भोपालगढ़ (जोधपुर). कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बाद शहरी क्षेत्रों में सैलून में बार्बर पीपीई किट पहन कर काम करते हुए नजर आ रहे हैं. धीरे-धीरे ये चलन कहें या सुरक्षा को लेकर सजगता ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रही है. ग्रामीण इलाकों में भी सैलून पर पीपीई किट पहन कर काम किया जा रहा है. भोपालगढ़ में भी हेयर ड्रेसर पीपीई किट पहन कर काम करते नजर आ रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के बाद देशभर में लगे लॉकडाउन में जब राहत मिलनी शुरू हुई तो सैलून खोलने को लेकर सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई थी. सैलून में काम करते हुए लोग एक दूसरे के कॉन्टैक्ट में ज्यादा आते हैं. जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है.
भोपालगढ़ कस्बे के सैलून सेंटर्स राज्य सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी की पालना करते हुए नजर आ रहे हैं. अपॉइंटमेंट बेस पर कस्टमर को सर्विस दी जा रही है. साथ ही डिस्पोजल इक्विपमेंट्स इस्तेमाल किए जा रहे हैं. हेयर सैलूनों में शुरुआत के दिनों में कस्टमर कम आ रहे थे.
सुरक्षा के कारणों के चलते लोगों ने सैलूनों से दूरी बना कर रखी हुई थी. जिसके बाद भोपालगढ़ में सैलून में काम करने वाले पीपीई किट पहन कर लोगों को सर्विस दे रहे हैं. कस्टमर को सर्विस देते टाइम कोरोना संक्रमण का खतरा ना हो इसलिए सैलून कर्मचारी खुद पीपीई किट पहन रहे हैं. जबकि ग्राहकों के प्रवेश के दौरान मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य कर रखा है.
सैलून को किस तरह से कोरोना संक्रमण फ्री बनाया जा रहा है?
इसके साथ ही बार-बार सैलून को सोडियम हाइपोक्लोराइड से सैनिटाइज भी किया जा रहा है. सैलून संचालकों ने बताया कि कस्टमर को हाइजीन सर्विस प्रोवाइड कराने के लिए उन्हें अपॉइंटमेंट दिया जा रहा है. साथ ही अपने साथ तौलिया लाने की भी अपील की जा रही है. वहीं हर कस्टमर का एक अलग किट तैयार किया गया है. जिसे उन्हीं के सामने खोलकर इस्तेमाल करने के बाद डिस्पोज किया जा रहा है. इसमें डिस्पोजल तौलिया, डिस्पोजल कैंची, डिस्पोजल कंघी सहित तमाम सामग्री मौजूद है.