नई दिल्ली: 'वन नेशन वन इलेक्शन' के ड्राफ्ट बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई. अब इसे संसद में पेश किया जाएगा. संसद में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी, इस बिल पर सहमति बनाना. सरकार इसके लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन भी कर सकती है ताकि बिल पर सभी पार्टियां की राय ली जा सके.
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक बिल है और इसका उनकी पार्टी स्वागत करती है, इससे देश की अर्थव्यवस्था में काफी फायदा पहुंचेगा. देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. हुसैन ने कहा कि जब देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एकसाथ होंगे तो देश का काफी खर्च बचेगा जिसे अन्य विकास कार्यों में खर्च किया जा सकेगा.
इस सवाल पर कि क्या सरकार विपक्ष की सहमति बना लेगी, क्योंकि विपक्ष ये आरोप लगा रहा कि एकसाथ चुनाव में धांधली भी हो सकती है, इसपर भाजपा नेता हुसैन ने कहा कि आरोप लगाना विपक्ष की आदत है. उन्होंने कहा कि जब झारखंड में सरकार विपक्ष की बनती है तब ईवीएम में धांधली नहीं होती और जब भाजपा की सरकार कहीं बनती है तब विपक्ष ईवीएम पर आरोप लगाने लगता है.
भाजपा प्रवक्ता हुसैन ने कहा कि मोदी सरकार का यह एक ऐतिहासिक फैसला है और इसका विपक्ष को भी सर्वसम्मति से स्वागत करना चाहिए.
विपक्ष ने बताया 'लोकतंत्र विरोधी'
एक तरह जहां सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने इस कदम का स्वागत किया, वहीं विपक्ष के कई नेताओं और सांसदों ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाए. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी चाहेगी कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाए.
उन्होंने कहा, "यह विधेयक संसद में पेश किया जाएगा और हम चाहते हैं कि इसे जेपीसी के पास भेजा जाए. कांग्रेस का रुख पिछले साल ही पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट कर दिया था, जब उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की समिति को चार पन्नों का पत्र भेजा था."
कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने कहा कि उनकी पार्टी एकसाथ चुनाव कराने के खिलाफ है. उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी ने शुरू से ही अपना रुख साफ कर दिया है, हमारा रुख नहीं बदला है. हम इसका विरोध कर रहे हैं. पूरा विपक्ष इसका विरोध कर रहा है."
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधेयक का विरोध किया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, यह अव्यवहारिक और लोकतंत्र विरोधी कदम क्षेत्रीय आवाजों को मिटा देगा, संघवाद को नष्ट कर देगा और शासन को बाधित करेगा. हम अपनी पूरी ताकत से भारतीय लोकतंत्र पर इस हमले का विरोध करेंगे.
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