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करौली में नहीं हुई कोविड वैक्सीन की बर्बादी, सीएमएचओ ने संस्थाओं का निरीक्षण करवाकर जांची प्रमाणिकता - Karauli CMHO checked the authenticity

करौली में कोविड वैक्सीन की बर्बादी को लेकर सीएमएचओ ने जांच कर प्रमाणिकता जांची और इसे भ्रामक प्रचार बताया. उन्होंने कहा वैक्सीन की बर्बादी नहीं हुई है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार वैक्सीनेशन संचालित रहेगा.

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करौली सीएमएचओ ने जांची वैक्सीन बर्बादी की प्रमाणिकता
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Published : Jun 4, 2021, 6:38 PM IST

करौली. जिले में कोविड वैक्सीन की कोई बर्बादी नहीं हुई है. एक दैनिक अखबार में जिस जगह पर वैक्सीन बर्बादी की खबर छापी गई है, वहां पर चिकित्सा अधिकारियों ने संस्थाओं का निरीक्षण कर प्रमाणिकता जांची है. वैक्सीन बर्बादी का ऐसा कोई भी सबूत वहां नहीं मिला है. वाॅयल बर्बादी रोकने के लिए विभाग सचेत और सजग है. वैक्सीन का जिले में पूर्ण उपयोग हो रहा है. यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मीडिया को प्रेस रिपोर्ट जारी कर दी है. इसमें बताया गया है कि भ्रामक प्रचार पर लोग बिल्कुल ध्यान न दें. उन्होंने विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार वैक्सीनेशन संचालित रहेगा.

पढ़ें: झालावाड़: केंद्र की कोरोना वैक्सीन नीति के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, मुफ्त टीकाकरण की मांग

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि एक दैनिक समाचार पत्र में सीएचसी कुडगांव और पीएचसी सलमपुर में वैक्सीन की बर्बादी के बारे में समाचार प्रकाशित हुआ है. जिलास्तर से वैक्सीन आवंटन, खर्च और दैनिक रिपोर्ट की जांच परख के बाद सीएचसी कुडगांव और पीएचसी सलेमपुर का सीएमएचओ, आरसीएचओ डाॅ. जयंजीलाल मीना, डीपीएम आशुतोष पांडेय ने निरीक्षण कर समाचार पत्र में प्रकाशित तथ्यों की जांच की एवं संस्थान प्रभारी से वैक्सीन की स्थिति बारे में जानकारी जुटाई.

उन्होंने बताया कि सीएचसी कुडगांव में वेस्टेज वायल की फोटो और सूचना डीप ब्यूरल पिट की थी. यहां पूर्व उपयोग वायल को बायोवेस्ट नियमों की पालनानुसार डाला गया था. इसी प्रकार पीएचसी सलमपुर में वॉयल के गाड़ने की स्थिति की जांच की गई लेकिन वायल को जमीन के अंदर दबाने को कोई प्रमाण नहीं मिले. डाॅ. मीना ने बताया कि संस्थाओं से फोटो ले जाने वाले पहचान बदलकर आये और ऐसी फोटो लेकर गये जिनका वायल वेस्टेज से कोई संबंध नहीं. उन्होने आमजन से वैक्सीनेशन कराने की अपील करते हुए भ्रामक प्रचारों पर ध्यान न दिये जाने की अपील की है.

करौली. जिले में कोविड वैक्सीन की कोई बर्बादी नहीं हुई है. एक दैनिक अखबार में जिस जगह पर वैक्सीन बर्बादी की खबर छापी गई है, वहां पर चिकित्सा अधिकारियों ने संस्थाओं का निरीक्षण कर प्रमाणिकता जांची है. वैक्सीन बर्बादी का ऐसा कोई भी सबूत वहां नहीं मिला है. वाॅयल बर्बादी रोकने के लिए विभाग सचेत और सजग है. वैक्सीन का जिले में पूर्ण उपयोग हो रहा है. यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मीडिया को प्रेस रिपोर्ट जारी कर दी है. इसमें बताया गया है कि भ्रामक प्रचार पर लोग बिल्कुल ध्यान न दें. उन्होंने विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार वैक्सीनेशन संचालित रहेगा.

पढ़ें: झालावाड़: केंद्र की कोरोना वैक्सीन नीति के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, मुफ्त टीकाकरण की मांग

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि एक दैनिक समाचार पत्र में सीएचसी कुडगांव और पीएचसी सलमपुर में वैक्सीन की बर्बादी के बारे में समाचार प्रकाशित हुआ है. जिलास्तर से वैक्सीन आवंटन, खर्च और दैनिक रिपोर्ट की जांच परख के बाद सीएचसी कुडगांव और पीएचसी सलेमपुर का सीएमएचओ, आरसीएचओ डाॅ. जयंजीलाल मीना, डीपीएम आशुतोष पांडेय ने निरीक्षण कर समाचार पत्र में प्रकाशित तथ्यों की जांच की एवं संस्थान प्रभारी से वैक्सीन की स्थिति बारे में जानकारी जुटाई.

उन्होंने बताया कि सीएचसी कुडगांव में वेस्टेज वायल की फोटो और सूचना डीप ब्यूरल पिट की थी. यहां पूर्व उपयोग वायल को बायोवेस्ट नियमों की पालनानुसार डाला गया था. इसी प्रकार पीएचसी सलमपुर में वॉयल के गाड़ने की स्थिति की जांच की गई लेकिन वायल को जमीन के अंदर दबाने को कोई प्रमाण नहीं मिले. डाॅ. मीना ने बताया कि संस्थाओं से फोटो ले जाने वाले पहचान बदलकर आये और ऐसी फोटो लेकर गये जिनका वायल वेस्टेज से कोई संबंध नहीं. उन्होने आमजन से वैक्सीनेशन कराने की अपील करते हुए भ्रामक प्रचारों पर ध्यान न दिये जाने की अपील की है.

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