भोपालगढ़ (जोधपुर). लॉकडाउन के समय महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का कार्य शुरू होने से भोपालगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के गांवों में रहने वाले मजदूरों की जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है. मनरेगा के तहत सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के आधार पर कार्य कराया जा रहा है. जानकारी के अनुसार जोधपुर जिले की 16 पंचायत समितियों में सबसे ज्यादा श्रमिक भोपालगढ़ पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों में लगे हुए हैं.
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पूरे जोधपुर जिले में 1 लाख 70 हजार 103 श्रमिक इन दिनों महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में कार्य कर रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा भोपालगढ़ पंचायत समिति की 23 ग्राम पंचायतों में 15 हजार 883 मनरेगा श्रमिक कार्य कर रहे हैं. विकास अधिकारी प्रदीप कुमार धनदे ने बताया कि राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट के दिशा-निर्देश अनुसार गांव में अधिक से अधिक लोगों को कोरोना वायरस के दौरान रोजगार देने को कहा गया है.
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लॉकडाउन के समय मनरेगा का कार्य शुरू होने से मजदूरों को उनके ही गांव में काम मिलने लगा है. इससे मजदूरों के परिवारों में खुशी देखी गई. जिले में 6 हजार 95 कार्य मनरेगा के अंतर्गत शुरू किए गए हैं, इनमें ज्यादातर जल संचयन और संरक्षण के कार्य हैं. इस दौरान लगातार भोपालगढ़ उपखंड क्षेत्र में मनरेगा कार्य का उपखंड अधिकारी सुखाराम पिंडेल, विकास अधिकारी प्रदीप धनदे औचक निरीक्षण करते हुए श्रमिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान कर रहे हैं.
वहीं, भोपालगढ़ पंचायत समिति के ग्राम पंचायत सुरपुरा खुर्द पूरे जिले की 458 ग्राम पंचायतों में से सबसे अधिक श्रमिकों को रोजगार देने के मामले में भी प्रथम स्थान पर है.