लूणी (जोधपुर). 5 जून को हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन के बाद से हुई थी. इस दिन विश्व के सभी देशों ने पर्यावरण जागरुकता के लिए काम करने की प्रतिज्ञा ली थी.
5 जून 1974 को पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था. आज इसको 46 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर लॉयंस क्लब जोधपुर व जे बॉयज ग्रुप के संयुक्त रूप से आज विश्व पर्यावरण दिवस मनाया. इस मौके पर भीषण गर्मी में बेजुबान पशु-पक्षियों को बचाने के लिए दाना-पानी की व्यवस्था की गई.
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इस मौके पर अशोक उद्यान में परिंडे लगाए गए. ये परिंडे प्लास्टिक को रिसाइकिल कर बनाए गए हैं. इन परिंडों की एक खासियत है जैसे ही कोई पक्षी इन पर आकर बैठता है. परिंडों में से अपने आप दाने बाहर निकल आते हैं. साल 2020 में विश्व पर्यावरण दिवस की थीम जैव विविधता है.
जैव विविधता का अर्थ पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जीव जंतुओं से है, जैव विविधता के संदर्भ में साल 2020 विशेष है, जहां 2020 को इतिहास में कोरोना महामारी के लिए याद रखा जाएगा, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि कोरोना संकट का इस साल जैव विविधता पर क्या असर पड़ा है.
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कोरोना वायरस के चक्र को रोकने के लिए विश्व के अधिकतर देशों ने तालाबंदी करने का फैसला लिया. तालाबंदी के बाद सभी लोग घर पर ही रहे. वाहनों और कारखानों पर भी लॉकडाउन के चलते रोक लग गई. जिसके चलते विश्व के अनेक देशों में प्रदूषण स्तर की निरंतर कमी देखी जा रही है.
चीन में जनवरी से ही कार्बन उत्सर्जन में 25 प्रतिशत कमी देखी गई है. अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में कार्बन में ऑक्साइड की मात्रा 2019 की तुलना में इस साल में आधी पाई गई हैं. भारत की राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन के बाद वायु प्रदूषण का स्तर 49 प्रतिशत कम पाया गया है.