर्धन निधि- 2016 के नियमों की पालना में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए यादव वाटी गौशाला करौली, गोपाल गौशाला समिति हिण्डौन सिटी एवं गौसदन ठेकरा मासलपुर करौली ही पात्रताएं रखती हैं. बैठक में कार्यवाहक अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रभातीलाल जाट, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेन्द्र सिंह चारण, सहित विभिन्न गौशालाओं के संचालक और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.