जोधपुर. लॉकडाउन के बाद अनलॉक वन में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग लोगों का काम धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है, लेकिन दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों का कहना है कि वे लोग जोधपुर के घंटाघर में सड़कों पर दुकान लगाकर अपने घर परिवार का गुजारा कर रहे हैं. लेकिन जोधपुर नगर निगम द्वारा उन्हें काम करने नहीं दिया जा रहा.
छोटे व्यापारियों का कहना है कि जब भी वे घंटाघर में सड़क के किनारे अपनी छोटी-छोटी दुकानें लगाते हैं. तब नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी उन्हें परेशान करते है और उनका सामान उठाकर ले जाते है. जिससे कि उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. इस संबंध में उन्होंने मंगलवार को जोधपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उक्त स्थान पर बैठने की जगह दिलवाने की मांग की है.
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जोधपुर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह को ज्ञापन देने आए गरीब मजदूर महिलाएं हाथ की बनी चूड़ियां वगैरह बना कर बेचने का काम करती है. साथ ही उसी आय से अपने परिवार का भरण पोषण करती है. महिलाओं का कहना है कि कोरोना वैश्विक महामारी के बाद हुए लॉकडाउन में बेरोजगार थे और अब अनलॉक के दौरान उन लोगों ने उधार पैसे लाकर अपना व्यापार शुरू किया है, लेकिन नगर निगम द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है.
जिससे कि उनका उनके घर परिवार का पालन पोषण करना भी दुश्वार हो गया है. ऐसे में उन्होंने जोधपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर घंटाघर क्षेत्र में सड़क के किनारे जमीन पर बैठकर अपने छोटे व्यापार लगाने के अनुमति देने के संबंध में मांग की है.